चूत एक पहेली -51

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अब तक आपने पढ़ा..

पायल- हा हा हा भाई.. आप भी ना बहुत भोले हो.. ऐसी बातें बताई जाती है क्या.. और वैसे भी अब हम फ्रेण्ड हैं.. तो ये राज हमारे बीच ही रहेगा। रॉनी बार-बार पायल के जिस्म को देख रहा था.. मगर उसकी हिम्मत नहीं हो पाई कि वो खुल कर कुछ देखे या ऐसा हो सकता है कि उसके अन्दर का भाई उसे ये सब करने से रोक रहा हो.. रॉनी- ओह्ह.. थैंक्स.. तुमने तो मेरी टेंशन ख़त्म कर दी.. पता नहीं मैं क्या क्या सोच रहा था.. ओके अब सो जाओ गुड नाईट। पायल- ओके भाई गुड नाईट..

अब आगे..

रॉनी के वहाँ से जाने के बाद पायल मुस्कुराने लगी, वो बुदबुदाई- भाई आप भी बहुत सीधे हो ये बातें तो कुछ भी नहीं.. अब आगे-आगे देखो.. क्या होता है.. और वैसे भी आपका तो पता नहीं.. मगर मेरी नाइट जरूर आज गुड होने वाली है।

पायल के दिमाग़ में वासना का जन्म हो गया था.. वो कुछ सोच कर मुस्कुरा रही थी। रॉनी के जाने के बाद उसने अपने बाल पोंछे और सिर्फ़ एक शॉर्ट नाइटी पहन ली.. उसके अन्दर उसने जानबूझ कर कुछ नहीं पहना और धीरे से अपने कमरे से निकल कर पुनीत के कमरे के पास चली गई। पहले उसने सोचा कि दस्तक दूँ.. मगर बाद में सीधे अन्दर चली गई।

तब तक पुनीत ने लाइट ऑफ कर दी थी और सिर्फ़ बरमूडा पहने बिस्तर पर लेटा हुआ था। दरवाजा खुलने से वो सीधा हुआ.. पुनीत- कौन है वहाँ..? पायल- भाई मैं हूँ और कौन होगा? पुनीत- अरे पायल तुम.. रूको मैं लाइट जलाता हूँ। पायल- नहीं नहीं.. भाई.. रहने दो..

पुनीत कुछ कहता.. तब तक पायल बिस्तर पर आकर बैठ गई थी। पुनीत- क्या हुआ.. क्या तुम्हें नींद नहीं आ रही है?

पायल- कैसे आएगी.. कमरे में एसी कहाँ है। पुनीत- क्या..? उसने शाम को लाने का कहा था.. लाया नहीं वो..? अभी उसकी खबर लेता हूँ.. ऐसा कैसे किया उसने? पायल- अरे जाने दो भाई.. कोई प्राब्लम होगी.. तभी नहीं आया.. मैं आपके साथ सो जाऊँगी। पुनीत- तुझे यहाँ भी नींद कहाँ आएगी.. कल रात में भी तू यहाँ से 5 मिनट में चली गई थी।

पायल- नहीं आज नहीं जाऊँगी.. कल तो एसी था.. हाँ कम ठंडा कर रहा था.. मगर था तो.. आज तो है ही नहीं.. तो जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता और वैसे भी आज मुझे गर्मी कुछ ज़्यादा महसूस हो रही है। पुनीत- अच्छा कोई बात नहीं.. कल मैं उसकी खबर लेता हूँ।

पायल- अरे जाने दो भाई.. वैसे आज आपने एकदम अंधेरा क्यों किया हुआ है.. नाइट बल्ब भी नहीं जलाया? पुनीत- बस ऐसे ही.. लाइट से नींद नहीं आ रही थी.. तो मैंने बन्द कर दी।

पायल- ओके.. अच्छा भाई वो फार्म पर किस तरह का खेल होता है? आपने मुझे बताया ही नहीं? पुनीत- ओह्ह.. कुछ ख़ास नहीं.. अब तुमने ‘हाँ’ कह दी है.. तो तुम्हें वहाँ जाकर पता चल ही जाएगा ना.. पायल- अरे क्या भाई.. आज बता दोगे तो क्या बिगड़ जाएगा.. प्लीज़ प्लीज़.. बताओ ना.. पुनीत- नहीं पायल.. वो बात सुनकर तुम मुझसे नफ़रत करने लगोगी। पायल- ऐसी क्या बात है भाई.. जो मुझे आपसे नफ़रत करने पर मजबूर कर दे.. अब तो आपको बतानी ही पड़ेगी।

पुनीत- सॉरी पायल.. मैं टोनी की बातों में फँस गया था.. इसलिए इस गेम के लिए ‘हाँ’ कह दी.. मगर तुम घबराओ मत.. हम ही जीतेंगे.. पायल- भाई पहेली मत बुझाओ.. सीधे-सीधे बोलो ना.. क्या बात है?

पुनीत- ये दरअसल त..त..तुमने ‘स्ट्रीप पोकर’ का नाम सुना है ना.. बस कुछ-कुछ वैसा ही है। स्ट्रीप पोकर का नाम सुनकर पायल की उत्तेजना और बढ़ गई.. मगर वो झूठमूट का नाटक करने लगी। पायल- ओह्ह.. ओह माय गॉड.. भाई वहाँ सब कपड़े निकालेंगे क्या? पुनीत- नहीं सब नहीं.. बस तुम और टोनी की बहन कोमल.. पायल- क्या.. सिर्फ़ हम दोनों.. और बाकी सब नहीं.. ऐसा क्यों..? मुझे जरा ठीक से समझाओ भाई।

पुनीत ने पूरी बात पायल को विस्तार से बताई.. मगर चुदाई वाली बात नहीं बताई। वो जानता था कि ऐसी गंदी बात पायल बर्दाश्त नहीं कर पाएगी।

पायल- नहीं नहीं भाई.. मैं वहाँ नहीं जाऊँगी.. ऐसे सबके सामने नंगा होना छी:.. छी:.. आपने मेरे बारे में ये सब सोच भी कैसे लिया? पायल की ‘ना’ सुनकर पुनीत की गाण्ड फट गई। उसको लगा कि अब उसका खेल ख़त्म हो गया है.. पायल तो गुस्सा हो गई। पुनीत- अरे सॉरी पायल… मगर त..त..तुम मेरी बात तो सुनो.. ऐसा कुछ नहीं होगा.. मैं एक भी राउंड नहीं हारूंगा प्लीज़ तुम.. ना मत कहो।

पायल अंधेरे का फायदा उठा कर पुनीत के एकदम करीब आ गई और अपना सर पुनीत के सीने पर रख दिया। पायल- मैं जानती हूँ भाई.. आप नहीं हारोगे.. मगर ऐसे गेम का क्या भरोसा अगर आप हार गए.. तो सब मेरे जिस्म को देखेंगे.. नहीं नहीं..

पायल कुछ इस तरह पुनीत से लिपटी हुई थी कि उसका सर सीने पर और नंगी टांगें पुनीत की जाँघ पर थीं। पुनीत- अरे कुछ नहीं होगा.. और वैसे भी तू ही तो कहती है.. तुम एक मॉर्डन लड़की हो और मेरे सामने कैसे ब्रा-पैन्टी में आ गई थीं। बस ऐसा समझो एक राउंड हार भी गया.. तो ज़्यादा से ज़्यादा सब तुम्हें ब्रा और पैन्टी में देख लेंगे.. प्लीज़ यार ना मत कहो.. अब ये हम दोनों की इज़्ज़त का सवाल है।

पायल अब पुनीत के सीने पर हाथ घुमाते हुए बोली- भाई, आपके सामने तो मैं बिना कपड़ों के भी आ जाऊँ.. तो घर की बात घर में रहेगी.. मगर ऐसे सबके सामने आना.. मुझे तो सोच कर ही बहुत शर्म आ रही है.. पुनीत- अच्छा मेरे सामने बिना कपड़ों के आएगी.. तब शर्म नहीं आएगी?

पुनीत अब वासना के जाल में फँस रहा था। पायल का स्पर्श.. उसका हाथ घुमाना.. उसको अच्छा लग रहा था, उसके लंड में अकड़न शुरू हो गई थी। तभी तो उसके मुँह से ऐसी बात निकल पड़ी।

पायल तो वैसे भी अपने होश में नहीं थी, पुनीत की बात सीधे उसकी चूत पर लगी यानि उसकी चूत ये सोच कर गीली हो गई कि पुनीत के सामने जब वो नंगी होगी.. तो क्या होगा? पायल- आपके सामने तो अभी नंगी हो जाऊँ.. बस एक बार बोल के तो देखो..

पुनीत- पायल सच बताओ.. आजकल तुम्हें क्या हो गया है? ऐसी बातें क्यों करने लगी हो तुम? मैं तुम्हारा भाई हूँ मगर तुम मुझसे ऐसे चिपकी हुई हो.. जैसे मैं तुम्हारा ब्वॉयफ्रेण्ड होऊँ.. ये सब क्या चल रहा है?

पायल- भाई आप लड़के भी तो हो ना.. और ऐसे हैण्डसम लड़के के लिए तो लड़कियां लाइन लगा के खड़ी रहती हैं और मेरी किस्मत तो अच्छी है.. जो सीधे आप मिल गए भाई.. सच्ची आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो.. पुनीत- सच में.. तुम्हें इतना अच्छा लगता हूँ क्या? पायल- हाँ भाई सच्ची मेरे दिल की धड़कनें तो आपके बारे में सोच कर ही बढ़ जाती हैं। पुनीत- चल पगली.. कुछ भी बोलती है..

पायल ने पुनीत का हाथ अपने सीने पर रख कर दबा दिया और बड़े प्यार से कहा आप खुद देख लो।

नाइटी के अन्दर उसने कुछ नहीं पहना था। उसके मस्त मम्मों और पुनीत के हाथों के बीच बस पतला सा नाइटी का कपड़ा था। इस अहसास से ही पुनीत की धड़कनें बढ़ गईं.. वो हाथ हटाना चाहता था.. मगर पायल ने उसके हाथ को अपने हाथ से दबाया था। पायल- देखो भाई.. कैसे मेरी धड़कनें तेज चल रही हैं। पुनीत- हाँ ये तो बहुत तेज है.. अब अपना हाथ हटाओ। पायल- रहने दो ना भाई.. मुझे अच्छा लग रहा है।

पायल अब मस्ती के मूड में आ गई थी और पुनीत का भी ईमान कुछ-कुछ बिगड़ गया था। पुनीत- अच्छा पायल रहने देता हूँ.. मगर एक बात तो बता.. वहाँ हॉस्टल में तुम कुछ करती थीं क्या.. जो इतनी फास्ट हो गई हो? पायल- आपके कहने का क्या मतलब है भाई.. मेरी समझ के बाहर है?

पुनीत अब धीरे-धीरे पायल के मम्मों को उंगली से सहलाने लगा था। उसको ऐसा करने से मज़ा आ रहा था। पुनीत- कुछ नहीं जाने दे.. तू नहीं समझेगी.. वैसे तुम आजकल बहुत सेक्सी हो गई हो..

पायल ने अपना हाथ धीरे से हटा लिया था। अब पुनीत उसके मम्मों से आराम से खेल रहा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! पायल- अच्छा ये बात है.. सेक्सी हरकतें आप कर रहे हो.. और सेक्सी मुझे बता रहे हो। पुनीत समझ गया और जल्दी से उसने अपना हाथ मम्मों से हटा दिया।

पायल- अरे रहने दो ना भाई.. मुझे अच्छा लग रहा था.. मैं तो बस मजाक कर रही थी.. आप तो नाराज़ हो गए? पुनीत- देखो पायल.. ये गलत है.. हम भाई-बहन हैं.. जैसा तुम सोच रही हो वैसा नहीं हो सकता।

पायल- क्या गलत है भाई.. और वैसे भी मैंने अब तक कुछ नहीं सोचा.. हाँ इतना जरूर है कि हम एक-दूसरे की जरूरत को पूरा कर सकते हैं.. इसमें कुछ गलत नहीं है। पुनीत- पायल मानता हूँ तुम बड़ी हो गई हो.. तुम्हारे जिस्म की जरूरतें हैं मगर मैं ही क्यों?

पायल- भाई आप तो जानते ही हो.. मेरा कोई ब्वॉयफ्रेण्ड नहीं है और इतनी जल्दी कोई बनेगा भी नहीं.. वैसे भी हम आपस में एक-दूसरे को समझ सकते हैं.. मैं किसी और पर भरोसा नहीं कर सकती। प्लीज़ आप मान जाओ ना..

इतना कहकर पायल एकदम से पुनीत के सीने पर आ गई। उसके मम्मे अब पुनीत के सीने में धँस रहे थे.. उसकी गर्म साँसें पुनीत की साँसों से मिल रही थी।

दोस्तो, आप जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिख कर मुझे बताओ कि आपको कहानी कैसी लग रही है। कहानी जारी है। [email protected]

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