Jaanvi, Ek Chudakkad Bhabhi – Part 4

Idhar wasim bhi ye sab dekhne k baad hairaan tha …

मेरा गुप्त जीवन -25

निर्मला गैर मर्दों से अपनी चूत चुदाई के किस्से सुनात…

Mere Dost Ki Maa Meena – Part 2

(हम ऐसे ही जमीन पर लेटे रहे और मैं अपना लण्ड आंटी …

मेरा गुप्त जीवन- 21

पहले चम्पा और अब फुलवा दोनों ही गर्भवती हो गई तो मु…

धोबी घाट पर माँ और मैं -13

माँ एक बार जरा पीछे घूम जाओ ना!’ ‘ओह, मेरा राजा म…

अठरह वर्ष पूर्व दिए गए वचन का मान रखा-1

लेखिका : नलिनी रविन्द्रन अनुवादक एवं प्रेषिका: तृष्णा…

दोस्ती और प्यार के बीच का अहसास-1

हैलो दोस्तो.. वैसे तो मैं अन्तर्वासना बहुत सालों से …

बहन का लौड़ा -64

अभी तक आपने पढ़ा.. रोमा ने अपने दिल का हाल टीना को…

जन्मदिवस पर चूत का तोहफा -2

अब तक आपने पढ़ा.. वो रसोई में से कुछ खाने को ले आई…

मेरा गुप्त जीवन- 19

बिंदू और फुलवा का आपस का प्रेमालाप देख कर मन बड़ा व…