खुल्लमखुल्ला चुदाई-3

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

लेखक : इमरान

मैंने जाकर मुख्य दरवाजा खोला, सामने हनी खड़ी थी फिरोजी स्कर्ट और बेबी पिंक टॉप में ! कसे टॉप में उसके उभार बाहर छलक पड़ने को हो रहे थे. कम से कम 36 इंच के हो होंगे ही, शायद मनोज ने इन्हें मसल मसल कर, खींच, चूस कर इतने बड़े किये होंगे ! या क्या पता कितने लौण्डों के बिस्तर गर्म करती होगी ! मेरे मुख से कुछ नहीं निकला, मेरी नजर पहले उसके वक्ष पर फिर नीचे फिसलती हुई उसकी टांगों पर आ गई. उसकी स्कर्ट घुटनों से दो इंच ऊपर होगी. हनी बोली- हेलो हैदर ! कहाँ खो गए? अंदर आने को नहीं कहोगे? ‘हाय ! आओ !” हनी अंदर आई, मैंने गेट बंद किया और अंदर आ गया. मुझसे पहले हनी अम्मी और मनोज के पास पहुँच चुकी थी. मनोज अम्मी को घोड़ी बना कर पीछे से चोद रहा था, हनी कहा रही थी- कमीनों, तुमने तो मेरे आने का इन्तजार भी नहीं किया, पहले ही लग गए? अम्मी हय हय करती बोली- तुझे बताया तो था कि आज हैदर के लौड़े का उद्घाटन करवाना है तेरी चूत से ! तो हमने सोचा कि एक बार हम आपस में निपट लें, फिर हैदर को चोदना सिखाएंगे ! मैं हनी के पीछे ही खड़ा था, हनी ने मेरा हाथ पकड़ा और बोली- चल हैदर भाई, दूसरे कमरे में चलते हैं, इन मतलबी लोगों को करने दे जो कर रहे हैं। हनी मुझे खींच के दूसरे कमरे में ले जाने लगी तो अम्मी जोर से बोली- अरे ठहरो, हम बस निबट ही रहे हैं। “हमें तुम दोनों की जरूरत नहीं है, मैं खुद सब सिखा दूंगी हैदर को !” यह बोलते हुये हनी मुझे मेरे कमरे में ले गई, अम्मी रोकती रह गई। हनी को हमारे घर के बारे में सब पता था, उसने मुझे कमरे में अन्दर किया और चिटकनी लगा ली। मेरे कमरे में सिंगल बेड था पर काफ़ी बड़ा था। हनी ने मेरा हाथ पकड़ पर मुझे बेड पर बिठाया और खुद भी मेरी बगल में बैठ गई। उसके चेहरे पर लाज हया नाम की कोई चीज नहीं थी। मेरे साथ सट कर बैठते हुए उसने मेरी जाँघ पर हाथ रखा और बोली- तुमने अपनी अम्मी को क्या पट्टी पढ़ाई जो खुद तुम्हारे लिये चुदाई का इन्तजाम करके लगी? तो मैंने हनी को सुबह वाली पूरी बात बता दी। हनी ने पूछा- किसी लड़की की ली है पहले कभी? मैंने ना में सिर हिला दिया। “कोई गर्लफ़्रेन्ड नहीं पटा रखी?” “है गर्लफ़्रेन्ड तो लेकिन कुछ हुआ नहीं !” “किस्सिंग विसिंग तो की होगी?” “नहीं, वो ऐसा कुछ नहीं है।” “अबे… तू तो निरा फ़िसड्डी है !” “मुठ तो मारता होगा?” “हाँ… अपना हाथ सबके पास ! जगन्नाथ !” “और बता क्या क्या किया है? नंगी लड़की देखी है कभी?” “आज अम्मी को ही पूरा नंगा देखा है। या फ़िर ब्लू फ़िल्म में देखी हैं नंगी लड़कियाँ !” “बस ट्रेन में किसी से कुछ हाथ वाथ मारा होगा?” हनी का हाथ मेरी पैन्ट पर लौड़े के उभार पर फ़िरने लगा था। “हाँ बस की धक्का मुक्की में तो अक्सर मौका मिल जाता है।” मेरा हाथ भी हनी के टॉप के ऊपर से उसके वक्ष पर पहुँच गया था पर उसे अभी दबाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया था मैं। जरा निकाल के तो दिखा, कितना लम्बा मोटा है तेरा?” कहते हुए उसने मुझे अपने सामने खड़ा किया और पहले ज़िप सरकाई, फ़िर मेरी बैल्ट खोल कए मेरी पैन्ट नीचे खिसका दी। मेरा अन्डरवीयर तम्बू बना हुआ था, हनी ने मेरे लण्ड पर अन्डरवीयर के ऊपर ही अपने होंठ टिका दिये। अब मुझसे रहा नहीं गया, मैंने उसे पीछे की तरफ़ धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया और अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियों को मसलने लगा, हनी ने खुद ही अपना टॉप ऊपर सरका कर अपनी चूचियाँ नंगी कर ली, उसने ब्रा नहीं पहनी थी। कुछ देर बार हनी ने मेरा सिर अपनी चूचियों पर झुकाते हुए कहा- हैदर, चूस इन्हें ! मैंने एक निप्पल को अपने मुंह में लिया और दूसरी चूची को अपने हाथ से मसलने लगा। हनी बोली- ध्यान से चूसना, दांत मत लगा देना। कहते हुए हनी ने मेरे अन्डरवीयर में पीछे अपने दोनों हाथ घुसाये और कुछ पल मेरे चूतड़ सहला कर मेरा अन्डरवीयर उतारने लगी। हनी ने कहा- हैदर थोड़े चूतड़ ऊंचे कर ! मैंने चूची चूसते चूसते थोड़े ऊपर उठ कर अपने आगे से अन्डरवीयर सरक जाने दिया और हनी का हाथ मेरे नंगे गर्म लौड़े को सहलाने लगा। हनी ने अपनी स्कर्ट का हुक खोल लिया और मेरे लौड़े को अपने हाथ में पकड़ कर पैन्टी के ऊपर से ही अपनी चूत पर रगड़ने लगी। और तभी अति उत्तेजना वश मेरे लौड़े ने पिचकारी मार कर हनी की पैंटी को गन्दा कर दिया।

मेरा तो दिल धक से बैठ गया, मैं शर्म से पानी पानी होकर हनी के ऊपर से हट गया और बोला- सॉरी हनी, मैं रुक नहीं पाया, तुम्हारे

कपड़े खराब कर दिये। हनी भी उठ कर बैठ गई और मुझे सांत्वना देते हुए बोली- कोई बात नहीं हैदर, ज्यादा जोश में अकसर ऐसा हो जाता है, घबरा मत तू ! उसने मुझे अपने पास बुलाया और मेरे वीर्य से सने लण्ड को अपने मुंह में ले लिया, कुछ देर चूसने के बाद बाद बोली- दस पन्द्रह

मिनट में फ़िर खड़ा हो जाएगा। चल तू मेरी कच्छी उतार दे ! मैं तुझे अपनी फ़ुद्दी के दर्शन करवाऊँ !

कहते हुए उसने अपनी स्कर्ट और टॉप उतार कर बिस्तर पर डाल दिए और मेरे सामने लेट गई। उसने अपनी तीन उंगलियों पर अपनी पैंटी पर लगे मेरे वीर्य को लिया और सूंघने लगी, फ़िर मुस्कुरा कर तीनों उंगलियाँ मुंह में ले ली। मैं मूर्ति बना खड़ा उसे यह सब करते देख रहा था।

तभी हनी बोली- तूने कभी चखा है अपना माल? “नहीं तो !” “नमकीन सा स्वाद होता है इसका ! प्रोटीन होता है इसमें !” “मेरी फ़ुद्दी चाटेगा चोदने से पहले?” “चल एक बार तू मेरी चूत मार ले, तुझे भी पता लग जाएगा कि चूत कैसे मारी जाती है और इसमें क्या मज़ा है !” “आ मैं तुझे चूत दिखाती हूँ और तेरा खड़ा करने की कोशिश करती हूँ…” मैंने देखा कि हनी की चूत अम्मी की चूत के मुकाबले छोटी थी पर ज्यादा फ़ूली हुई थी, बीच में एक लकीर सी दिख रही थी जैसे आड़ू में होती है। मैं पास गया तो हनी ने अपने दोनों हाथों की एक एक उंगली से अपनी चूत के पट खोले तो मुझे अन्दर का गुलाबी हिस्सा नजर आया जबकि अम्मी की चूत पहले से ही अपने दरवाजे चौपट फ़ैला कर अपने भूरे रंग के अन्दरूनी भाग के दर्शन करवा रही थी। हनी ने अपनी एक उंगली अपनी योनि में घुसाते हुए कहा- हैदर यहाँ लण्ड डाला जाता है, इसमें तू अपनी उंगली घुसा के देख ! मैंने डरते हुए अपनी एक उंगली योनि के बिल्कुल ऊपरी हिस्से पर छुआई तो जैसे मुझे एक झटका सा लगा। फ़िर डरते डरते मैंने लगभग आधा इन्च उंगली अन्दर घुसाई तो पाया कि हनी की योनि काफ़ी गर्म और गीली थी। तभी हनी ने अपने कूल्हे उचकाए और मेरी आधी से ज्यादा उंगली उसकी चूत में घुस गई। मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी और उसका असर मेरे लण्ड पर दिखने लगा, वो सख्त होने लगा। हनी मेरे लन्ड को सहला रही थी वो बोली- तेरा खड़ा होने लगा है। तू मेरे ऊपर लेट कर मेरी चूचियाँ चूस, यह जल्दी तैयार हो जाएगा ! हनी ने मुझे अपने ऊपर ले लिया और अपना एक निप्पल मेरे मुंह में दे दिया। अब मेरा लण्ड हनी की नंगी चूत पर था, उसने मेरे अर्ध-उत्तेजित लन्ड को पकड़ा और अपनी योनि के दाने पर रगड़ने लगी। उत्तेजनावश मेरे कूल्हे भी चलने लगे और अब हम दोनों के मुख से सीत्कारें निकलने लगी। अचानक हनी ने बिना किसी पूर्व सूचना के मेरे लण्ड को अपनी चूत के छेद के बीच टिका लिया और मेरे चूतड़ों के झटके से वो हनी की फ़ुद्दी में घुस गया। तो दोस्तो, यह था मेरे कुंवारे लण्ड का प्रथम योनि प्रवेश ! इससे आगे तो बस कुछ खास नहीं, वही हुआ जो हमेशा होता है। वो तो आप अन्तर्वासना की ज्यादातर कहानियों में पढ़ते ही रहते हैं।

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000