खेली खाई मेहनाज़ कुरैशी
इमरान यह कहानी मेरे एक दोस्त संजय अग्रवाल की है, आप…
Aaj Bana Maderchod
Dosto kese ho…Mujhe pata he aap logo ko meri pich…
राधा, मैं तुझ बिन आधा
लेखक : जोगी यारा मैंने पहली बार अन्तर्वासना डॉट कॉम…
भतीज-बहू के साथ सुहागरात -2
शमशेर तुरंत हैंड्पंप के पास जाकर पानी चलाने लगा और…
शीला की जवानी
प्रेषिका : शीला कुमारी दोस्तो, मेरा नाम शीला है, मै…
तेरे मम्मे तो औरतों जैसे हैं
लेखक : सनी गांडू मेरी गाड़ी एक बार फिर से पटरी पर …
वासना का भूत-1
एक बार फिर मैं अपने जीवन की एक और सत्य घटना लेकर आ…
अहमदाबाद का जिगोलो
दोस्तो, मेरा नाम सागर है, मैं अहमदाबाद में रहता हू…
चांदनी रात की ज्योति
प्रेषक : राहुल सिंह अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेर…
दो बहनों की बुर चुदाई
मेरा नाम विश्राम है, मैं एक छोटे से गाँव का रहने व…