नेहा की चूत रौंदी

अन्तर्वासना के सारे पाठकों को मेरा नमस्कार। यह कहानी मेरी और मेरी एक दोस्त नेहा की है। नेहा मेरे ऑफिस में ही काम करती थी और मेरी टीम की रिपोर्ट बनाती थी।

अक्सर वह मेरे पास आती और काफी चिपक कर बैठती थी। उसका शरीर काफी गोरा था और मम्मे और कूल्हे बिल्कुल गोल थी। वह हमेशा छोटी स्कर्ट पहन कर आती और अपनी टांगें मेरी टांग से रगड़ती रहती थी। उसकी ये सब शरारतें मुझे बहुत पसंद थी।

एक दिन वह मेरे पास आई और मुझे ऑफिस के बाद शराब पीने के लिए अपने घर बुलाया।

मैं भी खुश होकर शाम को उसके घर पहुँच गया। वह अपने परिवार के साथ रहती थी पर उस दिन सब बाहर गए हुए थे और सिर्फ एक नौकरानी घर पर थी।

उसने नौकरानी से पानी लाने के लिए कहा और मुझे अपने कमरे में ले गई।

हम इधर उधर की बातें कर रहे थे कि तब तक उसकी नौकरानी नाश्ता और पानी ले आई। इसके बाद उसने नौकरानी को जाने के लिए कहा और दरवाज़ा अन्दर से बंद कर लिया। उसने अपना और मेरा पेग बनाया और हम व्हिस्की पीने लगे।

वह मेरे सामने काफी पास बैठी थी और अपना हाथ मेरी जांघ पर रखा हुआ था।

कुछ देर में शराब असर दिखाने लगी और उसको जींस और शर्ट में गरमी लगने लगी।

उसने मुझसे कपड़े बदलने के लिए कहा और बाथरूम में चली गई। वह कुछ ही देर में एक स्कर्ट और स्लीवेलेस बनियान में बाहर आकर मेरे सामने बैठ गई।

अब तक उसे सिर्फ एक दोस्त समझ रहा था पर ऐसे कपड़ों में वह बहुत मस्त लगने लगी थी। मेरा सात इंच का लौड़ा उभार लेने लगा और यह नेहा ने भी देख लिया। वो अक्सर बात करते करते मेरे लौड़े को देखती और मुस्करा देती। वो मुझसे बार बार मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछती और बड़े ध्यान से मेरी बात सुनती।

कुछ देर बाद उसने अपनी टांगें मोड़ कर बैठ गई और मुझे उसकी पैन्टी दिखाई देने लगी। उसने काले रंग की पारदर्शी पैन्टी पहनी थी और झांटे बिल्कुल ट्रिम कर रखी थी।

यह देख कर मेरा लौड़ा पूरा खड़ा हो गया और जींस के ऊपर पूरा तम्बू बन गया। अब मुझे काफी अजीब लगने लगा और मैं किसी तरह से मुठ मार कर उसे आराम देना चाहता था।

मैंने नेहा से टॉयलेट जाने के लिए कहा, तो वो खुद टॉयलेट में गई और लाइट जला कर तौलिया रख दिया। वह मुझे देख कर मुस्करा दी और बाहर चली गई।

मैंने अपना सात इंच का लौड़ा निकला और उसको हिला हिला कर मुठ मारने लगा।

आँखों में बस नेहा की पैन्टी और उसकी ट्रिम झांटें दिख रही थी। अचानक से बाहर से नेहा के चिल्लाने की आवाज़ आई। मेरा ध्यान हट गया और मैं जल्दी से बाहर आकर देखने लगा कि क्या हुआ। नेहा बेड पर चढ़ी हुई थी और घबराई सी लगी।

मैंने पूछा- क्या हुआ?

तो उसने कहा- बेड पर एक कीड़ा था, जिसे देख कर मैं डर गई थी।

मैंने पूरा बेड देखा पर मुझे कुछ नहीं दिखा, मुझे लगा वो मेरे लौड़े को देख रही है और हल्के से मुस्करा रही थी।

मेरा लौड़ा भी ध्यान हटने से ढीला पड़ गया था और हम फिर से पीने बैठ गए।

नेहा फिर से टांग मोड़ कर बात गई और बातें करने लगी।

मेरा ध्यान फिर से उसकी पैन्टी की तरफ गया और मैंने देखा कि उसने पैन्टी उतार दी है।

अब उसकी चूत साफ़ नज़र आने लगी, बिल्कुल गोरी चूत थी और उसकी झांटें बिल्कुल स्टाइल से ट्रिम थी।

मेरी नज़र उसकी चूत से हट ही नहीं रही थी और नेहा बार बार अपनी टांगें खोल कर मुझे अपनी चूत दिखा रही थी।

मेरा लौड़ा फिर खड़ा हो गया और मैंने नेहा को देखा जो मेरे लौड़े की तरफ देख कर पेग पी रही थी। अब यह बिल्कुल साफ़ हो गया था कि हम दोनों ही चुदाई चाहते थे।

शराब की वजह से मुझे भी थोड़ी गरमी लगने लगी थी। नेहा ने एक पजामा निकला और मुझे बदलने के लिए दिया।

मैं टॉयलेट में जाकर अपनी जींस उतारी और पजामा पहन लिया। अब मेरा तम्बू साफ़ दिखने लगा था और मुझे कुछ शर्म सी महसूस हुई।

नेहा शायद यह बात समझ गई और उसने लाइट कम कर दी। अब मेरा लौड़ा मेरे काबू से बाहर होने लगा और उसकी चूत चोदने का गुबार चढ़ने लगा।

अब हम दोनों नशे में थे और मैंने नेहा से डांस करने के लिए पूछा। वो तुरंत मान गई और म्यूजिक लगा दिया।

मैंने उसे कमर से पकड़ा और हम दोनों डांस करने लगे।

मेरा तम्बू अक्सर उसकी स्कर्ट के ऊपर से उसकी चूत पर रगड़ जाता और हम दोनों की सांसें तेज़ हो जाती।

अब नेहा खुद ही मेरे करीब आने लगी और अपनी चूत के ऊपर मेरा लौड़ा छूने करने लगी।

अब मुझे भी नशे में कुछ कांफिडेंस आ गया और मैंने उसे अपनी तरफ पूरा चिपका लिया। उसने कोई आपत्ति नहीं दिखाई और मेरी आँखों में आँखें डाल कर धीरे धीरे नाचने लगी।

अब मैंने उसे उल्टा किया और पीछे से कमर पकड़ कर नाचने लगा। नेहा धीरे से मेरे पास आकर चिपक गई।

अब मेरा लौड़ा उसकी गांड के बीच मैं फँस गया। नेहा ने अपना सर मेरे सीने पर उल्टा रख दिया और मुझे देखते हुए अपनी गांड मेरे लौड़े पर रगड़ने लगी।मैंने अब अपना हाथ उसकी कमर से ऊपर करके उसके मम्मों के ठीक नीचे रख दिया। बिना पैन्टी की स्कर्ट से उसके गांड मुझे बहुत अच्छी महसूस होने लगी।

अब हम दोनों के सब्र का बाँध टूट गया।

अचानक वो पलटी और अपनी चूत मेरे लौड़े पर रख कर बोली- करना है क्या?

मैं- क्यूँ नहीं…पर क्या करना है?

वो मुस्करा दी और थोड़ी दूर जाकर कुर्सी पर बैठ गई।

नेहा- इधर आओ…

उसने अपनी स्कर्ट थोड़ी सी ऊपर की, बोली- …यह देखो… मेरी चूत कैसी तड़प रही है।

नेहा अब अपनी टांगें खोल कर कुर्सी पर पीछे हो कर बैठ गई।

मैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी। मैं उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए। मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया।

अचानक नेहा उठी और मेरा पजामा उतार फेंका।

नेहा- मुझे आज इतना चोदो कि मेरी चूत फट जाये… बहुत खुजली हो रही है इसमें.. आज इसको चोद चोद कर इसकी सारी खुजली मिटा दो…चाटो इसे और इसका सारा पानी निकाल दो।

मैंने नेहा को उठा कर बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत पर अपना लौड़ा रगड़ने लगा।

उसकी चूत का पानी उसकी गांड तक आ गया और उसकी गांड भी बिल्कुल गीली हो गई।

नेहा अब मेरी गांड पकड़ कर अपनी चूत की तरफ जोर से खींचने लगी और अपनी चूत उठा उठा कर मेरे लौड़े पर मारने लगी।

नेहा- चोदो मुझे… अब मेरी तड़प मिटा दो… अपना लौड़ा डाल दो मेरी चूत मैं… जल्दी करो… फाड़ो इस चूत को… अह्ह… अह्ह्ह्ह…

मैंने अपना सात इंच का मोटा लौड़ा उसकी चूत के मुँह पर रख दिया… नेहा की चूत उसके काबू से बाहर हो गई थी… अब वो बस रंडियों की तरह चुदना चाहती थी।

मैंने एक झटके मैं अपना आधा लंड उसकी चूत में ठूंस दिया…नेहा इतना ज़ोरदार झटका नहीं झेल पाई और दर्द से चिल्ला उठी… मैंने तुरंत उसके मुँह पर अपना हाथ रख दिया और बाकी लंड भी उसकी कसी हुई चूत में उतार दिया।

नेहा के चेहरे पर दर्द साफ़ दिख रहा था पर उसकी गीली चूत मुझे रुकने नहीं दे रही थी…

मैंने हाथ उसके पीछे डाल दिया और कंधे को पकड़ कर नीचे खींचा और बचा हुआ लंड भी उसकी चूत में घुस गया…

नेहा अब कुछ नोर्मल होने लगी और अपनी चूत मेरे लंड पर कसने लगी… वह बार बार अपनी चूत कसती और ढीला छोड़ देती… मेरे लंड को अब मज़ा आने लगा और में उसकी चूत अपने लंड से चोदने लगा…

नेहा- जोर से चोदो… बहुत दिन से नहीं चुदी हूँ… मेरा बॉयफ़्रेन्ड तो बस पांच मिनट में ही झड़ जाता है और उसका लंड भी छोटा है… खोल दो इस चूत को… मेरी चूत मारो… बनाओ मुझे रंडी और चोद डालो… अह्ह…अह्ह्ह्ह…

नेहा अब काफी जोर से खुल कर बोलने लगी थी… मैंने उसकी टांगें पकड़ कर पूरी खोल दी और उसके चूत की दीवार तक अपना लंड पहुँचा दिया… वह मेरी गांड पकड़ कर मुझे उकसाती रही- चोदते रहो… आज मेरी चूत इतनी खोल दो कि मेरी चूत कितना भी बड़ा लौड़ा ले सके… मुझे रंडियों की तरह चोदो…

मैं- यह ले साली रंडी… खा ले पूरा लौड़ा… बन जा पूरी रंडी… अह्ह्ह… और चुद मेरे लौड़े से… अब दो दिन ठीक से चल भी नहीं पायेगी… आज तुझे पूरी रात चोद कर तेरी चूत का भुरता बना दूंगा… उठा चूत और ले ले पूरा लौड़ा अन्दर… अह्ह…

मैंने नेहा की टांगें अपनी टांग के नीचे दबा ली और उसके चूतड़ पकड़ कर जोर से चोदने लगा… मैंने दो उँगलियाँ उसकी गांड में डाल दी और उसकी गांड भी उंगली से चोदने लगा…

वो अब पूरी तरह से पागल हो चुकी थी… वो मेरे कूल्हे पकड़ कर नोचने लगी…

नेहा- अह्ह… तुम मुझे दोनों तरफ से चोद रहे हो… मुझे पीछे से भी चोदो…

उसने मुझसे एक और उंगली गांड में डलवा दी… मैंने उसकी गांड के अंदर तीन उँगलियाँ डाल दी और गांड अन्दर से पकड़ ली और पूरे जोर से चूत चोदने लगा… उसके मम्मे उछल उछल कर मुझे जोश दिला रहे थे… मैंने एक हाथ से उसके मम्मे मसलने शुरू कर दिए… वो अपने मम्मे उठा कर मुझसे चूसने के लिए कहने लगी- …देखो कितने गोल और गोरे हैं… मसल दो इन्हें… लाल कर दो… मैं अपने बॉयफ़्रेन्ड को दिखा कर बता दूँगी कि चुदाई कैसे करते हैं…मेरे बदन की सारी गरमी निकाल दो…

मैंने उसको उल्टा लिटा दिया और अपना लंड पीछे से उसकी चूत में फिर डाल दिया। मैंने अपने हाथ आगे ले जाकर उसके मम्मे पकड़ कर कस कर चोदने लगा।

करीब आधे घंटे तक मैंने नेहा को खूब रौंदा और उसकी चूत और गांड पूरी खोल दी। आधे घंटे की चुदाई के बाद हम दोनों आने लगे… नेहा बिल्कुल मदहोश थी और बड़बड़ा रही थी- …सब अन्दर ही डाल दो… मुझे तुम्हारा रस अपनी चूत में जाता हुआ महसूस करना है… जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में खाली करो…

पर मैंने अपना लंड निकाल कर उसकी गांड के छेद के ऊपर खाली कर दिया… वो अपनी उँगलियों से मेरा रस अपनी गांड से लेकर चाटने लगी और बीच बीच में लंड भी चूसती रही।

इसके बाद तो हम अक्सर जगह मिलते ही पागलों की तरह चुदाई करते।

यह मेरी पहली कहानी है, कृपया अपने सन्देश मुझे ज़रूर भेजें, बताएं कि आपको यह कहानी कैसी लगी। 3078