कालेज का गुण्डा

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कहानी : सोफ़िया

सभी दोस्तों को मेरी तरफ से नमस्कार। मैं अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूँ। मैंने सोचा कि क्यों न अपनी कहानी आप लोगों के साथ शेयर करूँ। पर मुझे हिंदी की टाइपिंग नहीं आती और न ही मैं इतने अच्छे ढंग से लिख सकती थी। इसलिए मैंने साजन जी की मदद ली। मैं साजन जी की अहसान मन्द रहूंगी। उन्होंने न केवल मेरी कहानी को हिंदी में लिखा बल्कि उन्होंने अपने शब्दों से मेरी इस सत्य घटना सजाया और संवारा भी है जो मैं कभी नहीं कर पाती।

मेरा नाम सोफिया (बदला हुआ नाम) है, मैं रायपुर से हूँ, मैं बहुत ही सुन्दर हूँ, मेरा फिगर 34-30-36 है।

मेरी कहानी आज से दो साल पहले की है। यह उन दिनों की बात है, जब मैं कालिज में पढ़ती थी। बहुत से लड़के मुझ पर मरते थे, पर मैं किसी को भी घास तक नहीं डालती थी।

हमारी कक्षा में एक लड़का ऐसा भी पढ़ता था जो दिखने हैंडसम बहुत था पर वो आर्यन बहुत ही गुण्डा टाइप का लड़का था और शराब बहुत ही भी पीता था। वो कालेज तो रोज आता था, लेकिन क्लास एक भी अटेंड नहीं करता था। पूरा दिन कालेज के सामने बाहर बैठ कर अपने दोस्तों के साथ टाइम पास करता था।

मैं रोज कालेज से आते जाते वक़्त उस देखती थी। मैं भी उसको दूसरों के जैसे ही गुण्डा, बदमाश समझती थी, उससे मैं हमेशा डरी डरी रहती थी।

कुछ दिनों बाद ही हमारे कालेज में वार्षिकोत्सव होना था तो उसी की तैयारी कालेज में जोर शोर से चल रही थी।

मैंने भी डांस में भाग लिया था और रिहर्सल के लिए मुझे कालेज जल्दी जाना था। मैं सुबह आठ बजे कालेज पहुँच गई थी लेकिन तब तक वहाँ मेरे अलावा कोई आया ही नहीं था सिवाये उस लड़के आर्यन के, पहले तो मैं उसे देख कर डर गई क्योंकि उस वक्त कालेज में मेरे और उसके अलावा कोई नहीं था।

कुछ देर तक तो मैं ऐसे ही खड़ी हुई उसको देखती रही। आर्यन भी मुझे देखता रहा पर उसने मुझसे कहा कुछ भी नहीं, जब मैं कुछ सामान्य हुई तो मैंने थोड़ी हिम्मत जुटाकर उससे बात करने की सोची और आर्यन के पास पहुँच कर उसको ‘हेलो आर्यन’ कहा ! पर वो कुछ भी नहीं बोला। जब वो कुछ नहीं बोला तो मैंने सोचा कि शायद उसने सुना ही नहीं होगा।

मैंने फिर से कहा- हेल्लो आर्यन ! आप भी प्रोग्राम में किसी तरह का रोल कर रहे हो क्या !

इस बार भी उसने कोई जवाब नहीं दिया। मैंने सोचा यह लड़का कितना भाव खा रहा है कि जवाब तक नहीं देता मेरी बात का।

जब उसने कोई जवाब नहीं दिया तो मैं वहाँ से जाने लगी। अभी मैं उससे 5-6 कदम ही दूर ही गई थी, तभी उसकी आवाज मेरे कानों को सुनाई दी- तुम्हारा नाम सोफिया है ना?

तो मैंने पीछे मुड़कर उसको बोला- हाँ ! पर आप मेरा नाम कैसे जानते हो?

तो उसने कहा- मैं क्लास में नहीं आता तो इसका मतलब यह नहीं कि मैं अपने साथ पढ़ने वालों का नाम भी ना जानूँ।

फिर उसने कहा- मैं किसी भी प्रोग्राम में भाग नहीं ले रहा। मैं रोज इतने समय पर कालेज नहीं आता, पर आज मेरे कालेज में इस समय आने की वजह तुम हो।

उसके मुँह से ये सब बातें सुनते ही एक पल के लिए मैं सोच में पड़ गई, मैंने उससे कहा- आपका कहने का मतलब क्या है?

तो आर्यन ने मुझसे कहा- जब तुम पहली बार कॉलेज में आई थी, मैं तभी से तुमको प्यार करने लगा था। मैंने सिर्फ तुम्हे ही प्यार किया है लेकिन कभी तुमसे कहने की हिम्मत नहीं कर पाया पर आज बहुत मुश्किल से मैं हिम्मत जुटा पाया हूँ। और फिर कालेज में वैसे भी मेरी छवि एक गुंडे की है। इसलिए मैं किसी लड़की से भी तुमसे बात करने के लिए नहीं कह पाया था। पर आज मैं बहुत ही हिम्मत जुटा कर तुमसे यह कह रहा हूँ, आई लव यू सोफिया !

उसकी बात सुनकर कुछ पल के लिए मैं सोच में पड़ गई, और मैं सोच रही थी कि वैसे तो ये लड़का कालेज में बहुत ही दादा बन कर घूमता है लेकिन मुझसे बात करने में कितना घबरा रहा है। भले ही यह जैसा भी हो, पर कभी किसी लड़की के साथ इसके बारे में कुछ भी नहीं सुना।

तभी उसकी आवाज ने मेरा ध्यान अपनी ओर खींचा, उसने कहा- क्या सोच रही हो तुम? जैसा तुम मुझे समझती हो, मैं उस तरह का लड़का नहीं हूँ। मैं एक अच्छे घर का एक अच्छा लड़का हूँ। बस कालेज में थोड़ी बदमाशी करता हूँ, पर मैं कोई गुण्डा नहीं हूँ। अब मेरी जिंदगी का फैसला तुम्हारे हाथ में है कि तुम क्या चाहती हो।

आर्यन मुझसे फिर बोला- मैं तुम पर किसी तरह का कोई दवाब नहीं डालूँगा, सब तुम पर निर्भर करता है।

इतना बोल कर वो मुझे देखने लगा मानो वो मेरे जवाब की प्रतीक्षा कर रहा हो। उसके देखने के इस अंदाज से मैं थोड़ा डर गई थी इसलिए उससे कुछ बिना बोले ही मैं वहाँ से चली गई।

लेकिन वहाँ से आने के बाद मैं दिनभर और रात को उसके बारे में ही सोचती रही। न चाहते हुए भी उस पर से अपना ध्यान नहीं हटा पाई। ऐसे ही दो तीन दिन बीत गए, वो रोज मुझे कालेज आते जाते हुए देखता था, पर वो मुझसे कहता कुछ नहीं था। मैं भी उसे देख कर खुश होती थी और मैं भी उससे कुछ नहीं कहती थी।

मुझे भी लगने लगा था कि शायद मुझे भी आर्यन से प्यार हो गया है। मैंने सोच लिया था कि मैं भी उसको अपने प्यार का इजहार कर दूँगी।

उस दिन कालेज कार्यक्रम के बाद मैंने उससे अपने प्यार का इजहार कर दिया। आर्यन मेरे मुँह से यह बात सुनकर ख़ुशी से झूमने लगा और उसने मेरे होंठों को चूम लिया।

जैसे ही उसके होंठ मेरे होंठों से मिले, मानो मुझे 440 वोल्ट का करंट लगा हो। मेरे मन में वासना का सैलाब आ गया और मेरी साँसें जोर से चलने लगी थी, धड़कनें भी तेज हो गई थी। मेरी योनि से भी कामरज निकलने लगा था क्योंकि ये मेरी जिंदगी का पहला चुम्बन जो था। इतना अच्छा एहसास मुझे जिंदगी में कभी नहीं हुआ था। मेरे शरीर में काम वासना की आग भड़क उठी थी। किसी तरह मैंने अपने आपको संभाला और मैं आर्यन से अलग हुई।

उसके बाद हम एक दूसरे से मिलने लगे, हम साथ साथ घूमते फिरते, पिक्चर भी जाते और बहुत मौज मस्ती करते थे। आर्यन मुझसे कोई गलत हरकत नहीं करता था। उसके दिल में कुछ गलत भावना नहीं थी, वो सिर्फ मुझे चुम्बन ही करता था। आर्यन ने कभी उससे आगे बढ़ने की कोशिश भी नहीं की थी। वो पूरी तरह से मुझसे सच्चा प्यार करता था, हमारे प्यार को परवान चढ़ते हुए दो साल हो गए थे पर हम लोगों ने अभी तक सेक्स नहीं किया था। और न ही आर्यन ने कभी मुझे यौन सम्बन्धों के लिए बोला और न ही मैंने कभी सेक्स के लिए पहल की।

एक दिन हम दोनों एक फ़िल्म देखने गए उस पिक्चर में एक हॉट सीन आया उस हॉट सीन को देख कर अचानक आर्यन को पता नहीं क्या हुआ। उसने मुझे सिनेमा हाल में ही अपनी बांहों में जकड़ लिया और मुझे चूमने लगा और साथ साथ ही मेरी चूची दबाने लगा। फिर कुछ देर बाद आर्यन ने मुझसे कहा- जानू, आज मुझे तुमसे बहुत प्यार करने का मन कर रहा है।

मन तो मेरा भी करने लगा था उसकी इस हरकत से, बस फिर क्या था मुझे तो उसके मुँह से यही सुनना था, मैंने भी आर्यन से कह दिया- मन तो मेरा भी कर रहा था, जब तुमने मुझे पहली बार किस किया था, तबसे मेरा मन कर रहा था पर मैं तुमको बोल नहीं पाई, मैं सोचती थी कहीं तुम नाराज हो जाओ और पता नहीं मेरे बारे मैं क्या सोचो इसलिए मैंने तुमसे कभी नहीं कहा। पर अब मैं भी चाहती हूँ कि तुम मुझे इतना प्यार करो कि मैं पूरी दुनिया भूल जाऊँ।

मेरे इतना कहते ही वो मुझे पागलों की तरह चूमने चाटने लगा। फिर कुछ देर बाद हम वहाँ से उठे और एक होटल में आ गए। होटल के रूम में पहुँचते ही हम दोनों ने अपने होश खो दिए और प्यार के सागर में डुबकी लगाने लगे।

हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को चूमने लगे और न जाने कब हम दोनों के कपड़ों ने हमारा साथ छोड़ दिया, पता ही नहीं चला। अब हम दोनों पूरे जन्मजात नंगे थे। आर्यन मुझे चूमते हुए मेरी चूचियाँ दबाने लगा और फिर उनको अपने मुँह में लेकर चूसने लगा।

मैं भी अपने एक हाथ से अपनी चूची को पकड़ कर दूसरे हाथ से आर्यन के सर को अपनी चूची पर दबाते हुए मैं सिसकारियाँ भरने लगी, साथ साथ आर्यन से कह भी रही थी- और पी जानू ! और पी ! मैं बहुत दिनों से तरस रही थी तुमको अपनी चूचियो का दूध पिलाने के लिए। आज मेरी चूचियो का पूरा दूध पी जाओ तुम !

मेरी यह बात सुनकर आर्यन को और भी जोश आ गया और वो जोर जोर से मेरी चूचियाँ चूसने लगा। आर्यन चूचियो को चूसते हुए मेरी योनि सहलाने लगा। उसकी इस हरकत से मैं पागल हो रही थी।

फिर कुछ देर बाद हम 69 की पोजीशन में आ गए, आर्यन मेरी चूत चाटने लगा और मैं पहले तो उसके लंड को पकड कर मुठ मारती रही, फिर मैं उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। यह हम दोनों का पहला सेक्स था फिर भी हम किसी माहिर खिलाड़ी की तरह सेक्स कर रहे थे। आर्यन ने मेरी चूत को इतना चूसा कि मैं अब झड़ने वाली थी और आर्यन लंड भी मैंने इतना चूसा कि उसका माल भी निकलने वाला था।

फिर हम दोनो एक साथ एक दूसरे के मुँह में झड़ गए। मैंने पहली बार वीर्य का स्वाद चखा था इसलिए मुझे उबकाई सी आ गई पर मैंने जैसे तैसे करके आर्यन के माल को पी लिया। आर्यन ने भी मेरी चूत का पानी चाटकर पूरा साफ़ कर दिया। फिर हम दोनों एक दूसरे के ऊपर कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे।

थोड़ी देर बाद मैंने फिर से आर्यन के लौड़े को अपने मुँह में लिया और उसके लंड को चूसने लगी। कुछ पलों में ही आर्यन का लंड फिर से खड़ा हो गया। फिर आर्यन ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरे चूतड़ों के नीचे तकिया रखा दिया और फिर मेरी चूत पर अपना लंड रख कर एक झटका मेरी चूत पर मारा पर आर्यन का लंड फिसल गया।

मैंने आर्यन का लौडा अपने हाथ में पकड़कर अपनी चूत पर सही से टिकाया और आर्यन को धक्का लगाने को कहा ! आर्यन ने धीरे से धक्का मारा तो उसके लंड का टोपा मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया।

‘ऊह… ऊई… ऊईई… म्म्म्मा… आअ…’ और मैं दर्द से चिल्लाने लगी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

आर्यन ने मेरा मुँह अपने होंठ से बंद कर दिया और मुझे किस करते हुए मेरी चूची दबाने लगा। जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने उसे और अन्दर सरकाने को कहा ! फिर आर्यन ने धीरे धीरे करते हुए अपना पांच इंच का लौड़ा पूरा मेरी चूत में डाल दिया और मैं एक बार फिर जोर से ऊ…ऊईई… ईई… मर्र… गईई… ईई… चीख निकल गई।

मेरी चूत खून से लहूलुहान हो गई थी मेरी चूत से खून निकल कर तकिये पर जमा हो रहा था। आर्यन मेरे होंठ चूसते हुए मेरी चूची सहला रहा था, कुछ देर बाद जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने आर्यन को चोदने के लिए कहा, फिर तो आर्यन मुझे जबरदस्त तरीके से चोदने लगा। अब मेरा दर्द भी मजे में बदल गया था और मैं भी अब अपनी गांड उठा उठा कर उनके हर धक्के का जवाब दे रही थी।

मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी और मैं आर्यन को ‘और चोदो जान, और चोदो’ बोल रही थी।

पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाज से गूंज रहा था। फिर आर्यन मुझे घोड़ी बना कर चोदा, जिसमे मुझे बहुत ही मज़ा आया। फिर आर्यन ने मुझे अपने ऊपर आने को कहा !मैं आर्यन के ऊपर आ गई और फिर आर्यन नीचे से अपने कूल्हे उठा उठा कर मुझे चोदने लगा।

मैं अब तक दो बार झड़ चुकी थी। फिर आर्यन ने भी अपना वीर्य मेरी चूत में ही छोड़ दिया। कुछ देर बाद हम दोनों उठे और हम दोनों ने कपड़े पहने और होटल से निकल कर हम कुछ देर बाहर घूमे फिर उसके बाद आर्यन ने मुझे घर पर छोड़ दिया। मेरा बदन इतना दर्द कर रहा था कि एक बार बिस्तर पर लेटने बाद मुझसे उठा भी नहीं जा रहा था।

वो दिन मैं कभी नहीं भूल सकती क्योंकि आखिर वो मेरी पहली चुदाई जो थी। फिर हम दोनों ने शादी कर ली। आज आर्यन और मैं पति-पत्नी हैं और बहुत ही खुश हैं।

दोस्तो, आपको कहानी कैसी लगी, बताइयेगा जरूर !

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