धोबी घाट पर माँ और मैं -12
कहानी का पिछ्ला भाग : धोबी घाट पर माँ और मैं -11 म…
भाभी की गीली पैन्टी -1
अन्तर्वासना के पाठको, मैंने अभी अभी अन्तर्वासना की का…
मेरा गुप्त जीवन- 22
मैंने अपना पायजामा खोला और खड़े लंड को उसकी चूत पर…
एक भाई की वासना -4
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. मैं- देख…
मेरे लण्ड का नसीब -3
अब तक आपने पढ़ा.. कुछ देर बाद हम दोनों बाथरूम में …
तुझ को भुला ना पाऊँगा -4
शाम को मैं घर से 8 बजे के करीब निकला और 10 मिनट म…
भाभी की गीली पैन्टी -3
कहानी का पिछला भाग: भाभी की गीली पैन्टी -2 अब तक आ…
अठरह वर्ष पूर्व दिए गए वचन का मान रखा-2
लेखिका : नलिनी रविन्द्रन अनुवादक एवं प्रेषिका: तृष्णा…
एक भाई की वासना -6
हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. शाम को जब हम लोग टीवी देख…
एक भाई की वासना -7
हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. पानी पीते हुए फैजान की नज…