मेरा गुप्त जीवन- 116
अगले दिन सुबह कोई 10 बजे के करीब एक मिनी बस हवेली…
मैं चूत और गान्ड मरवा कर रण्डी बनी
साथियो, यह मेरी जिंदगी की सच्ची कहानी है जो मैं आज…
मेरा गुप्त जीवन- 118
लेकिन मैं वाकयी में उन तीनों से बहुत ही ज़्यादा प्रभ…
अपना सपना सच हुआ
मुझमें हमेशा से एक दिली इच्छा थी कि गाँव की खूब लं…
चूत एक पहेली -55
अब तक आपने पढ़ा.. पुनीत समझ गया कि अब पायल की उत्ते…
मेरी गाण्ड का उद्घाटन
अन्तर्वासना पर मैंने कई कहानियाँ पढ़ी हैं। इसमें बहु…
नयना भाभी की मस्त चूत चुदाई
हैलो, मेरा नाम पंकज है और मैं काला पीपल (म.प्र.) स…
चेतना की चुदाई उसी के घर में -3
अब तक आपने पढ़ा.. मैंने कहा- जान.. अगर तो इसको खा …
नवम्बर 2015 की लोकप्रिय कहानियाँ
प्रिय अन्तर्वासना पाठको नवम्बर महीने में प्रकाशित कहान…
मेरा गुप्त जीवन- 117
फिर उसने अपने गरम होंट मेरे होंटों पर रख दिए और ए…