धोबी घाट पर माँ और मैं -10

मुझे तो ज़ल्दी से माँ के साथ सोने की हड़बड़ी थी कि कै…

मेरे लण्ड का नसीब -3

अब तक आपने पढ़ा.. कुछ देर बाद हम दोनों बाथरूम में …

भाभी की गीली पैन्टी -3

कहानी का पिछला भाग: भाभी की गीली पैन्टी -2 अब तक आ…

अठरह वर्ष पूर्व दिए गए वचन का मान रखा-2

लेखिका : नलिनी रविन्द्रन अनुवादक एवं प्रेषिका: तृष्णा…

Chudai Ki Lat Lag Gayi

Hi dosto mai Raj naam to suna hi hoga kaise hai a…

धोबी घाट पर माँ और मैं -13

माँ एक बार जरा पीछे घूम जाओ ना!’ ‘ओह, मेरा राजा म…

मेरा गुप्त जीवन -25

निर्मला गैर मर्दों से अपनी चूत चुदाई के किस्से सुनात…

Mere Dost Ki Maa Meena – Part 2

(हम ऐसे ही जमीन पर लेटे रहे और मैं अपना लण्ड आंटी …

मेरा गुप्त जीवन- 21

पहले चम्पा और अब फुलवा दोनों ही गर्भवती हो गई तो मु…

अठरह वर्ष पूर्व दिए गए वचन का मान रखा-1

लेखिका : नलिनी रविन्द्रन अनुवादक एवं प्रेषिका: तृष्णा…