लण्ड न माने रीत -1

उस दिन माँ का फोन सुबह सवेरे ही आ गया ‘बेटा.. कैस…

गर्म चूत चुदाई वाली सर्दी की रात

अन्तर्वासना के चाहने वालों को कविर राज का नमस्कार। म…

ऐसी मौसी सब को मिले-4

‘बिल्कुल नंगे होकर खाना खाएं?’ ‘क्या, पागल हो क्या?’…

तन की जरूरत रिश्तों से बड़ी होती है-3

सुबह के 6 बज चुके थे, मुझे लगा कि भाभी जागने वाली…

मेरी दूर के रिश्ते की चुदक्कड़ बुआ-2

‘तो तुम कॉल-गर्ल हो? मैंने पूछा। ‘सिर्फ़ पार्ट-टाइम औ…

बेवफ़ा शौहर दगाबाज सहेली-1

मेरा नाम फराह परवीन है, मैं अहमदाबाद में रहती हूँ…

दोस्त की बीवी की मस्त चुदाई-1

दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार.. आप सभी लोगों ने मे…

ऑस्ट्रेलिया की बुलबुल रानी -7

मेरी गीली जीभ उसकी चूत के आस पास के बदन पर फिरने …

लौड़े की बदकिस्मती

मैं बचपन से ही मस्तराम टाईप की कहानियाँ पढ़ने का बह…

पंजाबन सुपरवाईजर की गोरी चूत

मैं सुदर्शन आज फिर हाजिर हूँ.. अपनी जीवन की एक नई …