मेरा गुप्त जीवन -87

हमारी ट्रेन ठीक टाइम पर दिल्ली स्टेशन पर पहुँच गई और…

लौड़े की तकदीर-1

अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा प्रणाम.. जनाब.. मैं अप…

भांजी ने घर में नथ खुलवाई -3

रात को खाना इत्यादि में ग्यारह बज गए तो मैंने रीना …

लण्ड न माने रीत -1

उस दिन माँ का फोन सुबह सवेरे ही आ गया ‘बेटा.. कैस…

बहन का लौड़ा -25

अब तक आपने पढ़ा.. रोमा- ओके बाबा, मैं कान पकड़ कर स…

जवानी की दहलीज पर चूत चुदाई

दोस्तो कैसे हो.. मैं हूँ आपका दोस्त मनीष.. मैं कोटा…

बहन का लौड़ा -23

अभी तक आपने पढ़ा.. अब तो बस नीरज होंठों को ऐसे चूस…

गर्म चूत चुदाई वाली सर्दी की रात

अन्तर्वासना के चाहने वालों को कविर राज का नमस्कार। म…

बहन का लौड़ा -21

अभी तक आपने पढ़ा.. राधे- मेरी जान.. तेरी गाण्ड बड़ी …

ऑस्ट्रेलिया की बुलबुल रानी -7

मेरी गीली जीभ उसकी चूत के आस पास के बदन पर फिरने …