चूत एक पहेली -54

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अब तक आपने पढ़ा..

बस फिर क्या था आनन-फानन में अर्जुन ने भाभी को साथ चलने का कह दिया कि वहाँ वो अकेला कैसे सब संभाल पाएगा और निधि ने भी ज़िद की.. कि वो भी साथ जाएगी.. तो बस फैसला हो गया। अर्जुन रातों-रात जाने का बंदोबस्त करने चला गया। अब यहाँ का ट्विस्ट कल समझ आ जाएगा। इनको शहर आने दो.. सब खेल समझ जाओगे। चलो पुनीत को देख आते हैं वो अब तक आ गया होगा। पुनीत जब बाहर आया तो पायल को देख कर हैरान हो गया। वो सब देख कर उसकी आँखें फट गईं.. बदन में अजीब सी हलचल शुरू हो गई और उसका लौड़ा धीरे-धीरे अकड़ना शुरू हो गया।

अब आगे..

पायल बिस्तर पर आँखें बन्द किए हुए सीधी लेटी हुई थी.. उसके पैर मुड़े हुए और ऐसे फैले हुए थे.. जैसे चुदाई के वक़्त किसी रण्डी के होते हैं। वो कमर को ज़ोर-ज़ोर से हिला रही थी और बड़बड़ा रही थी- आह सस्स आह.. भाई.. चोदो.. आह.. पूरा डाल दो.. आह.. फाड़ दो मेरी चूत को.. आह.. उई.. मज़ा आ रहा है..

पुनीत धीरे से बिस्तर पर चढ़ गया और पायल की टाँगों के बीच बैठ गया। जैसे ही उसने लौड़ा चूत पर सैट किया.. पायल ने आँखें खोल दीं और अपनी हरकत पर शर्मा गई।

पायल ने जल्दी से करवट ली और अपना मुँह हाथों से छुपा लिया।

पुनीत- अरे क्या हुआ.. शर्मा क्यों रही हो.. मुझे नहीं पता था मेरी गुड्डी की चूत में इतनी आग लगी है.. नहीं तो कब का.. मैं अपने लौड़े से इसकी आग को मिटा देता.. पायल- क्या भाई, आप चुपके से क्यों आ गए.. जाओ अब मैं आपसे बात नहीं करती.. पुनीत- अरे मेरी जान.. ये शर्माना छोड़ो.. जो अकेले-अकेले कर रही थी ना.. अब मेरे साथ करो.. तो तुमको ज़्यादा मज़ा आएगा।

पायल- भाई आपको मेरे मम्मे अच्छे लगते हैं ना.. अब इनका रस पीलो.. मुझे प्यार दो.. मेरे जिस्म को नोंच डालो.. मैं तैयार हूँ.. आपके प्यार को पाने के लिए.. उसके बाद अपने लंड से मेरी चूत को ठंडा करना.. पुनीत- मेरी जान.. कसम से तू ऐसी क़यामत होगी.. मैंने सोचा भी नहीं था। अब तू अपने भाई का कमाल देख.. कैसे तेरी वासना को मिटाता है।

पुनीत अब पायल के मम्मों को दबाने लगा और पायल के मुँह में अपनी जीभ डाल कर उसको मज़ा देने लगा। कभी वो पायल के मम्मों को चूसता.. कभी निप्पल पर जीभ घुमाता.. बेचारी वो तो पहले से बहुत गर्म थी, अब पुनीत उसको और गर्म करने लगा था।

कुछ देर ये चलता रहा.. उसके बाद पायल सिसकारियाँ लेती हुई बोली- उफ़फ्फ़ भाई.. आह.. मेरी चूत की आग मिटा दो.. आह.. फाड़ दो इसे.. बहुत इसस्स स्स.. परेशान कर रही है.. आह.. भाई कुछ करो आह..

पुनीत ने चूत को चाटने का आसन बदला और 69 की अवस्था में आकर वो पायल की चूत चाटने लगा। इधर प्यासी पायल लौड़े को कुल्फी समझ कर चाटने लगी। दोनों कुछ देर तक ये खेल खेलते रहे। अब पुनीत के भी बस के बाहर हो गया था। वो बैठ गया.. उसने पायल की टांगें फैला दीं और चूत पर उंगली घुमाने लगा।

पायल- आह..इससस्स.. भाई.. घुसा दो आह…. अब बस बर्दास्त नहीं होता भाई.. उफफफ्फ़.. पुनीत उंगली से चूत को खोलने की कोशिश करने लगा.. पर चूत बहुत टाइट थी। उसने थोड़ी सी उंगली चूत के अन्दर डाली.. तो पायल ज़ोर से उछली। पायल- आअऊच भाई.. आराम से उफ़.. दुखता है ना..

पुनीत- अरे ये क्या पायल.. तुमने आज तक अपनी चूत में उंगली भी नहीं डाली.. इतना सा दर्द से नहीं पा रही हो.. लौड़ा जाएगा तो कैसे सह पाओगी? पायल- आह.. पता नहीं भाई.. मगर जैसे भी डालना है.. अब डाल दो.. मेरे सर में दर्द होने लगा है.. एक अजीब सा भारीपन मुझे महसूस हो रहा है.. पता नहीं मुझे क्या हो रहा है… मेरी चूत में बहुत खुजली होने लगी है। अब तो आप डाल ही दो बस..

पुनीत- ठीक है पायल.. अब मेरा लौड़ा भी बहुत अकड़ कर दर्द करने लगा है। अब तो इसको चूत की गर्मी ही ठंडा कर सकती है। पायल- भाई प्लीज़.. जरा आहिस्ते से पेलना.. ये मेरा पहली बार है। पुनीत- तू फिकर मत कर मेरी जान.. तेरा पहली बार है.. मगर मैंने बहुत सी चूतें खोली हैं.. मैं सब जानता हूँ कि कैसे करना है.. और तू तो मेरी प्यारी बहन है.. तुझे थोड़ी ज़्यादा तकलीफ़ दूँगा।

पायल- ओह्ह.. रियली.. मुझे तो कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि आप ऐसे होंगे मगर आप तो बड़े छुपे रुस्तम निकले.. पुनीत- अरे तुझे कैसे पता होगा.. तू कौन सा यहाँ रहती है.. चल अब बातें बन्द कर.. पैर ठीक से फैला.. ताकि तेरी चूत की आज ओपनिंग कर दूँ।

पायल ने घुटने मोड़ कर पैर फैला लिए.. जिससे उसकी चूत थोड़ी सी खुल गई, पुनीत ने टेबल से आयली क्रीम ले ली और अपने लौड़े पर अच्छे से लगा ली। पायल- क्या कर रहे हो भाई.. पुनीत- अरे लौड़े पर क्रीम लगा के चिकना कर रहा हूँ ताकि आराम से फिसलता हुआ अन्दर घुस जाए.. इससे तुझे तकलीफ़ कम होगी.. समझी.. पायल- ओह्ह.. थैंक्स भाई.. आप मेरी कितनी फिकर करते हो..

पुनीत ने थोड़ी क्रीम पायल की चूत पर भी लगाई.. थोड़ी उंगली से चूत के अन्दर भी लगाई। पायल- आह.. आराम से भाई.. कहीं नाख़ून ना लग जाए..

पुनीत अब कुछ बोलने के मूड में नहीं था उसने लौड़े को चूत पर सैट किया और धीरे-धीरे दबाव बनाने लगा.. मगर चिकनाई से लौड़ा ऊपर को फिसल गया। पायल की चूत बहुत टाइट थी.. उसका सुपारा भी अन्दर नहीं घुस पा रहा था। मगर पुनीत कोई कच्चा खिलाड़ी नहीं था.. उसने उंगली से चूत को थोड़ा सा खोला और सुपारा अन्दर फँसा दिया और धीरे-धीरे दबाव बनाने लगा।

पायल- आह.. भाई.. बहुत दर्द हो रहा है.. उफ़फ्फ़.. जरा आराम से.. डालना.. आह्ह.. आपका बहुत मोटा है.. ओह्ह.. गॉड.. मेरी जान निकल जाएगी.. इस दर्द से.. आह.. भाई आह.. पुनीत- अरे अभी डाला कहाँ है.. बस लंड का टोपा चूत में फँसाया है मैंने.. अब तू दाँत भींच ले.. बस एक बार दर्द होगा.. उसके बाद हमेशा के लिए मज़े ही मज़े।

पायल ने बिस्तर की चादर को कस के पकड़ लिया और डर से अपनी आँखें बन्द कर लीं.. पुनीत को पता था दर्द के कारण पायल शोर करेगी, वो उसी अवस्था में उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों पर जोरदार किस शुरू कर दी। पुनीत अब लौड़े पर दबाव बनाता जा रहा था.. धीरे-धीरे उसका सुपारा अन्दर घुसने लगा और दर्द के कारण पायल का बदन मचलने लगा।

पायल की टाइट चूत में लौड़ा घुसना आसान नहीं था। अब पुनीत को थोड़ा ज़ोर लगाना पड़ रहा था और पायल की सील ऐसे प्यार से टूटने वाली थी नहीं.. तो पुनीत ने एक झटका मारा, इस प्रहार से 3″ लौड़ा चूत की सील तोड़ता हुआ अन्दर चला गया।

पायल को दर्द की एक तेज लहर जिस्म में होने लगी। उसकी चीख निकली.. मगर पुनीत के होंठों के नीचे दब कर रह गई। वो छटपटाने लगी। पुनीत ने कस कर उसके हाथ पकड़ लिए और लौड़े को दोबारा पीछे किया, अबकी बार का धक्का पहले से ज़्यादा तेज़ था, पूरा लौड़ा झटके से चूत की गहराई में समाता चला गया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

पायल ज़ोर से चिल्लाई.. मगर आवाज़ बाहर कहाँ से आती.. उसका मुँह तो पुनीत ने होंठों से बन्द किया हुआ था। पुनीत जानता था कि सील टूटने से उसको कितना दर्द हुआ होगा.. क्योंकि उसको यह भी अहसास हो गया था कि पायल की चूत से खून का रिसाव शुरू हो गया.. जो उसके लौड़े से होता हुआ बिस्तर पर गिरने लगा है।

उसने पूरा लौड़ा अन्दर घुसा दिया.. अब वो बिना हिले बस ऊपर लेटा रहा और पायल के होंठ चूसता रहा। पायल की आँखों में आँसू आ रहे थे.. जिसे देख कर पुनीत ने उसके होंठ आज़ाद किए।

पुनीत- सॉरी पायल.. मेरी वजह से तुम्हें कितना दर्द हो रहा है ना.. पायल- आह.. भाई.. बहुत दर्द हो रहा है.. आह.. आपने पूरा एक साथ क्यों डाल दिया.. आह.. आराम से डालते तो ठीक रहता.. ऑफ.. मेरी चूत फट गई.. पुनीत- नहीं पायल.. धीरे-धीरे डालता.. तो दर्द ज़्यादा होता.. एक ही बार में डालने से एक बार दर्द हुआ। अब तुम्हें आराम से चोदूंगा।

कुछ देर बाद पायल का दर्द कम हुआ तो पुनीत लौड़े को आगे-पीछे करने लगा। दस मिनट तक धीरे-धीरे पुनीत पायल को चोदता रहा। अब पायल का दर्द कम हो गया था और उसको दर्द के साथ मज़ा भी आने लगा था। पायल- आह सीई.. भाई.. आह.. अब तेज करो ना.. आह.. मेरी चूत जल रही है.. आह.. फक मी ब्रो.. आह.. फक मी..

पुनीत समझ गया कि अब पायल की उत्तेजना चरम पर आ गई है.. तो उसने भी स्पीड बढ़ा दी और ‘दे..दनादन..’ लौड़ा पेलने लगा।

पायल- आह..आईईइ..उफ़फ्फ़.. भाई.. आह.. मज़ा आ रहा है.. आह.. चोदो.. आह.. आज अपनी बहन को चोद कर आह.. आप भी आह.. बहनचोद बन जाओ आह.. पुनीत- उहह उहह.. मेरी जान.. आह.. तेरी चूत बहुत टाइट है.. आह.. ऐसी चूतें मिलती रहें.. तो लौड़े को मज़ा आ जाए.. उफ़.. ले संभाल.. ले..

पुनीत अब स्पीड से चोदने लगा था और पायल भी उछल-उछल कर उसका साथ दे रही थी, दो जवान भाई बहन के जिस्म अब एक हो गए थे।

दोस्तो, उम्मीद है कि आपको कहानी पसंद आ रही होगी.. तो आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है। कहानी जारी है। [email protected]

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