लड़कपन की यादें-7

‘अभी तुम लोग अपने कमरे में जाकर सो जाओ… कल हम डैड…

कामिनी की प्यास-1

ये बात उन दिनों की है जब मोबाइल फोन नहीं होते थे,…

कोटा की कमसिन कली-1

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा एक बार फिर नमस्कार…

लड़कपन की यादें-9

मैं स्खलित होकर उसके ऊपर ही लेट गया था और हम कुछ द…

कोटा की कमसिन कली-2

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने और मेरी कोटा…

बीवी की अदला बदली

प्रेषक : उमेश मैं अहमदाबाद शहर में रहने वाला शादीश…

लड़कपन की यादें-8

अब उसे भी मज़ा आने लगा था इसलिए अब उसकी सिसकारियाँ…

चूत की खिलाड़िन-1

उषा मस्तानी रसीली की रसभरी रातें के आगे पढ़िए ! घर …

सिर्फ़ अमन की ॠचा

प्रेषिका : ॠचा ठाकुर अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मे…

लड़कपन की यादें-4

काफी देर तक सोनी नहीं आई तो मैंने फिर से उसे आवाज…