लण्ड की प्यासी रोशनी-1

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हैलो दोस्तो, मेरा नाम सुनील कश्यप है और मैं मुंबई में रहता हूँ। अब जिन लोगों ने मेरी कहानी ‘प्यासी की प्यास बुझाई’ और ‘पड़ोसन को गर्भवती किया’ पढ़ी होगी, उन्हें मेरे बारे में जानकारी होगी।

मुझे आप लोगों के ढेर सारे ईमेल मिले और मुझे यह जानकर बहुत ख़ुशी हुई है कि आप लोगों को मेरी कहानियाँ बहुत पसंद आ रही हैं। बस आप लोगों का यही प्यार और उत्साह मुझे अन्तर्वासना पर अपने जीवन के सेक्स अनुभवों के बारे में लिखने के लिए प्रेरित करता रहता है।

जो पाठक मेरे बारे में नहीं जानते हैं, मैं उनको बताना चाहूँगा कि मैं 23 वर्षीय युवक हूँ और मुंबई में अपने परिवार के साथ रहता हूँ। सेक्स करना और उसके बारे में लिखना यह मेरी पसंदगी है। मैं दुनिया में हर चीज के बगैर रह सकता हूँ लेकिन कोई कह दे कि मैं सेक्स के बिना रह जाऊँ तो मेरे लिए यह नामुमकिन है। अब तो चुदाई मेरे लिए एक नशे की तरह हो गई है।

मैंने हर उम्र की लड़कियों और औरतों के साथ सेक्स किया है। कुछ लड़कियाँ जो हाई-प्रोफाइल होती हैं। उनकी भी प्यास मैंने बुझाई है। कुछ औरतें जो शादी के बाद अपने पति से नहीं खुश रह पातीं, उनकी प्यास भी मैंने बुझाई है। कुछ जो संतान इच्छुक होती हैं, मैंने उनको संतान सुख भी दिया है। मैं 23 साल की उम्र में ही बहुत लोगों के साथ सेक्स कर चुका हूँ। यूँ तो मैंने अपने जीवन में बहुत सारे चुदाई के अनुभवों की डिग्री ली हुई है, उनमें से दो को मैं आप लोगों के साथ शेयर कर चुका हूँ।

आज मैं आपको अपने तीसरी कहानी के बारे में बताने जा रहा हूँ।

मैं 6’2″ लम्बा एंड खूबसूरत बन्दा हूँ। मैं अपने बदन की सम्भाल के लिए नियम से जिम जाता हूँ। इतना लम्बा कद और कसी हुई काया को देखकर हर कामुक लड़की के मुँह से ‘आह’ निकल जाती है। जब मैं बाहर घूमने के लिए निकलता हूँ तो काफी लड़कियों की नजर मुझ पर रहती है। मैं उनको अनदेखा करता हुआ अपने काम से मतलब रखता हूँ।

यह करीब 7-8 महीने पहले की बात है, जब मेरी दूसरी कहानी ‘प्यासी की प्यास बुझाई’ अन्तर्वासना पर प्रकाशित हुई थी। तब मुझे बहुत से मेरे पाठकों के मेल्स मिले थे।

उनमें से ही मेरी एक पाठिका थी रोशनी। रोशनी पुणे में ‘स्वारगेट’ के करीब एक पॉश एरिया में किराये के रूम में अपने दो सहेलियों के साथ रहती थी। वो मुझसे करीब 2 साल बड़ी थी और वो पुणे में एम.बी.ए करने के लिए आई हुई थी।

रोशनी अन्तर्वासना की रेगुलर पाठकों में से एक थी और उसे अन्तर्वासना की कहानियाँ बहुत पसंद आया करती थीं। जिन्हें पढ़-पढ़ कर वो अपनी चूत में उंगली डालकर अपनी चूत की प्यास बुझाया करती थी।

जब मेरी कहानी प्रकाशित हुई तो रोशनी ने मेरी कहानी पढ़ी और उसे मेरी कहानी बहुत पसंद आई। उसने मुझे मेल भेजा कि मेरा नाम रोशनी है, मुझे आपकी कहानी बहुत पसंद आई और मैं आपसे दोस्ती करना चाहती हूँ।

तो मैंने उसको अपनी जीमेल की आईडी से ईमेल कर दिया और कहा- यह मेरी मेन आईडी है इसे ऐड कर लेना।

मेल आने के 3 दिन बाद वो मुझे रात को 11 बजे ऑनलाइन मिली उसने मुझे बताया कि उसने मेरी कहानी पढ़ी और उसे बहुत पसंद आई।

मैंने भी उसे मेरी कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद दिया। फिर उसने मेरे बारे में पूछा और फिर मैंने उसके बारे में उसकी लोकेशन, जॉब वगैरा-वगैरा, तो उसने बताया, “वो पुणे में हॉस्टल में रहती है और एम.बी.ए. कर रही है।”

फिर हम दोनों ने उस दिन ढेर सारी बातें खुल के सेक्स, ओर्गास्म और चुदाई से सम्बंधित कीं।

उसको मेरे बात करने और सेक्स के बारे में अच्छी तरह बताने का अंदाज बहुत पसंद आया। फिर थोड़ी देर बाद वो दोबारा मिलने का आश्वासन देकर मेरी तारीफ करके चली गई।

फिर दूसरे दिन वो रात को 10 बजे मिली। इस बार हमने 5 मिनट तक इधर-उधर की बातें कीं। शायद आज वो हिचकिचा रही थी और मेरे साथ पूरी तरह खुलकर बात नहीं कर पा रही थी।

तो मैंने उससे पूछ लिया, “तुमने मुझसे सेक्स के प्रति तुम्हरी रूचि के बारे में तो बता दिया। लेकिन अपने सेक्स एक्स्पेरियेंस के बारे में नहीं बताया?”

तो वो बोली- मेरा सेक्स एक्स्पेरियेंस इतना कुछ ख़ास नहीं है।

मैंने उससे पूछा- कितनी बार सेक्स किया है?

तो उसने बताया, “उसने 4 बार अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स किया था, लेकिन उसका अब उसके बॉयफ्रेंड के साथ ब्रेकअप हो गया है और करीब 5 महीने से उसने चुदाई नहीं की है।”

मैंने उससे उसके बॉयफ्रेंड के साथ किये सेक्स के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि उसका बॉयफ्रेंड जल्दी झड़ जाता और थक जाता था। और उसकी प्यास अधूरी रह जाती थी।

उसकी यह बात सुनकर मैंने थोड़ा दुख जाहिर किया।

दोस्तो, हर लड़की की यह चाहत होती है कि उसकी सेक्स लाइफ बहुत सुख की हो। उसका बॉयफ्रेंड और पति उसे पूरी तरह संतुष्ट करे। बहुत से मामलों में ऐसा होता है कि लड़के संतुष्ट हो जाते है, लेकिन लड़कियों की प्यास अधूरी रह जाती है और वो अपनी प्यास को जाहिर भी नहीं कर पाती हैं। रोशनी उनमें से ही एक थी।

करीब एक हफ्ते की बातचीत के बाद अब रोशनी से मेरा रिश्ता प्रगाढ़ होने लगा। अब हम दोनों और खुल कर बातें करने लगे थे, मैं उसको अपने सेक्स एक्स्पेरीयेंस के बारे में बताया करता था कि मैं कैसे चुदाई करता हूँ, कैसे लड़कियों को उत्तेजित करता हूँ, कैसे उनको जिंदगी का मजा देता हूँ।

और वो मेरी बातों पर ध्यान लगा कर गौर करती थी। कुछ हद तक वो मेरे सेक्स करने के तरीके से काफी प्रभावित हो गई थी।

कुछ दिनों में हमने अपने नंबर भी एक दूसरे के साथ शेयर कर लिए। अब हम फ़ोन पर ही घंटों बातें किया करते थे। मैं उसे फ़ोन पर ही सेक्सी-सेक्सी बातें करके उत्तेजित कर देता था और वो मुझे अपनी बातों से मुट्ठ मारने पर मजबूर कर देती थी।

हम दोनों अब एक-दूसरे को मिलने के लिए बेताब थे, लेकिन हमारी टाइमिंग कुछ जम नहीं रही थी। एक तो वो पुणे में रहती थी और मैं यहाँ मुंबई में ऑफिस में काम में बिजी रहता था।

लेकिन कहते हैं न ‘भगवान् के घर देर है, पर अँधेर नहीं !’

एक दिन मैं ऑफिस से घर आया और मैं फ्रेश होकर टी.वी देखने के लिए बैठ गया। तभी मेरे सीनियर का फ़ोन आया।

उसने कहा- मुझे तीन दिन के लिए पुणे जाना है, प्रोजेक्ट का डेमो क्लाईंट को देने के लिए।

यह खबर सुनकर तो मानों मैं ख़ुशी से उछल पड़ा आखिर मेरी रोशनी से मिलने की तमन्ना जो पूरी होने वाली थी। यह बात मैंने रोशनी को बताई कि मैं 3 दिन के लिए पुणे आ रहा हूँ, तो यह खबर सुन कर वो भी खुश हो गई, उसने मुझे अपने घर का पता बताया और मिलने के लिए बुलाया।

अगले दिन मैं ट्रेन पकड़कर पुणे के लिए रवाना हो गया। कंपनी ने एक होटल में मेरे रहने का इंतजाम कर रखा था। होटल भी पुणे स्टेशन के बगल में था। मैंने रोशनी को होटल में मिलने के लिए कहा।

उसने हिचकिचाते हुए कहा- यार टाइमिंग मैच नहीं हो रही है। उसके लेक्चर्स होते हैं और शाम को वो अपनी रूम-मेट्स के साथ रहती है।

उसकी बातें सुन कर ऐसा लग रहा था, जैसे मेरी उम्मीदों पर किसी ने पानी फेर दिया हो।

मैंने कहा- कोई बात नहीं लेकिन ‘डू समथिंग’। मैं तुमसे मिलने के लिए बेचैन हूँ और मैं भी जनता हूँ कि तुम भी बहुत बेचैन हो।

आप लोग तो जान ही गए होंगे कि हम दोनों मिलने के लिए क्यों इतने बेचैन थे?

मैं क्लाईंट को डेमो देकर दोपहर तक होटल में आ गया था और आराम कर रहा था। तभी मेरा फ़ोन बजा और वो फ़ोन रोशनी का था।

रोशनी ने मुझसे मेरे होटल का नाम और पता पूछा और बोली कि वो मुझसे मिलने आ रही है।

यह सुन कर एक बार फिर मेरे अरमान जाग गए। मैंने रूम को थोड़ा सजाया और उसका इन्तजार करने लगा। फिर आधे घंटे बाद वो होटल के नीचे आई और उसने मुझे कॉल किया और नीचे आने को कहा।

मैं नीचे गया उससे मिलने और उसको जब मैंने देखा तो मैं तो एकदम से कुछ पल के लिए पागल हो गया। उसने काला टॉप और नीली जींस पहनी हुई थी। इतनी ज्यादा खूबसूरत तो नहीं थी, लेकिन टाईट टॉप एंड जींस में उसके उभार और उसके नितम्ब एकदम धमाल लग रहे थे। उसकी पूरी बॉडी एकदम जीरो फिगर थी। ऐसी लड़की के साथ हर लड़का सेक्स करना चाहे।

मैं उसके थोड़ा और पास गया और कुछ पल के लिए उसे देखता रहा और तब वो हंस कर बोली- क्या हुआ आपको? लगता है कुछ जोर का सदमा लगा है !

तो मैंने कहा- सदमा तो लगा है जी ! वो भी बहुत जोर का !

तो वो हँसने लगी। फिर मैंने उसे कमरे में चलने का आमंत्रण दिया। वो मेरे साथ मेरे कमरे में जाने के लिए चल पड़ी। अब हम दोनों कमरे में आ चुके थे। मैंने कमरे का दरवाजा बंद किया और हम सोफे पर बैठ कर यहाँ वहाँ की बातें करने लगे।

फिर मैंने वक्त बर्बाद न करते हुए पूछ ही लिया, “कभी किसी लेखक से ऐसे मिली हो?

तो उसने कहा- नहीं, फर्स्ट टाइम किसी अनजान दोस्त से मिल रही हूँ।

फिर मैंने बात को बढ़ाते हुए कह दिया, “यह अजनबी दोस्त तुम्हें अब जिन्दगी भर याद रहेगा।

तो उसने मेरी भावनाओं को भांप लिया और मुस्कुराने लगी।

हम दोनों सोफे पर बैठे हुए थे और बातें कर रहे थे लेकिन जो बात हम दोनों करना चाहते थे, वो बात समझ नहीं आ रही थी कि शुरुआत कहाँ से करें?

फिर तभी अचानक उसका पैर मेरे पैर से थोड़ा लड़ गया।

तो उसने कहा- सॉरी !

और मैंने कहा- सॉरी मत बोलो, मैं तो खुशनसीब हूँ कि आपके खूबसूरत पैर मेरे पैरों से लड़े।

तो वो हँसने लगी और बोली- आप बड़े मजाकिया हो !

तो मैंने कहा- मैं तो बहुत कुछ हूँ जी !

और मैंने उसके दोनों हाथों की उंगलियों को पकड़ते हुए खड़ा हुआ और वो भी मेरे साथ में खडी हुई और हम दोनों एक-दूसरे की आँखों में कुछ पल के लिए देखने लगे। मानो बरसों के बिछड़े हुए हम आज मिल रहे हों। फिर मुझे देखते-देखते उसने मुझे अपने से चिपका लिया और मुझे अपनी बांहों में जोर से जकड़ लिया।

मैंने भी उसका साथ दिया। अब हम दोनों एक-दूसरे को अपनी बांहों में जकड़े हुए थे और एक दूसरे को ‘आय लव यू’, ‘आय लव यू’ कह रहे थे।

फिर कुछ देर तक एक-दूसरे से चिपके रहने के बाद, हम दोनों ने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली की। मैंने फिर से उसकी आँखों में देखते हुए उसके माथे को चूम लिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

तो उसने मुझे फिर से चिपका लिया। हम दोनों तो पहले से ही चुदाई के लिए तैयार थे। बस सोच रहे थे, कि कैसे चालू करें। अब तो हमारी शुरुआत भी हो चुकी थी।

कहानी जारी रहेगी।

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