धोबी घाट पर माँ और मैं -11

ओह माँ, दिखा दो ना, बस एक बार। सिर्फ़ देख कर ही सो …

बस चूत पटाना जरूरी है

अन्तर्वासना के प्यारे पाठकों को मेरा नमस्कार। मैं संग…

लागी लंड की लगन, मैं चुदी सभी के संग-39

एक बार फिर दारू का दौर चला, सभी मर्द और औरतें हर प…

मेरा गुप्त जीवन -24

अगले दिन चम्पा निर्मला को लेकर मम्मी से मिलने आई। थो…

बहन का लौड़ा -67

अभी तक आपने पढ़ा.. दोस्तो, अगर आप लड़के हो तो प्लीज़ क…

धोबी घाट पर माँ और मैं -12

कहानी का पिछ्ला भाग : धोबी घाट पर माँ और मैं -11 म…

मेरा गुप्त जीवन-106

फिर सब कार में बैठ कर हवेली लौट गई और सब लड़कियाँ …

भाभी की गीली पैन्टी -1

अन्तर्वासना के पाठको, मैंने अभी अभी अन्तर्वासना की का…

मेरा गुप्त जीवन- 108

कम्मो कहने लगी- अभी तो रात के 11 बजे हैं आप कम से …

चूत एक पहेली -48

अब तक आपने पढ़ा.. रॉनी- पता है पायल.. मैंने कब कहा…