दूसरी सुहागरात-1
प्रेम गुरु की कलम से….. संतुष्टो भार्यया भर्ता भर्ता भ…
वेलेंटाईन डे का तोहफा-2
प्रेषक : शशिकान्त वघेला जब 14 फरवरी की सुबह हुई तो …
मैं तो शादीशुदा हूँ-1
सबसे पहले सभी पाठकों को मेरा प्रणाम! मैं अन्तर्वासना…
गाण्ड मारे सैंया हमारो-1
प्रेम गुरु और नीरू बेन को प्राप्त संदेशों पर आधारित …
फिर सुबह होगी
लेखिका : शमीम बानो कुरेशी “कल सुबह सुबह तो तू मुम्…
मुझे दीदी ना कहो-1
लेखिका : कामिनी सक्सेना मैं दिन को घर में अकेली हो…
आठ साल बाद मिला चाची से-4
प्रेषक : संदीप शर्मा मैं चाची को धक्के लगा लगा कर जो…
मुझे ही बुला लेती
दोस्तो, मेरा नाम सोनू है, मध्यप्रदेश का रहने वाला हू…
हाथ में हाथ-2
वह चुपचाप रही, लेकिन चमकती हुई बिजली की रोशनी में…