पंखी पता नहीं बताते-1
प्रेषक : शकील फ़िरोज़ दोस्तो, मेरा नाम शकील है। मैं ए…
मिल-बाँट कर..-4
प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा अब मेरे पास कृत्रिम रूप स…
रिम्पी और उसका परिवार-4
प्रेषक : मनीष जैन (रुबीन ग्रीन) दोस्तो, आपने मेरी कह…
कामिनी की बाहों में-1
लेखिका: अलीशा आज मैं आपको अपनी एक सहेली की कहानी …
वफ़ा या हवस-3
शैलीन भी मेरी ओर पलट गई उसने एक हाथ मेरे गाल पर र…
बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां भी……-1
प्रेषक : पप्पू राम हेल्लो दोस्तो, मेरा नाम सिमरन है। …
थ्री ईडीयट्स-1
प्रेषक : जो हण्टर हम तीनों एक साल से शहर में पढ़ रहे…
मिल-बाँट कर..-3
प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा और भी है कोई यहाँ तुम्हार…
आठ साल बाद मिला चाची से
सारे दोस्तों को मेरा नमस्कार… पहले मैं आपके मेरे बा…
हिंदी सेक्सी स्टोरी: तीन भाभियों की किस्मत मेरे हाथ-3
बसंती के जाने के बाद तीन दिन तक कुछ नहीं हुआ। मैं…