चालू मैथिली की चुदाई

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

प्रवीण हाय दोस्तो, सभी पाठकों को मेरा हाथ में लंड लेकर नमस्कार। मेरा नाम प्रवीण है, 20 साल का हूँ, पुणे (नारायणगांव) रहता हूँ। मैं अन्तर्वासना का 2 साल से नियमित पाठक हूँ। अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़कर मेरा लंड आउट ऑफ कंट्रोल हो जाता है। 12वीं की परीक्षा खत्म होने के बाद मुझे एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम मिला था। कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेअर के बारे में सभी प्रॉब्लम मैं 2-3 मिनट में ही ठीक कर दिया करता था। अभी मैं एक प्रायवेट इंजीनियरिंग कॉलेज पढ़ता हूँ। बात आज से एक साल पुरानी है। मेरे घर के पीछे नए किराएदार रहने के लिए आए थे। उनमें एक लड़की भी थी। उसका नाम मैथिली था। दिखने में तो किसी हिरोइन से कम नहीं थी। उसकी आखों पर काला चश्मा उसके जवानी को सूट करता था। उसकी हाइट 5.2″ की थी, और उसकी फिगर 36-32-36 की है। वो हमेशा मेकअप करके ही रहती है, अक्सर लाल लिपस्टिक लगाती है और आँखों में काजल जरूर लगाती है। मैं उसको हमेशा इम्प्रेस करने कि कोशिश करता था। मगर मैथिली बहुत चालू किस्म की लड़की थी। हमारे यहाँ नए होने के कारण मैथिली, उसकी माँ और मेरी माँ हर रोज बाज़ार में सब्जी खरीदने, शॉपिंग के लिए साथ में जाते थे। इसी बहाने मैथिली और मेरी दोस्ती हो गई। हम अच्छे दोस्त होने के कारण हमारे घर में उसका आना-जाना रहता था और मैं भी उनके घर में जाता था। हर सन्डे के दिन छुट्टी होने के कारण मैं घूमने जाता था और उस दिन घूमने के लिए जा ही रहा था। तभी मैथिली मेरे घर पर आ गई और मुझसे कहने लगी- प्रवीण मेरे कम्प्यूटर में कुछ प्रॉब्लम की वजह से मेरी एक पीपीटी (पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन) की फाइल ओपन नहीं हो रही है, उसे ठीक कर दो ना प्लीज। कल कॉलेज में सुबह 9 बजे सेमीनार है और आज सन्डे होने के कारण सभी कम्प्यूटर रिपेयरिंग स्टोर बंद हैं। तो मैंने उसे हाँ कर दिया और मैं उसके साथ उसके घर चला गया। उसके मम्मी और पापा कुछ काम से बाहर गए थे। मैंने उसका कम्प्यूटर ऑन किया तो विंडोज एक्सपी की दो फाइल्स करप्ट हो गई थीं। तो मैंने पीसी की वो एरर सोल्व कर दीं और उसका पीसी ऑन हो गया तो मैंने उसे वो पीपीटी फाइल ओपन कर दी जिसके ऊपर कल मैथिली का सेमीनार था। वो बहुत ही खुश हो गई।उसी खुशी के मौके पर वो रसोई में जाकर चाय बना रही थी और मैं कम्प्यूटर पर बैठ कर इन्टरनेट यूज़ कर रहा था। तभी मैंने उसकी कल की हिस्टरी चेक की, तो उसमें पोर्न-साईट की हिस्टरी दिखाई दी और साथ में डाउनलोड फोल्डर में कुछ पोर्न-वीडियो भी दिखे। तो मैंने मैथिली से पूछा- इस कम्प्यूटर पर कल कौन बैठा था? तो उसने रसोई से जवाब दिया- मैं ही बैठी थी और इस कम्प्यूटर पर मेरे अलावा कोई भी नहीं बैठता..!” मैं तो बहुत खुश हो गया और मेरे मन में लड्डू फूटने लगे। तो मैं उसी मौके का फायदा उठाते हुए रसोई में चला गया और उसको पीछे से पकड़ा और अपना हाथ उसके वक्ष पर रखा। तो मैथिली ने मुझे धक्का दिया और मुझसे दूर हो गई। मैथिली बोली- तुम्हें शर्म नाम की कोई चीज़ है क्या? तो मैंने उसे कहा- ज्यादा होशियार बनने की कोशिश मत करो। मैंने तुम्हारे कम्प्यूटर मैं सब कुछ देखा है कि कल तुमने पोर्न-साईट ओपन की थी और उसके साथ में पोर्न-वीडियो भी देखे थे। मैं इसके बारे मैं तुम्हारे मम्मी को बता दूंगा। तो मैथिली थोड़ी सी घबरा गई और मुझसे कहने लगी- तुम यह बात मेरे मम्मी को मत बताना प्लीज..! तुम मेरे साथ जो चाहे वो करो। बस मुझे इसी मौके की तलाश थी। मैंने फिर से उसके वक्ष पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और उनको धीरे से मसलने लगा, इससे वो और उत्तेजित हो गई तो उसने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और मेरा साथ देने लगी।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! उसे बाद हम करीब दस मिनट तक एक-दूसरे को चूमते रहे। मैं उससे दूर हुआ और उसे बेडरूम में लेकर चला गया। मैंने बेडरूम में जाते ही दरवाजा बंद कर लिया और उसको फिर से चूमने लगा। मैंने उसे बेड पर लेटा दिया, धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए। अब उसके शरीर पर सिर्फ पैन्टी ही बची थी। मैं उसके स्तन देखने लगा। क्या चूचियाँ थी उसकी..! एकदम नरम, उनका रंग गोरा था और एकदम कड़क दिख रही थीं। उन्हें देख कर मेरे मुँह में पानी आ रहा था। तभी उसने अपना हाथ आगे किया और मेरा शर्ट उतार दिया। अब मैं उसके ऊपर लेट गया और साथ ही मैंने अपने हाथ से उसके स्तन को मसलना शुरु कर दिया। इससे वो और ज्यादा उत्तेजित हो गई, वो मेरा पूरा साथ दे रही थी। कुछ देर बाद मैंने उसके होंठ और गले पर भी चूमना शुरु कर दिया। उसके मुँह से बहुत सेक्सी आवाजें निकल रही थीं। वो ‘आआह्ह्ह आआ आ ह्हह अह्हह्ह’ जैसी आवाजें निकाल रही थी। मैंने अब नीचे जाना शुरु किया। मैं उसके वक्ष के बीच में से चूमते हुए उसके पेट को चूमने लगा और धीरे से आगे उसकी जांघ की तरफ बढ़ने लगा। मैं उसकी जांघ को चूमने-चाटने लगा। उसके मुँह से सेक्सी आवाजें आ रही थी- आआआह्हहह्ह आआ आ ह्हह अह्हह्ह आ आ अ। फिर मैंने उसकी पैंटी को खींच कर उसके शरीर से अलग कर दिया, उसकी सैक्सी चूत मेरी आँखों के सामने थी। बहुत प्यारी थी उसकी चूत। मैंने अपना मुँह उसकी चूत से लगा दिया, मैं उसकी चूत चूस रहा था और वो सैक्सी आवाजें ‘आआआआह्हह्हह्ह अयय’ निकाल रही थी। कुछ देर बाद उसने मेरे सर को अपनी चूत पर दबाया और झड़ने लगी मैं उसका पानी चाट गया। उसके पानी का स्वाद बहुत अच्छा था। वो अब बहुत गर्म हो गई थी। फिर मैंने अपने बाकी के कपड़े उतारे और मैं पूरा नंगा हो गया। मेरा साढ़े सात इन्च लम्बा और 2 इन्च मोटा लण्ड तन कर खड़ा था। उसके बाद मैंने उसे मेरा लंड चूसने के लिए कहा। तो उसने मना कर दिया, मैं भी उस पर ज्यादा जोर नहीं डालना चाहता था। फिर मैंने उसे चुदाई की पोजीशन में कर दिया और मैं उसकी चूत के सामने बैठ गया। मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत से टकराया तो वो सिसकारियाँ लेने लगी, कहने लगी- अब मुझे और मत सताओ… घुसेड़ दो अपने लण्ड को और फाड़ दे मेरी चूत..! मैंने उसकी टाँगों को अपने कन्धे पर रखा और एक धक्का मारा। मेरा लण्ड फिसल गया और वो हल्का सी चीखी। मैंने दो बार और कोशिश की, पर हर बार नाकाम हुआ। फिर मैंने उससे तेल मंगाया, मैंने काफ़ी तेल अपने लण्ड पर लगाया और फिर उसकी चूत पर भी तेल लगाया। मैं एक बार फिर उसी अवस्था में आ गया। मैंने अपने लण्ड को योनि के छेद पर टकराया और फिर से जोर लगा कर धक्का मारा। मेरे लण्ड का सुपारा उसकी चूत में घुस गया था। उसे दर्द हुआ और वो ‘ह्म्म्म्म आआई’ कर के चिल्लाने लगी- आआआंह्ह्ह आआआआईईईईई मार डाला। मैंने जल्दी से अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और उसे चूमने लगा, कुछ देर बाद उसका दर्द कम हो गया। मैंने फिर से एक धक्का लगाया, इससे मेरा लण्ड उसके चूत में 4″ इंच तक चला गया। मेरे इस धक्के से उसको फिर से दर्द हुआ और वो मुझे अपने ऊपर से दूर धकेलने लगी, पर मैंने उसको पकड़े रखा। कुछ देर बाद उसका दर्द खत्म हो गया, ऐसे ही मैंने एक और जोरदार धक्का मारा और मेरा लण्ड उसकी चूत में और अन्दर तक चला गया, वो दर्द से छ्टपटा उठी। मैंने उसे चूमा और उसके स्तनों को मसलना शुरु कर दिया। कुछ ही देर में उसको मजा आने लगा और मैं उसको चोदने लगा। वो मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने जैसे ही धीरे से और अन्दर करना चाहा तो मुझे लगा जैसे कोई दीवार मेरे लण्ड को अन्दर जाने से रोक रही है। मैंने अपने लण्ड को पीछे खींच लिया, अब मेरा सिर्फ़ लण्ड का सिर्फ़ सुपारा अन्दर था। मैंने एक लम्बी साँस ली और अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर चूसने लगा। फिर मैंने पूरे जोर से एक धक्का मारा, मेरा लण्ड उसकी सील को तोड़ता हुआ लगभग साढ़े सात इन्च अन्दर चला गया। मेरे इस धक्के से वो बुरी तरह से चीख पड़ी- आआअह्हह म्मम्म म्म्म्मम्मा ह्ह्हह्म्म्मम्म मार डाला। उसके होंठ मेरे होंठों में होने के कारण उसकी आवाज मेरे मुँह में दब गई। मैंने उसके हाथों को अपने हाथों से पकड़ रखा था। दर्द से उसकी आँखों से आँसू टपक रहे थे। कुछ देर बाद मुझे लगा जैसे कोई गरम पानी उसकी चूत से निकल रहा हो। उसकी चूत से खून निकल रहा था। कुछ देर तक हम उसी दशा में पड़े रहे। जब उसका दर्द शाँत हुआ तो उसने अपनी कमर हिलानी शुरु कर दी। फिर मैंने भी धक्के लगाने शुरु कर दिए। मैं उसको बहुत प्यार से चोद रहा था। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और मस्ती में ‘आआआआययईई आआआह्हह्ह अयई आअह्हह अह्हह…’ कर रही थी। अब मैं उसे काफी जोर से चोद रहा था, चोदने की आवाज़ ‘फ़चाक-फचाक’ काफी जोर से आ रही थी। वो बोलने लगी- और जोश से चोद मुझे। मेरी चूत फाड़ दे… आआआ मेरी चूत फाड़ दे… बहुत अंदर तक चला गया है तेरा लौड़ा… चोद रे चोद मुझे… और जोर से चोद… आअह आआ ह्ह्ह ऊऊईईईइमामाआआ आआअह्हह मम मार डाला.. फिर उसने मुझे कस कर पकड़ लिया, कुछ देर बाद वो झड़ गई, पर मैं उसे चोदता रहा। थोड़ी देर बाद वो फिर से जोश में आ गई और चूतड़ उठा-उठा कर चुदवाने लगी। मैंने उसे लगभग 15 मिनट तक चोदा। आखिर में मेरी चोदने की गति काफ़ी बढ़ गई और मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। इस दौरान वो शायद तीन बार झड़ी थी। फिर काफ़ी देर तक हम वैसे ही बिस्तर पर पड़े रहे। उसके बाद हम उठे और बाथरुम में जाकर एक-दूसरे को साफ़ किया और आकर लेट गए। थोड़ी देर बाद हम फिर से जोश में आ गए और फिर से चुदाई की। उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता था तो हम मज़े लेते थे। अब मैथिली के पापा का ट्रान्सफर हो गया है और मैं एक बार फिर से अकेला हूँ। तो दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताइए ! आपका दोस्त प्रवीण [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000