माँ-बेटियों ने एक दूसरे के सामने मुझसे चुदवाया-1
मेरा नाम गबरू है। मेरी उम्र लगभग 45 वर्ष की है। यूँ…
मेरा गुप्त जीवन-46
मैं फिर दोनों के बीच में लेटा था और इस तरह हम तीन…
गदराई लंगड़ी घोड़ी-5
“अभी तो एक और सरप्राइज है तेरे लिए..” “वो क्या?” “च…
बस में मिली भाभी पर दिल आया
दोस्तो, मेरा नाम सूरज है, मैं सहारनपुर का रहने वाल…
छुट्टियों में दीदी को चोद दिया
प्रेषक : रेड बैरी मेरे पापा और ताऊ जी दो भाई हैं। …
कामदेव के तीर-3
मैंने कहा- डार्लिंग, अब तो कल तक के लिए यही हूँ, थ…
एक भाई की वासना -22
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. वहाँ पर …
चुदाई के लिए मेरा इस्तेमाल-1
प्रेषक : इमरान ओवैश दोस्तो, मैं इमरान, मुंबई में रह…
गदराई लंगड़ी घोड़ी-4
बबिता ने फिर से अपने दोनों हाथ अपने घुटनों पर रख …
माँ-बेटियों ने एक-दूसरे के सामने मुझसे चुदवाया-7
मैंने मुस्कुरा कर कहा- अगर तुम मेरे सामने अपनी पैन्…