कमाल की हसीना हूँ मैं -9

शुरू-शुरू में तो मुझे बहुत शर्म आती थी। लेकिन धीरे…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -21

सम्पादक- जूजा अब तक आपने पढ़ा.. मैं फरहान की गाण्ड म…

मेरा गुप्त जीवन- 178

नंदा भाभी जो अभी तक ट्रेन में मेरे द्वारा चुदाई प्रो…

दो सहेलियाँ चुद गई बॉयज हॉस्टल में-3

मैं अपने रूम पर गई, दरवाज़ा खुल हुआ था, बेड पर ज़ीन…

मोनिका और उसकी मॉम की चुदने को बेकरार चूत -2

अब तक आपने पढ़ा.. कि किस तरह मैं गेट का एग्जाम देने…

मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-9

ठक… ठक…! पता नहीं अब कौन आ गया? यह तो अच्छा हुआ कि…

सन्ता जी के करतब

एक बार सन्ता जी का सर फट गया। डॉक्टर इरफ़ान- ये कैसे…

कमाल की हसीना हूँ मैं -8

मेरे जिस्म पर कपड़ों का होना और ना होना बराबर था। स…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -26

हम भाइयों की जिद पर आपी ने आखिर अपनी सलवार उतार ह…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -22

सम्पादक जूजा अब तक आपने पढ़ा.. यह मेरी जिंदगी का सब…