बरसात की हसीन रात

राज राने मेरे अन्तर्वासना के दोस्तों को मेरा सलाम, यह मेरी पहली कहानी है, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ, उम्र 27 वर्ष, एक प्राइवेट कंपनी में काम करता हूँ।

यह उन दिनों की बात है जब मैं किसी दूसरी कंपनी में काम करता था, वहाँ एक लड़की थी शीला (बदला हुआ नाम)

उसका बॉयफ्रेंड था, पर पता नहीं क्यों वो उसको समय दे नहीं रहा था, पर सच कहूँ दोस्तो, वो इतनी खूबसूरत है कि उससे दूर रहने वाला पागल होगा। वो गोरी और थोड़ी सी मोटी थी, पर बदन की आकृति बना कर रखी हुई थी। मुझे वैसी लड़कियाँ और औरतें बहुत पसंद हैं।

बरसात के दिन थे, मैं रोज उसको छोड़ने घर तक जाता था, उसके यहाँ एक गार्डन था वहाँ पर हम बैठा करते थे।

फ़िर थोड़े दिन बाद उसको मेरा साथ अच्छा लगने लगा, हम थोड़ा करीब आने लगे या यों कहिए कि हम कुछ ज्यादा नजदीक आ रहे थे। मैं उसके ड्रेस में ऊपर से हाथ डाल कर उसके स्तन दबाता था, कभी उसकी पैंट में हाथ डाल कर नीचे उंगली डाल कर उसको शांत करता था। सच कहूँ दोस्तो, वो इतनी गर्म है कि क्या बताऊँ और हमारे बीच ये नजदीकियाँ कैसे आई हम दोनों को भी पता नहीं चला।

हमेशा की तरह एक दिन मैं उसके घर से थोड़ा दूर उसको छोड़ कर जा रहा था कि उसने कहा- आज तुम मेरे घर तक आओ ना ! वहाँ पर अँधेरा होता है।

मैंने उसको उसकी बिल्डिंग के गेट के तक छोड़ा तो उसने कहा- घर चलो ! बारिश भी है ! और मॉम-डैड से मिल कर जाओ !

मैंने कहा- ठीक है।

मैं उसके साथ घर तक गया। वो चाबी से दरवाजा खोलने लगी।

मैंने कहा- घर पर कोई नहीं है क्या? उसने कहा- हैं ! पर मेरे पास चाबी होती है।

फ़िर हम अन्दर गए, उसने मुझे बैठाया, पानी लेने अन्दर गई, बाहर आकर मुझे कहा- आज खाना खाकर जाना।

मैंने बोला- नहीं ! तेरे मॉम-डैड को पसंद नहीं आएगा।

तब उसने मुझे बताया- आज घर पर कोई नहीं है, घर वाले गाँव गए हैं, तीन दिन बाद आएँगे।

तब उसकी आँखों में मैंने पढ़ लिया कि उसने आज घर क्यों बुलाया है।

उसने कहा- आज तुम मेरे यहाँ रूक रहे हो ! अपने घर पर बता दो !

वो शुक्रवार था और शनिवार और रविवार छुट्टी होती है, मैंने फ़ोन पर घर पर बता दिया कि दोस्तों के साथ पिकनिक जा रहा हूँ। रविवार को आऊँगा।

और फ़िर बाहर जाकर मैं कोंडोम लेकर आया।

हमने खाना खाया और ऐसे ही मूवी देखने लगे। तभी कोई गर्म दृश्य शुरू हुआ तो वो मुझे देखने लगी और मेरे करीब आकर मेरी बाँहों में सर रख कर बोली- राज, आज रात मैं तुम्हारी हूँ। मैंने उसको प्यार से अपनी बाहों में ले लिया।

तब वो बोली- कभी भी प्यार से मेरे बॉय फ्रेंड ने भी मुझे पास नहीं लिया।

मैं उसको उसी तरह दस मिनट तक बाहों में भर रहा।

वो फ़िर बोली- क्या तुम आज मुझे प्यार दोगे? जो मैं चाहती हूँ वो करोगे?

मैंने हाँ में गर्दन हिलाई। बोली- दस मिनट रुको ! मैं आती हूँ ! और अन्दर चली गई।

दस मिनट बाद उसने मुझे आवाज़ दी अन्दर आने के लिए।

मैं अन्दर गया, देखा कि वो एक लाल नाईटी में थी, थोड़ा पेट दिखाई दे रहा था।

वो दौड़ कर मेरे गले लग गई।

और मैंने उसको चूम लिया।

उस दिन मैंने उसको पहली बार इतनी हसीन और खुश देखा। और मैं उसको और खुश करना चाहता था।

फ़िर हम दोनों बिस्तर पर आ गए। हम दोनों एक दूसरे को आधा घण्टा चूमते रहे होंगे।

फिर मैंने उसकी नाईटी ऊपर से नीचे सरकाई उसने लाल ब्रा पहनी थी, पहली बार मैंने उसको ऐसे देखा था। गार्डन में अँधेरे में कुछ इतना नज़र नहीं आता था। मैं उसकी ब्रा ऊपर से ही उसके स्तन दबाने लगा, फ़िर मैंने उसकी ब्रा उसके वक्ष से उतार दी और मैंने उसके चुचूकों को अपने होंटों से चूसना शुरू किया।

वो जोर से आहें भरने लगी। पाँच मिनट में गर्म हो गई और मेरे सर को जोर से अपने वक्ष पर दबाने लगी और कहने लगी- काटो इनको दाँतों से ! पी लो मेरे बूब्स का रस।

मैं जोर से चूसने लगा काटने लगा। फिर धीरे धीरे पेट के ऊपर मैं उसको चूमने लगा। वो और गर्म हुई और मुझे बोलने लगी- राज प्लीज मत सताओ मुझे ! मैं ख़ुशी से मर रही हूँ ! मुझे तड़पाओ मत !

मैंने उसके नाईटी को उतार दिया, उसने पैंटी भी लाल पहनी थी और मेरी हरकतों से वो थोड़ी गीली भी हो गई थी। मैंने वहीं गीली पैंटी को बाहर से चाटना शुरू किया।

दोस्तो क्या बताऊ आपको ! उसकी चूत की खुशबू से मुझे जैसे नशा सा चढ़ने लगा था, मैंने उसकी पैंटी उतार कर देखा कि उसने चूत से बाल साफ़ कर रखे थे। उसकी चूत गुलाबी थी, मैंने अपनी जुबान से उसको चूसना शुरू किया। वो और उछलने लगी और मेरे सर को जोर से दबाने लगी।

मैं समझ गया कि उसको बहुत दिन बाद ऐसा मजा मिला है या उसने कभी इतना मजा नहीं लिया था।

थोड़ी देर बाद वो झड़ गई मैंने उसका रस पी लिया।

थोड़ी देर शांति से लेटी रही वो ! दस मिनट बाद वो उठी तो मुझे चूमने लगी मेरे बदन पर टूट पड़ी, मेरे कपड़े उतारने लगी और फ़िर थोड़ी देर में मेरे अण्डरवीयर से मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी।

मैंने उसको चूसने का इशारा किया पर उसको वो नहीं आता था। वो अपनी जुबान से बाहर से ही मेरे लंड को चाटने लगी। फ़िर पाँच मिनट बाद मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और कोंडोम लगा कर लंड को उसकी चूत में डालना शुरू किया।

मेरा लंड थोड़ा अन्दर जाते ही वो चिल्लाना शुरू हुई। तब मैंने थोड़ा आहिस्ते से उसके अन्दर पेलना शुरु किया। थोड़ी देर बाद वो मेरा साथ देने लगी। फ़िर मैंने थोड़ी रफ़्तार बढ़ा कर उसकी चूत में पूरा लण्ड डाल दिया।

उसको मजा आ रहा था और वो अब मुझे और जोर से करने को बोल रही थी।

मैंने उसके कहने पर अपनी रफ़्तार बढ़ाई फिर कुछ देर बाद वो झड़ गई। फ़िर मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और कोंडोम हटा कर उसके पेट पर झड़ गया। वो मेरे रस को उंगली पर लेकर चाट रही थी।

थोड़ी देर हम वैसे ही लेटे रहे। थोड़ी देर बाद वो फ़िर मेरे लंड के साथ खेलने लगी और उसे खड़ा करने लगी।

पाँच मिनट बाद दोबारा तैयार होने के बाद हमने बहुत चुदाई की।

उस रात हमने तीन बार चुदाई की और फ़िर सो गए।

दूसरे दिन शनिवार को भी मैं उसके घर रूका था, वो कहानी मैं बाद में बताता हूँ।

उस बरसात की एक हसीन रात के बाद आगे मेरे ज़िन्दगी में बहुत से खूबसूरत मोड़ आये, मैंने उसकी और तीन सहेलियों को भी चोदा था पर वो मैं आपको आने वाली कहानियों में बताऊंगा।

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