असगर मियां की ठर्क-1

यह कहानी हमारे ही मोहल्ले में राशन की दुकान चलाने …

जन्म दिन का तोहफ़ा-2

दोस्तो, इस कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मैं …

असगर मियां की ठर्क-2

मेरे प्यारे दोस्तो, आप सब ने मेरी लिखी कहानी असगर म…

कलयुग का कमीना बाप-12

मम्मी मुझे खाना खिलाने लगी। उनके हाथों से खाते हुए…

कलयुग का कमीना बाप-10

एक दिन पापा मुझे शॉपिंग कराने ले गये और ढेर सारी …

कलयुग का कमीना बाप-11

पापा मेरी चूत को कुछ देर चाटने के बाद ऊपर उठे और …

मेरा गुप्त जीवन- 188

कोच अटेंडेंट ने बड़ी मुस्तैदी से हमारी सेवा की रहा …

मेरी तो लॉटरी लग गई-2

कहानी का पहला भाग : मेरी तो लॉटरी लग गई-1 अगले दि…

मेरा गुप्त जीवन- 168

मैं बड़ी धीरे धीरे चुदाई कर रहा था ताकि ऊषा पुनः ग…

मेरा गुप्त जीवन- 131

कम्मो ने थोड़ी देर में ज़ोर से कहा- ज़ूबी तुम्हारा समय…