मौसी की चुदाई का मजा-2

मेरी मौसी की चुदाई कहानी मौसी की चुदाई का मजा-1 के प्रथम भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मैं मौसी को चोदना चाहता था, मैं उनके घर रहने गया था और रात में मैंने मौसी की चूत को उंगली से चोद कर झड़वा दिया था. अब आगे:

थोड़ी देर बाद मौसी अपने पैर से मेरे पैर को सहलाने लगीं और मैंने भी वैसा ही करना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद मौसी ने अपने पैर की दो उंगलियों से मुझे चिकोटी काटी, तो मैंने पूछा- क्या हुआ? वो धीमे से बोलीं- दोबारा से वो सब करो. मैंने आँख मारते हुए पूछा- वो क्या? अच्छे से बताओ न? मौसी मादक स्वर में बोलीं- फिर से मेरी चूत में उंगली करो.

मैंने फिर से उनके पास आकर उनकी चूत में उंगली करना शुरू किया और दो बार उनका पानी निकाल कर सो गया.

सुबह हम दोनों आँख नहीं मिला पा रहे थे.

फिर स्नेहा ब्रेकफास्ट करके स्कूल चली गई और जसवीर तो कल से अपने बुआ के घर ही था. करीब दस बजे मौसा जी अपने रोज के जैसे शराब पीने चले गए.

थोड़ी देर बाद में मौसी के पास जाकर बैठ गया. मौसी मुझसे शर्मा रही थीं. मैंने हल्के हल्के उनकी पीठ सहलाना शुरू किया. मौसी मेरा हाथ हटाकर बोलीं- रहने दो समीर … रात को हो कुछ अंधेरे में हुआ, उसे भूल जाओ, ये सब ग़लत है, मैं तुम्हारी सगी मौसी हूँ. मैं बोला- मौसी जी, मैं सच में आपको बहुत लाइक करता हूँ, मेरा सेक्स करने का बहुत मन कर रहा है. वो बोलीं- फिर शादी करा लो. मैंने मना कर दिया- अभी तो मुझे सेटल होना है. फिर मौसी बोलीं- तो किसी कॉल गर्ल के पास चले जाओ. चंडीगढ़ तो भरा पड़ा है काल गर्ल्स से … एक से एक कॉलेज गर्ल्स, वर्किंग गर्ल्स मिल जाती हैं वहां तो इस काम के लिए!

मुझे बहुत हैरानी हुई कि मौसी को इतना सब कुछ पता है … लेकिन इस बात पे बहुत गुस्सा आया. मैं कॉलगर्ल को चोदना पसंद नहीं करता हूँ, क्योंकि मैं सेक्स को पूजा व प्यार मानता हूँ और पैसे के बदले प्यार करने के सख़्त खिलाफ हूँ. मैंने मौसी को इस बात के लिए अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर दी. फिर मौसी मुझसे सॉरी बोलने लगीं और मुझे मानने के लिए उन्होंने मेरे गाल पे किस किया.

अब मैं थोड़ा शांत हुआ और बोला- मौसी जी, मुझे आपकी चूत देखनी है. मौसी ने मुझे मना कर दिया और बोलीं- मैं अपने पति को धोखा नहीं दे सकती. तुम राज के सिवा पहले मर्द हो जिसने मुझे टच किया. यह बात सुनकर मैं खुश हो गया कि मेरी मौसी का चरित्र बहुत अच्छा है.

मैं ज़िद करने लगा- मुझे अपनी चूत दिखा दो प्लीज़. मौसी बोलीं- रात को क्या देखा था? मैंने कहा- रात को अंधेरे में मैं चूत नहीं देख पाया था. मौसी बोलीं- प्लीज़ समीर … समझो न … मुझे शरम आती है.

लेकिन मैंने ज़िद करके उन्हें राज़ी कर लिया. फिर मौसी ने शरमाते हुए अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया. मैंने उनकी ब्लैक पैंटी नीचे उतारी.

वाउ … आज उनकी चूत क्लीन शेव्ड थी जबकि रात को तो मौसी की चूत पे झांटें थी. उनकी चूत का रंग थोड़ा सांवला था. चूत की फांकें थोड़ी सी खुली हुई थीं और उनका छेद भी थोड़ा थोड़ा फैला सा दिख रहा था.

उनकी चूत देखते ही मैं पागल हो गया. क्या मस्त चूत थी … गर्म गर्म मौसी की नरम नरम चूत. मैंने हाथ से चूत को सहलाना शुरू किया और धीरे धीरे उंगली अन्दर बाहर करनी शुरू की. उनकी चूत अन्दर से बहुत गर्म थी.

थोड़ी देर बाद मौसी ने सिसकारना शुरू कर दिया और मैं और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया. मौसी अपनी आँख बंद किए अपने मुँह से ‘ओआह … आआआह …’ की आवाजें निकालने लगीं. मैं और भी ज़्यादा गर्म हो गया और मैंने अपना मुँह मौसी की चूत पे लगा दिया. तभी मौसी एकदम से पीछे हट गईं और बोलीं- ये क्या कर रहे हो? ये सब गंदा है.

मैंने उन्हें समझाया कि प्यार में कुछ भी गंदा नहीं होता. इसमें आपको बहुत मजा आएगा. लेकिन मौसी मना करने लगीं और बोलीं- नहीं ये सब गंदा है. मैंने उन्हें बताया- आप ट्राइ तो करो, इसमें आपको सेक्स से भी ज़्यादा मजा आएगा. फिर किसी तरह मौसी मान गईं.

अब मैंने आराम से अपनी प्यारी सगी मौसी को लिटा कर उनकी गर्म चूत चाटना शुरू किया. मैं चूत की फांकों के ऊपर अपनी जीभ फिराने लगा. चूत से हल्का नमकीन सा टेस्ट मिल रहा था. फिर मैंने मौसी की चूत के दाने पर अपनी जीभ लगाई, तो मौसी एकदम से कांप गई और उनके मुँह से ‘आआआहह …’ की आवाज़ निकली. मैंने चूत के दाने को अपने होंठों में भरकर चूसना शुरू कर दिया और हल्के हल्के से अपने दाँत से चुभलाते हुए खींचना और काटना चालू कर दिया.

इस खेल में हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था. अब मौसी भी अपनी चूत खोल कर चुसाई का पूरा मजा ले रही थीं और उनके मुँह से लगातार ‘ऊआहह … आआ आअह्ह्ह …’ की आवाजें निकल रही थीं.

मैं अपनी जीभ को नुकीली कर चूत के छेद में घुसाने लगा और जीभ से चूत को चोदने लगा. मौसी मेरे बालों में उंगलियां घुमाने लगी और मेरे सर को दबाते हुए अपनी चूत में घुसाने लगीं. मौसी पूरे मजे में बोलीं- आज तक तुम्हारे मौसा जी ने ऐसा कभी नहीं किया, वो तो बस मेरी चूत में लंड डालकर 2-3 मिनट में अपना पानी निकाल कर लेट जाते हैं और मैं बस तड़फती रह जाती हूँ. मैं बोला- मौसी जी, आज से मैं आपको पूरा मजा दूँगा. मैंने और तेजी से मौसी की चूत को चाटना चालू कर दिया.

थोड़ी देर बाद मौसी लगभग चिल्लाने सी लगीं- आह … और जोर से समीर … और जोर से … यह बोलती हुए मौसी झड़ गईं. मैंने उनकी चूत का सारा रस चाट लिया ‘आह … मौसी … बड़ा यम्मी रस था …’

मौसी ने मुझे अपने से चिपका लिया और मेरे होंठों को चूसते हुए अपनी चूत के रस का स्वाद लेने लगीं. मैं भी मौसी के ऊपर लेट सा गया था. मौसी बोलीं- आह … समीर … ऐसा मजा मुझे कभी नहीं आया. उन्होंने मुझे किस करते हुए थैंक्स बोला.

अभी तक मैंने उनका कुरता नहीं उतारा था. अब मैं उनके कपड़े उतारने लगा, तो मौसी मुझे रोक कर बोलीं कि समीर इस से आगे नहीं. मैंने आज तक राज के सिवा किसी का लंड नहीं लिया. मैंने कहा- मौसी, अब तो मैं आपको अपनी पत्नी मानने लगा हूँ. मौसी बोलीं- अगर किसी को पता चल गया तो बहुत बदनामी होगी. मैंने उन्हें समझाया कि किसी को कुछ पता नहीं चलेगा … आप बेफिक्र रहिए. मौसी बोलीं- मैं अपने पति के सिवा किसी से नहीं चुदवा सकती. मैं बोला- तो आप आँखें बंद कर लो, मैं आपका पति बन जाता हूँ. मौसी बोलीं- वो कैसे?

मैंने उठ कर सिंदूर की डिब्बी लाकर उनकी माँग में सिंदूर भर दिया. मैंने कहा- लो आज से मैं तुम्हारा पति बन गया हूँ. मैं तुम्हें सच्चा प्यार करता हूँ … और आजीवन करता रहूँगा.

यह देख सुनकर मौसी की आँखों में आँसू आ गए और उन्होंने मुझे टाइटली हग कर लिया. मौसी बोलीं कि समीर मुझे जल्दी से खुश कर दो, तुम्हारे मौसा तो दिन रात शराब के नशे में रहते हैं और महीने दो महीने में एकाध बार ही चोदते हैं. मैं तो प्यासी ही रह जाती हूँ. मैं बोला- मौसी जी, अब मैं आपकी सारी प्यास मिटा दूँगा.

मैंने मौसी के और अपने सारे कपड़े उतार दिए. मौसी मेरा लंड देखकर बोलीं कि ये तो राज के लंड से बहुत बड़ा है, मेरी तो चूत ही फट जाएगी. मैं बोला- मैं सब कुछ प्यार से करूँगा.

मैंने मौसी के मम्मों को चूसना शुरू किया. मौसी के बूब्स बहुत बड़े थे, मुझे उनके मम्मे चूसने में बहुत मजा आ रहा था और मौसी को भी बड़ा अच्छा लग रहा था. फिर मैं नीचे को होकर उनकी चूत को चाटने लगा. थोड़ी देर बाद मौसी सिस्कारियां भरती हुई बोलीं- समीर और मत तड़फाओ, जल्दी से घुसा दो अपना लंड मेरी चूत में … और मेरी प्यास बुझा दो.

मैंने मौसी की टांगें उठाईं और लंड पे थूक लगा कर चूत पर सुपारा सैट किया. जैसे ही मैंने धक्का मारा तो एक ही झटके में मेरा आधा लंड अन्दर चला गया. मौसी की चीख निकल गई और वो बोलीं- आह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई … समीर … थोड़ा धीरे कर, मैं कहीं भाग नहीं रही, अब तो मैं तुम्हारी ही हूँ.

मैंने मौसी के ऊपर लेटते हुए उनके लिप्स चूसने लगा, मौसी भी मेरा पूरा साथ देने लगीं. अब मैंने लंड को अन्दर पेलना रोक कर उनके मम्मों को चूसने लगा. बस एक मिनट से भी कम समय में मौसी जी धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगीं, तो मैंने भी 2-3 धक्के मार कर अपना पूरा लंड मौसी की चूत में घुसा दिया.

मेरे बड़े लवड़े की हनक से मौसी की फिर से हल्की सी चीख निकली- उई माँ मर गई … आह … तेरा बहुत बड़ा है … लेकिन इस बार उन्होंने मुझे नहीं रोका … मैंने धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ा दी, मौसी भी नीचे से कमर चला कर मेरा साथ देने लगीं. बेडरूम में बस मौसी की मोनिंग की आवाजें आ रही थीं.

वो जोर जोर से ‘ऊआहह आआह … आआहह …’ की आवाजें निकल रही थीं और मौसी बोल रही थीं- और जोर से समीर … और जोर से … तुम्हारे मौसा से कुछ नहीं होता … आज लंड का सुख मिला है. मुझे बहुत परेशान किया है इस चूत ने … मैं तो थक गई थी … इसमें उंगली करते करते … आह … आज इसकी सारी गर्मी निकाल दो, अपने लंड से चोद चोद कर इसका भुरता बना दो.

मैंने भी जोर जोर से लंड पेलना शुरू कर दिया और कहा कि मौसी मैं भी बहुत तड़फा हूँ … मैं भी आपकी मोटी गांड देख देख कर लंड हिला कर रह जाता था. मौसी बोलीं- समीर बेटा आज अपनी सारी हसरतें पूरी कर लो और मुझे भी चोद चोद कर निहाल कर दो.

इसी तरह हम दोनों को सेक्स करते हुए 10-12 मिनट हो गए थे. मौसी इस बीच एक बार पानी निकाल चुकी थीं. अब मेरा भी होने वाला था, मैं बोला- मौसी मेरा होने वाला है, पानी कहां निकालूँ? मौसी बोलीं- समीर बेटा, अपनी मौसी की चूत के अन्दर ही निकाल दो, बहुत दिनों से ये चूत प्यासी है, इसे अपने वीर्य से भर दो.

मैंने अब बेख़ौफ़ होकर मौसी को जोर जोर चोदना चालू किया और कुछ ही मिनट में अपना सारा वीर्य मौसी की चूत में निकाल कर उनके ऊपर लेट गया. मौसी ने मुझे हग कर लिया. कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे.

थोड़ी देर बाद मौसी मेरे माथे पे किस करते हुए मुझे थैंक्स बोलने लगीं और उन्होंने कहा कि आज तक तुम्हारे मौसा ने मुझे ऐसा सुख नहीं दिया समीर … आज से तुम ही मेरे असली पति हो. मैं अपना तन मन धन सब तुम्हें समर्पित करती हूँ. यह सुनकर मैं खुश हो गया और मौसी के होंठों पे एक लम्बा किस कर दिया.

इसके बाद फिर से हम दोनों ने दो बार और चुदाई का मजा लिया. दूसरी बार में मैंने मौसी को डॉगी स्टाइल में भी चोदा. इसके बाद मैं एक हफ़्ता वहां रुका और रोज दिन के समय में, जब स्नेहा स्कूल, जसवीर शॉप पे और मौसा जी शराब पीने चले जाते, तो मैं मौसी को चोदा करता था और हर दिन में मैं उनको 2-3 बार जरूर चोदता था.

इसके बाद मैं अपने घर आ गया, लेकिन मैं अब जब भी मौसी के घर जाता हूँ, तो हम दोनों मौका मिलते ही जमकर सेक्स कर लेते हैं.

दोस्तो, मौसी की चूत चुदाई की कहानी यहीं खत्म होती है. आप प्लीज़ इस बात ध्यान रखना कि यह सिर्फ़ कहानी ही नहीं है बल्कि मेरी और शांति मौसी जी की सच्ची प्रेम कथा है. ये सेक्स स्टोरी शत प्रतिशत सच है. आप मेरी कहानी पे कमेंट जरूर करना ताकि अन्तर्वासना पर मेरी रसीली कहानियों का सिलसिला यूं ही चलता रहे. आपके कमेंट्स से मुझे और नयी कहानियां लिखने का हौसला मिलेगा. मेरी ईमेल आईडी है [email protected] अगली बार मैं अपनी ज़िंदगी के कुछ और भी किस्से अन्तर्वासना पर आपसे शेयर करूँगा.