पड़ोसन दीदी-2

वो जिस्म की आग से तप रही थी। उसने मुझे अपनी ओर खीं…

यह है सील तोड़ने का मज़ा

लेखक : अमित मेरी तरफ से अन्तर्वासना के सभी पाठकों क…

अंगूर का दाना-3

प्रेम गुरु की कलम से उस रात मुझे और अंगूर को नींद …

किरायेदार-5

लेखिका : उषा मस्तानी सपना ने मुझे आवाज़ लगाई- राकेश…

किरायेदार-3

सुरेखा की तरफ देखती हुई नर्स बोली- तू भी अपनी चूत …

किरायेदार-9

लेखिका : उषा मस्तानी रजनी उठी और उसने मुस्करा कर मु…

किरायेदार-4

लेखिका : उषा मस्तानी उसकी आँखों से आनन्द चमक रहा था…

छुपाए नहीं छुपते-2

प्रेषक : कुमार बोसोन उसने मेरा लिंग अपने हाथों में…

छप्पर फाड़ कर-1

सुगंधा को वापस उसके छात्रावास छोड़ने के बाद मैं सभी…