मैं जन्नत की सैर कराऊँगी -2
उसके बाद बब्लू खड़ा हुआ और सिन्धवी के दोनों पैरों के…
एक भाई की वासना -11
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. फैजान को…
कॉरपोरेट कल्चर की चुदाईयाँ -2
मित्रो, अब तक आपने पढ़ा.. अगले दिन व्हाट्सएप्प पर अमन …
माही के प्यार की प्यास
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा तहे दिल से नमस्कार…
धोबी घाट पर माँ और मैं -10
मुझे तो ज़ल्दी से माँ के साथ सोने की हड़बड़ी थी कि कै…
अन्तर्वासना कहानी को शेयर कैसे करें
मोबाइल पर यह शेयर बटन है और कम्पयूटर पर यह शेयर ब…
एक भाई की वासना -12
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. अन्दर से …
मेरे लण्ड का नसीब -2
मुझे बहुत दोस्तों के मेल मिले, आपके प्यार का बहुत आ…
धोबी घाट पर माँ और मैं -11
ओह माँ, दिखा दो ना, बस एक बार। सिर्फ़ देख कर ही सो …
मेरा गुप्त जीवन-37
इन दिनों कालेज में बड़ी गहमा गहमी थी, एक तो इलेक्शन…