चचेरी बहन की कुँवारी चूत

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

यह मेरी अन्तर्वासना में पहली कहानी है। मैं एक मुंबई रहने वाला 19 वर्षीय युवक हूँ। यह बात उस वक्त की है जब मेरे दादाजी का देहांत हुए एक साल हो चुका था और उसी वजह से सबको गाँव जाना था। लेकिन मेरी परीक्षा के कारण मु्झे रुकना पड़ा लेकिन मेरी देखभाल के लिए किसी को तो रखना था। उसी वक्त मेरी चचेरी बहन नौकरी के कारण मुंबई हमारे पास आई हुई थी। और उसी की जम्मेदारी पे घरवाले मुझे छोड़कर गाँव चले गए।

मेरी चचेरी बहन का नाम वंदना(बदला हुआ) है। उसकी उमर 28 की थी लेकिन उसकी शादी नहीं हुई थी। ओर उस वक्त मेरी उमर 18 की थी। पाँच दिन बाद मेरी परीक्षा ख़तम हो गई। इसी के कारण मैंने बाज़ार से ब्लू फ़िल्म की सीडी लाकर मेरे सीडी प्लेयर के नीचे छुपा दी थी। उस वक्त दोपहर का समय था। उसी वक्त एक दोस्त आकर मुझे खेलने के लिए ले गया। मेरी चचेरी बहन घर पे ही थी। न जाने कैसे सफाई करते वक्त वो सीडी उसके हाथ लग गई और उस सीडी के कवर के ऊपर नंगे फोटो भी थे।

उसी वक्त मैं घर में आ धमका, और उसके हाथ में वो सीडी देखकर दंग रह गया और घबरा के सर नीचे झुका लिया। उसने मुझ से पूछा- ये क्या है?

मैं कुछ नहीं बोल पाया लेकिन न जाने उसकी गुस्से भरी आँखें गुलाबी होने लगी और मुझे वासना की नजर से देखने लगी लेकिन में स्तब्ध चुपचाप खड़ा था। उसने आगे बढ़कर दरवाज़ा बंद कर लिया। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था, वो मेरी तरफ बढ़ी और मुझे गले लगा के चूमने लगी।

वो मुझे दस मिनट तक चूमती रही। आखिरकार मुझे भी मस्ती चढ़ने लगी, आखिर मैं भी एक मर्द हूँ, मैं भी उसे चूमता रह गया। जब मुझे होश आया तो मैंने सोचा कि अभी शाम के साढ़े पाँच बजे हैं इसीलिए मैंने उसे कहा कि ये सब उस वक्त करना ठीक नहीं है। हम दोनों रुक गए, मैंने उसे कहा कि तुम फटाफट खाना बना लो और रात को अपनी प्यास बुझायेंगे।

तो वो खाना बनाने लगी लेकिन हमारी वासना बढ़ती जा रही थी।

रात के नौ बज चुके थे। साढ़े नौ बजे तक घर का सारा काम निपट गया। तब मुझसे रहा नहीं गया, मैंने उसे पीछे से जाकर पकड़ लिया। उसने कोई विरोध नहीं किया।

फिर मैंने उसको होटों पे चूमना शुरू किया और दूसरे हाथ से दरवाज़े की कुण्डी लगा दी। अब मेरे हाथ उसके बूब्स को दबाने लगे थे। वो भी तड़प रही थी। अब मेरे हाथ उसके बूब्स से निकलकर उसकी पैंटी की तरफ बढ़ने लगे और उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाने लगा। वो गरम हो गई और मेरे आठ इन्च के लंड को सहलाने लगी।

मैंने अब उसे पूरा नंगा कर दिया और मैं भी नंगा हो गया। हम पागल हुए जा रहे थे।

अब मैं उसे लिटाकर उसकी चूत चाटने लगा, वो पागल हो रही थी और इतने में उसने अपना पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया। अब उसकी चूत पूरी गीली थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत पे रगड़ना शुरू किया। और देर न करते हुए मैंने अपना लौड़ा वंदना की चूत में घुसाना शुरू किया पर मेरा लौड़ा अन्दर जा ही नहीं रहा था। किसी तरह जोर लगा कर मैंने अपने लिंग का अग्र भाग ही अन्दर घुसाया।

अब उसकी चूत से खून निकलने लगा, वो दर्द से तड़पती रही लेकिन मैं रुका नहीं और अपने लंड को पलते हुए उसकी चूत में पूरा घुसा दिया और मैं उसके चूत में लंड को लगातार आगे पीछे करता रहा। अब उसे भी मज़ा आने लगा, वो भी चूतड़ उठा के मेरा साथ देने लगी।

पूरे 10 मिनट बाद हम दोनों का पानी निकल गया। और उसी रात हम दोनों ने 5 बार चुदाई की। आपको मेरी कहानी पसंद आई? जरूर मेल करें: [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000