बहाने से दोस्त की बीवी को चोदा-1

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दोस्तो, मेरा नाम रितेश है। मैं बरसों से अंतर्वासना की चुदाई की कहानी का पाठक और चाहक दोनों रहा हूँ। तो मुझे भी ऐसा लगने लगा कि मैं भी अपनी कहानी आप लोगों से शेयर करूँ जो मेरे साथ हो चुका है। यह हसीन हादसा मेरे साथ लगभग 2 साल पहले हुआ।

मेरा एक पुराना दोस्त है विशाल, मैं उससे पिछले 2-3 साल से नहीं मिला था, ना ही कोई संपर्क रहा था हमारे बीच… क्योंकि हम दोनों ही जॉब के सिलसिले में अपने शहर में नहीं रहते.

इस बार मैं अपने घर आया तो पता लगा कि विशाल की अभी नई नई उसकी शादी हुई थी और वो अभी यहीं है तो इसलिए मैं उसके घर पर उसे बधाई देने चला गया. मैं उन दोनों के लिए एक अच्छा सा गिफ्ट और फूलों का गुलदस्ता खरीद कर उसके घर पहुंच गया.

घर पर पहुंचते ही मैंने जैसे ही डोर बेल बजाई, वैसे ही तुरंत दरवाजा खुल गया लेकिन दरवाजा खोलने वाली को देख कर मैं एकदम हैरान हो गया, उसे देखते ही मुझे समझते देर नहीं लगी कि यही विशाल की नवविवाहिता बीवी है. विशाल की बीवी एकदम बला की खूबसूरत थी। साड़ी में लिपटी हुई खूबसूरत खजाने का पिटारा थी। एकदम गोरी, तीखे नयन नक्श, भरे हुए गाल, लाल लाल होंठ जो बिना लिपस्टिक के भी ऐसा लगता था कि लिपस्टिक लगाई हुई है।

मैं तो अपलक उसे देखता ही रह गया। वह तो तब जाकर मेरी तंद्रा भंग हुई जब उसने अपनी सुरीली आवाज में मुझसे पूछा- जी, आपको किससे मिलना है? मै भी हड़बड़ाते हुए उससे बोला- मैं विशाल का दोस्त हूं और मिलने आया हूँ।

इतना सुनकर वह मुस्कुराते हुए मुझे अंदर आने को बोली और वहीं बैठ कर इंतजार करने के लिए बोल कर किचन की तरफ चली गई. मैं तो उसे जाते हुए देखता ही रह गया, मेरी नजर उसके गोल गोल नितंबों पर ही टिकी हुई थी क्योंकि चलने की वजह से उसके नितंबों में हलचल सी मच जा रही थी जो मेरी जांघों के बीच में खलबली सी मचा दे रही थी। साड़ी के ऊपर से ही उसकी गोल गोल और बड़ी गांड ने मेरे होश उड़ा दिए। साड़ी के ऊपर से ही उसके बदन की संरचना को देख कर मेरे लंड की हालत खराब हो रही थी। वह तो अपनी गांड मटकाते हुए किचन में चली गई लेकिन मेरी हालत को पूरी तरह से खराब कर गई मन ही मन में उसे भोगने की कल्पना करने लगा।

मैं उसके बारे में कल्पना के घोड़े सपनों के बिस्तर पर दौड़ा ही रहा था कि सीढ़ियाँ उतरता हुआ, विशाल जो कि अभी अभी बाथरूम से नहा कर ही आ रहा था, केवल टॉवल लपेटे चला आ रहा था, मुझ पर नज़र पड़ते ही वह लगभग चहकते हुए बोला- रितेश यार तू! और आते ही मुझसे गले लग गया। वह मुझसे मिलकर बहुत खुश था.

हम दोनों अभी बात कर ही रहे थे कि किचन से वह बला की खूबसूरती से भरी हुई मदमस्त भाभी हाथ में चाय का ट्रे लिए हुए हम लोगों के पास आई और मुस्कुराते हुए मुझे चाय का कप पकड़ाने लगी. चाय का कप पकड़ते हुए अनजाने में ही मेरी उंगली उसकी नाजुक उंगली से स्पर्श हो गई और ऐसा महसूस होने लगा कि मेरे पूरे बदन में जैसे करंट दौड़ने लगा हो, हड़बड़ाहट में मेरे हाथों से चाय का कप छूटने वाला था कि मैं कस कर उसे पकड़ लिया।

मेरी इस तरह की हड़बड़ाहट देखकर वह मुस्कुरा दी और उसे मुस्कुराता हुआ देख कर मेरे तन बदन में उसे पाने की लालसा बढ़ने लगी। उसने विशाल को भी चाय का कप पकड़ा कर फिर से किचन की तरफ जाने लगी तो मैं इस बार अपनी नजरें भरकर उसकी मदमस्त गांड का रसपान अपनी आंखों से करने लगा।

विशाल चाय की चुस्की ले ही रहा था कि तभी वह बीच में ही बोल पड़ा- अरे यार रितेश, तुझे तो मैं तेरी भाभी से मिलाना ही भूल गया। “हां हां… अब तुझे कहां कुछ याद रहेगा? इतनी खूबसूरत बीवी जो पा गया ना!” मैं चाय की चुस्की लेते हुए बोला. “नहीं यार, ऐसी बात बिल्कुल भी नहीं है।”

तभी उसने आवाज देकर किचन में से भाभी को बुलाया तब मुझे पता चला कि उस मदमस्त भाभी का नाम नीलम है जैसा नाम, वैसे ही खूबसूरत, वह मुस्कुराते हुए किचन में से बाहर आकर विशाल के करीब खड़ी हो गई तब विशाल उसका परिचय मुझसे कराते हुए बोला- यह नीलम है, मेरी बीवी, इनसे शादी करके तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं पूरी दुनिया को पा गया हूँ।

“तू सच कह रहा है विशाल… भाभी जैसी खूबसूरत बीवी पाकर किसी को भी तेरे जैसा ही महसूस होगा!” मैं चाय की चुस्की लेते हुए नीलम की तरफ देखते हुए बोला. और वह मेरी बात सुनकर एकदम से शर्मा गई.

विशाल ने उसे भी साथ में बैठ कर चाय पीने के लिए बोला तो उसने मना कर दिया, वह शर्मा कर किचन की तरफ जा ही रही थी कि मैं उसे रोकते हुए बोला- रुकिए भाभी जी, मैं इतनी खूबसूरत भाभी के लिए खूबसूरत तोहफा लाया हूं, इसे तो स्वीकार कर लीजिये! इतना कह कर मैं साथ में लाया हुआ तोहफा और फूलों का गुलदस्ता उसे घुमाने लगा, वह बिना कुछ बोले शरमाते हुए मुझसे तोहफा लेने लगी और इस बार भी अनजाने में ही उसकी नाजुक उंगलियां मेरे हाथों में इस तरह हो गई. फिर से मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मैंने बिजली का तार छू लिया है।

वह मेरे हाथ से तोहफा लेकर बिना कुछ बोले किचन में चली गई।

उसे इस तरह से जाते हुए देखकर विशाल बोल पड़ा- यार, ये नीलम बहुत शर्मीली है, हमेशा शर्माती ही रहती है, गांव की है ना इसलिए! “यह तो अच्छी बात है विशाल, तू शायद नहीं जानता कि जो लड़कियां शर्माती हैं, उनके साथ प्यार करने में बहुत मजा आता है।” “यह बात तो तू एकदम ठीक कह रहा है।”

“अच्छा कहीं हनीमून यानि सुहागरात मनाने गया या नहीं?” मैं चाय की चुस्की लेते हुए बोला. “रोज तो मना रहा हूं सुहागरात! वैसे भी मम्मी पापा महीने के लिए गांव गए हुए हैं, यहां पर मैं और नीलम अकेले ही हैं। “यार तब तो रोज तुम दोनों की ऐश होती होगी!” मैं उसकी किस्मत से जलते हुए बोला. “हां यार होती तो है लेकिन…” इतना कह कर वह रुक गया.

मैं समझ गया कि जरूर कोई बात है इसलिए मैं उसके अंदर की बात जानने के लिए उसे जोर देते हुए बोला- लेकिन, लेकिन क्या? देख, तू मुझसे कुछ भी मत छुपाना, जो कुछ भी है मुझे साफ साफ बता देना, शायद मैं तेरी कोई मदद कर सकूँ। “नहीं, ऐसी कोई भी बात नहीं है।” विशाल बात को घुमाते हुए बोला. “नहीं, कोई तो बात जरूर है जो तुम मुझसे छुपा रहा है. देख मैं तेरे बचपन का दोस्त हूँ। तू तो अच्छी तरह से यह भी जानता ही होगा कि पहली बार हम दोनों ने पैसे चुरा कर एक औरत को तेरे घर बुला कर रात भर ऊसकी चुदाई भी की थी। इसलिए तेरे और मेरे बीच में कुछ भी छुपाने जैसा नहीं है इसलिए जो कुछ भी है सब बोल दे।”

मेरी बातों का उस पर असर होना शुरू हो गया था और वह किचन की तरफ देखते हुए मुझसे धीरे से बोला- यार, तेरी भाभी बेहद खूबसूरत और देखने में गजब की सेक्सी है लेकिन बिस्तर पर अपनी तरफ से वह कोई भी हरकत नहीं करती. देख, अब तुझसे छुपाने जैसा नहीं है। सच कहूं तो तू भी जानता है कि शुरू से ही मुझे अपने लंड को मुंह में देकर चुसवाने में ज्यादा मजा आता है लेकिन यह इतनी ज्यादा शर्मीली है कि मेरा लंड मुंह में लेती ही नहीं है बल्कि वह तो गुस्सा करने लगती है. उसे यह सब बिल्कुल भी पसंद नहीं है।

“बस इतनी सी बात… अरे यार अभी नया नया है इसलिए थोड़ी बहुत तो मुसीबत झेलनी पड़ेगी, धीरे धीरे सब सही हो जाएगा. विश्वास कर, शुरु शुरु में ऐसा ही होता है।” “क्या तेरे साथ भी ऐसा हुआ था?” मेरी तो अभी शादी भी नहीं हुई थी लेकिन मैं मजाक में बोल गया- नहीं यार, ऐसा तो मेरे साथ बिल्कुल भी नहीं हुआ था, मेरी बीवी इन सब मामलों में काफी बोल्ड है ऐसा मजा देती है कि पूरा बिस्तर पानी पानी हो जाता है। और सच बताऊं तो चुदवाने से पहले कम से कम 2 बार तो वह मुझे अपने मुंह में लेकर ही झाड़ देती है।

मैं यह सब जानबूझ कर बोल रहा था और मेरी तो अभी तक शादी भी नहीं हुई थी यह बात वह नहीं जानता था क्योंकि वह काफी समय से शहर के बाहर ही रहकर जॉब करता था उसे ऐसा लगता था कि मेरी शादी हो चुकी होगी लेकिन मेरे मन में मेरे खुराफाती दिमाग में कुछ नया ही चला था इसलिए मैं यह सब उसी को ले जा रहा था और मेरी बातों का असर उस पर बेहद गर्म तरीके से हो रहा था।

मैं अपनी बीवी के बारे में ऐसे चटकारे लगा लगा कर उसे उसकी तारीफ करते हुए बता रहा था कि उसके मन में भी उससे मिलने की इच्छा जागरुक होने लगी थी और मैं यही चाहता भी था। क्योंकि मैं उसकी आदत को अच्छी तरह से जानता था हम दोनों कॉलेज के समय में साथ में मिलकर कई कालगर्ल को चोद चुके थे। इसलिए मैं उसकी कमजोरी अच्छी तरह से जानता था खूबसूरत और भरे बदन की औरत उसकी सबसे बड़ी कमजोरी थी।

मेरी बीवी की बोल्डनेस की तारीफ और उसकी खूबसूरती के बारे में सुनकर उसके मन में उससे मिलने की इच्छा होने लगी और उससे मिलने की इच्छा भी मुझसे जाहिर कर दिया.

मेरे फोन में मेरी एक जुगाड़ की फोटो थी, वो बहुत सेक्सी चालू खाऊ पीऊ माल थी, मेरे दिमाग में एक आइडिया आया. मैंने विशाल की तड़प को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपना स्मार्ट फोन निकाल कर उसे उस जुगाड़ की तस्वीर भी दिखा ड़ी जिसमें वह बेहद सेक्सी और खूबसूरत लग रही थी। मेरी जुगाड़ की फोटो देख कर उत्तेजना के मारे उसका गला सूखने लगा इसलिए विशाल ने उसे घर पर बुलाकर मिलने की इच्छा जाहिर की. मेरे मन में पूरा प्लान बन चुका था इसलिए मैंने भी उसे आने वाले रविवार को मिलाने के लिए वादा कर दिया।

मेरी बीवी से मिलने के लिए विशाल तड़प रहा था। और मैं मन ही मन उसकी बीवी को चोदने का प्लान बना लिया था। और जाते-जाते उससे बोला- देख विशाल तेरी भी इच्छा पूरी हो जाएगी बस थोड़ा सब्र कर, अभी तेरी बीवी नई नई है इसलिए उसे एडजस्ट होने में थोड़ा समय लग जा रहा है.

फिर मैं बात को घुमाते हुए बोला- अच्छा तू ऐसा क्यों नहीं करता। “क्या?” “तू अंतर्वासना पर सेक्स कहानियां पढ़ा कर… उस साईट पर ऐसी ऐसी कहानियां होती है जिन्हें पढ़ कर तेरे बदन में हमेशा उत्तेजना का अनुभव होगा और मेरी मान तो तू उन कहानियों को तेरी बीवी को भी पढ़वाया कर… उन गरमा गरम कहानियों को पढ़ कर नीलम भाभी इतनी गर्म हो जाएंगे कि बिना बोले ही तेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगेगी।

मेरी बात सुनते ही विशाल एकदम खुश हो गया लेकिन फिर मायूस होता हुआ बोला- लेकिन मैं यार चुदाई की कहानी कहां पढूँ? “यार इसमें कौन सी बड़ी बात है, ले मैं तेरे मोबाइल में कुछ कहानियाँ सेंड कर देता हूँ।” मैंने जानबूझ कर उसके मोबाइल में दो तीन कहानियां जो पत्नी की अदला बदली की थी, सेंड कर दी और वहां से हंसता हुआ चला गया।

मेरे मन में और दिमाग पर नीलम की खूबसूरती ने पूरी तरह से कब्जा जमा चुकी थी। मैं उसे किसी भी हालत में चोदना चाहता था क्योंकि मैं अब तक कई औरतों और लड़कियों को चोद चुका था लेकिन अभी तक ऐसी किसी भी औरत को नहीं चोदा था जो एकदम शर्मीली हो, इसलिए उसे पाने का सपना देखने लगा और इंतजार करने लगा विशाल के फोन का… क्योंकि मैं जानता था कि वह उन कहानी को पढ़ कर जरूर मुझे फोन करेगा।

और रविवार से 2 दिन पहले शुक्रवार को ही उसका फोन आ गया। बातों ही बातों में मैंने उसे कहानी के बारे में पूछा तो वह बड़े उत्साहित होकर मुझे बताने लगा और उसकी बातों से लग रहा था कि वह बहुत खुश है तभी तो वह मेरी बीवी से मिलने की इच्छा को बार बार जाहिर कर रहा था। मैं समझ गया था कि वह मेरी बीवी को क्यों मिलना चाहता है और उस कहानी को पढ़ कर उसके मन पर क्या बीत रही होगी।

मैंने तो रविवार को उसके घर जाने के लिए अपनी जुगाड़ को मेरी भाड़े की बीवी बनने को तैयार कर लिया. वह उस पूरी रात के लिए ₹3000 में तैयार हो गई थी वैसे तो ₹500 में ही वह ठुकवाने के लिए तैयार हो जाती है। लेकिन यहां तो उसे एक्टिंग भी करनी थी मेरी बीवी होने का इसलिए मैं भी नीलम की खूबसूरती के रस का पान करने के लिए उसे ₹3000 देने के लिए तैयार हो गया। मेरे जाल में विशाल पूरी तरह से फंस चुका था यह बात मैं अच्छी तरह से समझ गया क्योंकि उसने रविवार के एक दिन पहले शनिवार को ही मुझसे मिलकर बात करने की इच्छा जाहिर की, मैं भी जल्दी से मिलने चला गया, उसने मुझे एक रेस्टोरेंट में मिलने के लिए बुलाया था।

आपको यह स्टोरी कैसी लग रही है? आप मेरी चुदाई की कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया [email protected] पर दे सकते हैं। कहानी जारी रहेगी.

कहानी का अगला भाग : बहाने से दोस्त की बीवी को चोदा-2

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