कंप्यूटर इंजिनियर से बना जिगोलो

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मैं अक्षत भोपाल से मैं अन्तर्वासना का काफ़ी समय से पाठक रहा हूँ। इसने प्रकाशित कहानियाँ मेरी नस-नस में उबाल ला देती है। मैं 28 साल का हूँ दिखने में ठीक-ठाक हूँ। बस सिर पर आगे की तरफ बाल थोड़े कम हैं।

यहाँ मैं अपनी जिंदगी का पहला अनुभव आपके सामने रखने जा रहा हूँ। यह घटना करीब डेढ़ साल पहले की है।

एक दिन मैं अपने दोस्त के साथ मार्केट में घूम रहा था, तभी हमारी मुलाकात मुनिया मौसी से हुई जो कि हमारे पुराने मकान मालकिन की बहू की बहन थीं।

उनका फिगर करीब 36-28-38 रहा होगा। उनसे हमने नमस्ते की, और थोड़ी बातचीत करने के बाद पर उनके पूछने पर मैंने बताया कि मैं एक कंप्यूटर हार्डवेयर इंजिनियर हूँ।

उन्होंने कहा- मुझे भी अपना कंप्यूटर दिखवाना है, कुछ प्राब्लम कर रहा है। मैंने कहा- ठीक है, जब टाइम मिले तो बता देना आकर देख लूँगा।

और वो मेरा नंबर लेकर चली गईं। हम अपने रास्ते आगे चल दिए।

एक दिन अचानक शुक्रवार को उनका दिन में फोन आया और उन्होंने कहा- अक्की (मेरा निक नेम) आज मेरा कंप्यूटर बिल्कुल बंद हो गया आकर ज़रा ठीक कर दो। मैंने शाम 6 बजे आने का कह कर फोन रख दिया।

शाम को मैं तय समय पर उनके घर पहुँच गया। वहाँ पहुँच कर देखा तो वह लोवर टी-शर्ट में थी।

उनको देखते ही मन डोल गया। मन पर काबू पाकर अंदर गया तो वह घर में वो अकेली थी। पूछने पर पता चला कि उनके मम्मी-पापा गाँव गए हुए हैं।

फिर मैंने कंप्यूटर की तरफ चलने को कहा तो अपने कमरे में ले जाकर बोली- आज सुबह से ही इसने काम करना बंद कर दिया है। मैंने कहा- ठीक है, मैं देख लेता हूँ।

वो मुझे कॉफ़ी की पूछ कर कॉफ़ी बनाने चली गई।

मैंने उनका पी सी चेक कर रैम को साफ कर चालू किया तो वो ठीक हो गया।

फिर मैंने जब एंटी-वाइरस पर पी सी को लगाया तो कुछ संदेहास्पद फोल्डर को देख कर मैं रुक गया। जब मैंने उस फोल्डर को खोल कर देखा तो उसमें कुछ पॉर्न वीडियो और फोटो थे।

अपनी आदत के अनुसार मैं उन्हें अपनी पेन-ड्राइव मैं कॉपी कर ही रहा था, तो देखा कि मौसी पीछे खड़ी सब देख रही हैं।

मैंने तुरंत वो बंद कर के चुपचाप बैठ गया। वो मुझे डाँटते हुए बोली- किसी के पर्सनल फोल्डर खोल कर देखते हुए शर्म नहीं आती? मैं उनसे सॉरी बोलते हुए बोला- प्लीज़ मुझे माफ़ कर दीजिए और किसी को मत बताना। तो वो बोली- यह सब ग़लत काम क्यों करते हो? मैंने कहा- ऐसे ही थोड़े मज़े के लिए।

फिर उन्होंने नर्म होते हुए पूछा- कितनी गर्ल फ्रेंड्स हैं तुम्हारी? मैंने कहा- एक भी नहीं। ‘तो फिर इनका क्या करोगे?’ मैंने कहा- बस देखने के लिए।

फिर मैंने डरते हुए पूछा- यह आपके पास कैसे हैं? तो उन्होंने कहा- बस कभी-कभी मन बहलाने के लिए देख लेती हूँ। मैंने पूछा- कभी यह सब ट्राई किया है?

तो उन्होंने कहा- नहीं, क्योंकि बाहर बदनामी का डर है, जिससे शादी में प्राब्लम आ सकती है। वैसे अब इस उम्र में शादी होना थोड़ा मुश्किल है।

मैं उठा और उनके पास बेड पर बैठते हुए कहा- किसी को इस बात का पता ना चले और काम भी हो जाए। तो वो गुस्सा करते हुए बोली- क्या?? मैं तुम्हारी शिकायत तुम्हारे मम्मी पापा से कर दूँगी।

तो मैंने उनका ज़बरदस्ती हाथ पकड़ा और कहा- आप भी अकेली, मैं भी अकेला और दोनों ही बदनामी के डर से अपनी इस प्यास को दबाए बैठे हैं। क्यों ना हम एक दूसरे की पूर्ति करें?

उनको कुछ ना बोलते देख मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और उनको कस कर अपनी बाहों में भर लिया।

शुरू में वह छुटने का प्रयास करती रही लेकिन जल्दी ही उन्होंने हथियार डाल दिए। करीब 5 मिनट बाद मैंने अपनी पकड़ ढीली करते हुए अपना एक हाथ उनकी टी-शर्ट के अंदर डालकर उनके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया।

उनके गाल, माथा, पूरे चेहरे पर चूमना शुरू कर दिया, जिससे उनकी सिसकारियाँ शुरू हो गईं। उन्होंने मुझे झटका दिया और बोलीं- तुम इस बारे में किसी को बताओगे तो नहीं?? मैंने कहा- यह राज मेरी तरफ से कभी नहीं खुलेगा। उन्होंने कहा- ठीक है।

ये कहते हुए अपने हाथों को मेरे बालों में घुमाते हुए अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए।

मैं अब दोनों हाथों से उनकी चूचियाँ मसल रहा था। मैंने उनकी टी-शर्ट के अंदर ही उनकी ब्रा की हुक खोल कर दोनों को एक साथ ही उतार दिया। उनकी भूरे निप्पल वाली सख़्त हो चुकी चूचियाँ मेरे सामने थीं।

मैंने उन्हें देखते तुरंत एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और दूसरी चूची को अपने हाथ से दबाने लगा। एक के बाद एक करीब 15 मिनट तक चूची चूसने और दबाने के बाद में अपना एक हाथ उनकी नाभि से होते हुए उनके लोवर के अंदर ले जाकर उनकी पैन्टी के ऊपर से उनकी फूली और पनीली चूत पर हाथ फिराने लगा। उनकी सिसकारियाँ और तेज हो चली थीं।

वो भी अपना हाथ पैंट के ऊपर से ही मलने लगी।

मेरे लंड महाराज जो अभी तक अंदर ही धमा-चौकड़ी मचा रहे थे, अब वो भी मेरी जीन्स फाड़ने पर उतारू हो चुके थे।

उन्होंने मेरी शर्ट के बटन खोले और एक के बाद शर्ट और बनियान दोनों ही उतार कर मुझे बिस्तर पर धक्का दे दिया।

वो मेरे शरीर पर छाने लगी। धीरे-धीरे नीचे जाते हुए, उन्होंने मेरी जीन्स का बटन और चैन खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया। वो मेरे लौड़े को अपने हाथ से मुठियाने लगी।

उसकी इस हरकत से मेरी भी सिसकारी निकल गई। किसी लड़की के हाथ से मुट्ठ मरवाते हुए मज़ा तो आ रहा था लेकिन फिर भी मैंने कहा- मौसी ये तो मैं रोज़ कर लेता हूँ। आप कुछ नया करो ना!

उन्हें समझते हुए देर ना लगी और फिर मेरा लंड पर किस करते हुए सुपाड़े से लेकर गोलियों तक अपनी जीभ से चाटते हुए मेरा पूरा 6 इंच का लण्ड अपने मुँह में भर लिया।

करीब 5 मिनट तक वो मेरा लण्ड चूसती रहीं। इसके बाद मैंने उठकर अपनी जीन्स और चड्डी उतार दी और पूरा नंगा हो गया।

फ़िर मैंने उनका लोवर और पैन्टी उतार दिए अब दोनों एक दूसरे के सामने पूरे नंगे थे। उनकी नंगी गुलाबी चूत को, जिस पर एक भी बाल नहीं था, देख कर मैं दंग रह गया।

पूछने पर वो बोली- मुझे यहाँ पर बालों के कारण ज़्यादा खुजली होती है, इसीलिए हर 15 दिन में सफाई कर लेती हूँ।

मैं सीधे उनकी चूत पर टूट पड़ा और एक ऊँगली उनकी चूत में डालकर अंदर-बाहर करने लगा। ‘आआअ… आ… ह… ह ह ऊ… ऊऊऊ…’ करते हुए वो सिसकारियाँ लेने लगी।

वो कहने लगी- अक्की अब बर्दास्त नहीं हो रहा, जल्दी से अपना लण्ड अंदर डाल दो।’ मैंने कहा- अब तो यह आपका ही है, थोड़ी देर और सब्र कर लो।

वो- ऊहह..ऊहह…आहह…’ करते हुए चूत चुसाई का पूरा मज़ा ले रही थी।

थोड़ी देर बाद उठ कर हम 69 की पोज़िशन में आ गए और एक दूसरे के गुप्तांगों को चूसते रहे। करीब 15 मिनट बाद हम दोनों ही साथ मैं एक दूसरे के मुँह में झड़ गए।

दोनों एक दूसरे का पूरा रस चूस कर सीधे होकर एक दूसरे को चूमते हुए लेटे रहे। करीब 15 मिनट बाद मेरा लण्ड उनका हाथ का स्पर्श पाकर फिर मैदान में उतरने के लिए तैयार हो गया। मैंने उठकर लौड़े को उनकी चूत में डालने के लिए जैसे ही सुपाड़ा चूत पर रखा तो फिसल गया।

2-3 बार ऐसा होने पर मैंने कहा- जान, पहले इस पर थोड़ी सी चिकनाई लगा दो।

‘अच्छा बेटा, मौसी से सीधे जान पर.. हा…हा…हा…’ हंसते हुए मेरा लण्ड एक बार फिर अपने मुँह में ले लिया।

बोली- अब डालो दोनों ही चिकने हो गए हैं, अब कोई प्राब्लम नहीं आएगी। मेरा लण्ड पकड़ के सीधे चूत के मुँह पर रख लिया।

मैंने भी एक ज़ोर का शॉट लगते हुए करीब आधा लण्ड अंदर डाल दिया और पहली बार होने के कारण दोनों की चीखें निकल गईं।

वो बोली- यह क्या डाल दिया अंदर? निकालो बहुत दर्द हो रहा। मैंने कहा- जान यह पहली बार का दर्द है। इसे सह लो इसके बाद तो मज़ा ही मज़ा है।

करीब 2 मिनट बाद मैंने स्थिति नॉर्मल होते हुए देख एक जोरदार झटका और लगाया जिससे मेरा लण्ड पूरा अंदर घुस गया।

इस बार उनकी चीख छोटी सी थी पर उनकी आँखो से आँसू निकल आए थे। मैं 2 मिनट फिर रुका, जिससे उनकी चूत को थोड़ा आराम मिला अब मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिए।

थोड़ी देर बाद वो भी अपनी चूतड़ उठा कर साथ देने लगी, और पूरा कमरा हम दोनों की ‘ऊहह… आह… ऊहह… आह… ह… ह’ से भर गया।

करीब 15 मिनट की मस्त चुदाई के बाद उन्होंने अपनी दोनों टाँगे मेरी कमर पर कस लीं।

वो अपने नाख़ून मेरी पीठ पर ज़ोर से गड़ाते हुए झड़ने लगी।

मैं भी कुछ सेकेंड के लिए रुका और फिर धक्के लगाने शुरू कर दिए अब कमरे में ‘ऊहह… आह…’ के साथ ‘फच्च… फच्च…’ की आवाजें भी आने लगीं, क्योंकि चूत अब और ज़्यादा पनीली हो चुकी थी।

करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने अपना पूरा वीर्य उनकी चूत में निचोड़ दिया।

करीब आधा घंटे तक मैं उनके ऊपर इसे ही पड़ा रहा। उसके बाद मैं उठा तो घड़ी मैं 10 बज गए थे।

वो उठ कर बाथरूम जाने लगी तो मैं भी पीछे-पीछे हो लिया। फिर हम दोनों बाथरूम एक साथ नहाए।

नहाने के बाद बाहर आकर फिर दोनों ने कपड़े पहन लिए और जाने लगा तो उन्होंने कहा- आज यहीं रुक जाओ।

तो मैंने कहा- जान मन तो मेरा भी नहीं कर रहा जाने का, लेकिन क्या करूँ जाना तो पड़ेगा ही। तुम कहो तो कल और परसों तुम्हारे साथ ही आकर रह लूँगा, आज नहीं।

तो उन्होंने कहा- ठीक तुम्हारा यह वीकेंड मेरे नाम। मैंने कहा- जी सरकार।

वो अंदर जाकर एक लिफ़ाफ़ा लेकर आई और मेरे बैग में डाल दिया। बोली- घर जाकर ही देखना। मैं ‘ठीक है’ कहता हुआ अपने घर आ गया।

तो दोस्तो, यह थी मेरे चुदाई के सफ़र की पहली कहानी। आपको कैसी लगी ज़रूर बताएं। इसके आगे की कहानी अगले भाग में पेश करूँगा। मेरा ई-मेल आईडी है-

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