मेरा गुप्त जीवन- 185

कम्मो बोली- नहीं किरण दीदी, छोटे मालिक के खड़े लन्ड …

मेरा गुप्त जीवन- 158

ये बातें चल ही रही थी कि कमरे का दरवाज़ा फिर एक झट…

मेरा गुप्त जीवन- 173

हम ये बातें कर ही रहे थे कि जसबीर हल्के से भिड़े दर…

मेरा गुप्त जीवन- 159

‘लंड के भाग से चूत वाली सलवार का नाड़ा टूटा…’ इसको…

शादी से प्रोमोशन तक

अन्तर्वासना के पाठकों को आपकी अपनी अर्चना का प्यार ! …

मेरा गुप्त जीवन- 161

सवेरे उठ कर कम्मो के हाथ से चाय पी कर मज़ा ही आ जात…

हसीना की चूत में पसीना

मेरा नाम आर्यन है, मैं मोरादाबाद में रहता हूँ। मेर…

मेरा गुप्त जीवन- 180

मैंने बसंती से पूछा- क्यों बसंती, यहाँ दिल लग गया …

मेरा गुप्त जीवन- 174

अब बिमला मौसी मुझको लेकर एक कोने में चली गई और मे…

मेरा गुप्त जीवन- 187

अब मैंने आगे बढ़ कर शशि भाभी को अपनी बाहों में ले …