वीणा की गुफा-2
लेखक: मनीष शर्मा प्रेषक : वीणा शर्मा मैंने उसे उठा क…
तू सेर, मैं सवा सेर-2
शहनाज़- खुश हो तो दिखाओ अपना लंड! मैं अभी देखना चा…
वीणा की गुफा-1
लेखक : मनीष शर्मा प्रेषिका : वीणा शर्मा मेरे प्रिये अ…
कामना की साधना-5
मैंने एक तरफ से कामना का नाइट गाऊन उसके नीचे से न…
कामना की साधना-6
मेरे पास अब सोचने का समय नहीं था। किसी भी क्षण मेर…
तीसरी कसम-6
प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना “पलक अगर कहो तो आज तुम्हे…
कामना की साधना-7
मैंने अपना एक हाथ बाहर निकला कर ऊपर किया और तर्जनी…
Sasur Se Chudwaya
Hi dosto mera nam pooja hai. me pahle bhi apani s…
मेरे सच्चे प्यार की तलाश
जिस्म सिर्फ जिस्म की भूख जानता है प्यार करना जिस्म की …
मौसम की करवट-3
रास्ते भर मैं बस प्रिया के बारे में सोच रहा था कि अ…