चूत की आग के लिए मैं क्या करती-10

सुनीता ने सुनील का लिंग मुँह में ले लिया, मैंने र…

पंजाबन सुपरवाईजर की गोरी चूत

मैं सुदर्शन आज फिर हाजिर हूँ.. अपनी जीवन की एक नई …

दो बूंद आँसू

राजवीर दोस्तो, मेरी पिछली कहानियाँ पढ़ के आपने जो अ…

किरायेदार -2

अब वो आराम से नहा सकती थी। अगले मिनट उसने अपनी मै…

ऐसी मौसी सब को मिले-4

‘बिल्कुल नंगे होकर खाना खाएं?’ ‘क्या, पागल हो क्या?’…

तन की जरूरत रिश्तों से बड़ी होती है-3

सुबह के 6 बज चुके थे, मुझे लगा कि भाभी जागने वाली…

मेरी दूर के रिश्ते की चुदक्कड़ बुआ-2

‘तो तुम कॉल-गर्ल हो? मैंने पूछा। ‘सिर्फ़ पार्ट-टाइम औ…

दिल्ली से चण्डीगढ़

मैं जीत शर्मा फिर से आपके सामने एक कहानी ले कर आया…

बेवफ़ा शौहर दगाबाज सहेली-1

मेरा नाम फराह परवीन है, मैं अहमदाबाद में रहती हूँ…

मेरा गुप्त जीवन- 125

मैंने सब मैडमों को बता दिया और उन्होंने फैसला लिया…