जवानी का रिश्ता
प्रिय पाठको, मैंने अन्तर्वासना डॉट कॉम पर बहुत सी कह…
प्यास से प्यार तक-2
प्रेषक : मानस गुरू तभी से मैं श्रीजा को पाने के लिए…
तीन पत्ती गुलाब-1
प्यारे पाठको और पाठिकाओ! इस कथानक की नायिका नाम है…
तीन पत्ती गुलाब-2
आज पूरा दिन गौरी के बारे में सोचते ही बीत गया। उस…
तीन पत्ती गुलाब-3
मैंने अपने और मधुर के दुश्मनों को (अरे भाई कपड़ों क…
तीन पत्ती गुलाब-4
इस भयंकर प्रेमयुद्ध के बाद सुबह उठने में देर तो होन…
तीन पत्ती गुलाब-5
ये साली नौकरी भी जिन्दगी के लिए फजीता ही है। यह अज…
तीन पत्ती गुलाब-6
मधुर आज खुश नज़र आ रही थी। मुझे लगता है आज मधुर ने…
तीन पत्ती गुलाब-7
इस वाक्य का अर्थ मेरी समझ में नहीं आ रहा था। पता नह…
तीन पत्ती गुलाब-8
रात को देरी से नींद आई तो सुबह उठने में भी देरी ह…