मेरा गुप्त जीवन -50
तब हम चलते हुए किश्ती से थोड़ी दूर हो गए और तब मैंन…
एक भाई की वासना -31
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. जब मैं ख…
बेवफ़ा शौहर दगाबाज सहेली-1
मेरा नाम फराह परवीन है, मैं अहमदाबाद में रहती हूँ…
तन की जरूरत रिश्तों से बड़ी होती है-3
सुबह के 6 बज चुके थे, मुझे लगा कि भाभी जागने वाली…
मेरा गुप्त जीवन -53
तब तक मैं और कम्मो भी कपड़े उतार चुके थे। कम्मो के स…
नयना और दीप्ति संग वासना का खेल -1
दोस्तो, आज नयना के सामने मुठ मारी कहानी का अगला हि…
एक भाई की वासना -33
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. मैंने कह…
अनचुदी जवान चुदासी नौकरानी-2
उसने जो कहा.. उसे सुन कर लगा आज कुंवारी चूत मारने…
पंजाबन सुपरवाईजर की गोरी चूत
मैं सुदर्शन आज फिर हाजिर हूँ.. अपनी जीवन की एक नई …
दोस्त की बीवी की मस्त चुदाई-1
दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार.. आप सभी लोगों ने मे…