कलयुग की लैला-2
प्रेषक : विजय पण्डित रूपा और कविता दोनों ही एक साथ …
मोहल्ले की जान
दोस्तो, मेरा नाम रशीद है, मैं लखनऊ में रहता हूँ। आ…
बहन का लौड़ा -50
अभी तक आपने पढ़ा.. मीरा ने राधे का हाथ हटाया और उस…
कुछ दिन सबर करो !
प्रेषक : दोस्तो, मेरा नाम रोहित है और मैं अंबिकापु…
बहन का लौड़ा -53
अभी तक आपने पढ़ा.. राधे नींद में था.. मीरा उसके सी…
स्वयंवर का सच-1
लेखक : प्रेम गुरु और अरमान मैं जानता था कि यह राखी…
जिस्म की मांग-4
प्रेषिका : लीला “बाबू, तू मेरा प्यार है, चाहे अब मै…
बहन का लौड़ा -54
अभी तक आपने पढ़ा.. रोमा के जलवे देख कर नीरज का लौड़…
हनी के साथ हनीमून
दोस्तो, मैं रोहित! आपने मेरी पिछली कथा-श्रृंखला ‘म…
स्वयंवर का सच-2
लेखक : प्रेम गुरु और अरमान मैंने झट से अपने कपड़े उ…