शर्म, हया, लज्जा और चुदाई का मजा-3

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

Sharm Haya Lajja aur Chudai ka Maja-3 मैं धीरे-धीरे उसकी चूत का स्वाद लिए जा रही थी और निशा भी अपने हाथ मेरे सिर पर दबा कर मजे ले रही थी। ऐसा करीब 20 मिनट तक चलता रहा, अब हम दोनों बहुत थक चुके थे।

फ़िर मैंने निशा से कहा- यार तूने मु्झे आज बहुत मजे करवाए हैं, आज का दिन मैं कभी नहीं भूल सकती।

तभी निशा ने कहा- अभी नहीं… अभी तो और मजे बाकी हैं.. तू जा और रसोई से लौकी या गाजर लेकर आ.. मैं तुझे इससे भी मस्त मजा करवाती हूँ।

मैं रसोई में गई और वहाँ से एक गाजर ले आई।

‘अब इसका क्या करेगी तू ?’

‘अब बस तू सोफ़े पर लेट जा.. देख मैं क्या करती हूँ।’

मैं सोफ़े पर लेट गई, फ़िर निशा ने मेरे पैर ऊपर किए और गाजर को मेरी चूत के छेद में डालने लगी।

तभी मैं चिल्लाई- निशा.. यह तू क्या कर रही है.. इसे अगर मेरी चूत में डालेग़ी तो मेरी तो चूत फ़ट जाएगी।

निशा- तू बैठ कर बस मजा ले।

उसने उस गाजर को मेरी चूत में घुसा दी, मैं और जोर से चिल्लाई- आआईईईईईई… मर गई मैं.. निकाल इसे..

पर निशा कहाँ सुनने वाली थी, उसने गाजर को आगे-पीछे करना शुरू किया।

बाद में मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी मजे से उसके साथ मजे लेने लगी।

अब उसने उसकी गाजर को घुसेड़ने की रफ्तार और तेज कर दी। अब वो पहले से ज्यादा जोर से गाजर को अन्दर-बाहर करने लगी।

मैं और भी जोर-जोर से आवाजें निकाल रही थी। करीब 10 मिनट के बाद मैं एक और बार झड़ गई। अब मैं पूरी तरह से थक गई थी। मैंने निशा एक जोर का चुम्बन किया और उसे धन्यवाद दिया।

फ़िर हम दोनों ने कपड़े पहने और फ़िर से अपनी पहले की स्थिति में आ गए।

तभी निशा ने मुझसे पूछा- क्यों रिया मजा आया ना?

मैंने भी ‘हाँ’ में जवाब दिया और फ़िर एक बार उसके होंठों का चुम्बन लेकर फ़िर कभी ये मजे करने का वादा किया।

इस पर निशा ने कहा- फ़िर कभी क्यों, कल ही करते हैं, कल तू मेरे घर पर आ.. कल मेरे घर पर भी कोई नहीं है… मैं तुझे और ज्यादा मजे करवाऊँगी.. ‘ठीक है।’

इतना कह कर वो चली गई और मैंने भी उसे वादा कर दिया कि मैं उसके घर जरूर आऊँगी।

जैसा कि हमने तय किया था मैं सुबह जल्दी उठ कर तैयार हो गई और सुबह करीब 10 बजे मैंने निशा को फ़ोन लगाया- हाय निशा, कैसी है? मैं रेडी हूँ अगर तू भी रेडी हो तो बता.. मैं तेरे घर आती हूँ।

इस पर निशा ने भी झट से ‘हाँ’ कर दी और मुझे जल्दी से उसके घर पर आने के लिए कहा।

तब मैंने एक जीन्स और टॉप पहना हुआ था, जो बहुत ही टाईट था। इसी कारणवश मेरा शरीर और भी ज्यादा चुस्त लग रहा था।

मैंने जल्दी से अपने घर ताला लगाया और निशा के घर को चल दी। उसका घर मेरे घर से करीब 2 मील दूर था तो मैंने एक रिक्शा कर लिया और उसके घर की तरफ चल दी।

करीब 20 मिनट बाद मैं उसके घर पर पहुँच गई। उसके घर पर जाकर मैंने घन्टी बजाई और दरवाजा खोलने निशा आई।

जब उसने दरवाजा खोला तो मैं उसे देख कर दंग रह गई। क्या कमाल की लड़की लग रही थी वो…! उसने भी एक टाईट जीन्स और टॉप पहना हुआ था पर इन कपड़ों में वो और भी ज्यादा कामुक लग रही थी।

‘अरे रिया आ गई तू, अच्छा हुआ मैं भी तेरा ही इन्तजार कर रही थी।’

इतना कह कर उसने मुझे अन्दर बुलाया और हम लोग उसके मेहमान कक्ष में जाकर बैठ गए।

करीब 5-10 मिनट तक हमने यहाँ-वहाँ की बातें कीं और कल की बातें याद कर के मजे ले रहे थे कि दरवाजे पर घन्टी बजी, मैं चौंक गई क्योंकि निशा के घर पर कोई नहीं था, दरवाजे पर कौन होगा? ये सोच कर मैं जरा परेशान हो रही थी।

तभी निशा गई और उसने दरवाजा खोला तो मेरी आँखें फ़टी की फ़टी रह गईं दरवाजे पर और कोई नहीं बल्कि रोहन था। मैं आपको बता दूँ, रोहन कॉलेज में हमारे साथ ही पढ़ता है वो दिखने में बहुत ही खुबसूरत और बेहद आकर्षक लड़का है। हमारी क्लास में उसके बहुत चर्चे भी होते हैं।

चलो अब कहानी पर आती हूँ…

रोहन को देख कर मैंने निशा से पूछा- निशा ये रोहन यहाँ कैसे?

तब निशा ने कहा- क्यों चौंक गई ना… मैंने तुझसे कहा था ना.. कि तुझे कल बहुत मजे करवाऊँगी.. इसी लिए मैंने रोहन को बुलाया है.. यह अब हमें बहुत मजे करवाएगा।

रोहन निशा के पास खड़ा होकर हमारी बातें सुन रहा था और मन ही मन मुस्कुरा रहा था।

मैं- पर यार ये सब क्यों? हमारी ऐसी कोई बात नहीं हुई थी।

निशा- यार ये हमें सब मजे करवाएगा, तुझे मजे करने हैं ना?

मैं- हाँ… पर?

निशा- पर-बर कुछ नहीं तू बस हमारे साथ मिल जा.. देख तू पूरी जिन्दगी आज का दिन याद रखेगी।

रोहन- हाँ.. मेरी रिया रानी तू बस हाँ कर दे… मैं तुम्हें वो खुशी दूँगा कि तू मेरी दीवानी हो जाएगी।

मजबूरन मुझे कहना पड़ा- अच्छा ठीक है।

मेरा इतना कहते ही रोहन मेरे पास आया और मुझे चूमने लगा। अभी मैं उसका साथ नहीं दे रही थी, साथ ही निशा भी मेरे पास आई और वो भी मुझे पीछे से चूमने लगी।

अब मैं उन दोनों के बीच सैंडविच बन गई थी।

यहाँ रोहन मुझे आगे से चूमे जा रहा था और पीछे से निशा मेरी गर्दन पर चूमे जा रही थी।

फ़िर रोहन ने अपने लब मेरे लबों से मिला दिए और एक जोर का चुम्बन किया। अब मैं भी कामदेव के नशे में आने लगी और मैंने भी रोहन को साथ देना शुरू कर दिया।

वो मेरे लबों को चूमे जा रहा था। मैं उसके लबों को चूमे जा रही थी, अब निशा ने उसके हाथ मेरे मम्मों पर रख दिए और उसे रगड़ने लगी। यहाँ हम दोनों एक-दूजे में खो गए थे और बस चूमे जा रहे थे। फ़िर निशा ने मेरा टॉप निकाल दिया और मेरी ब्रा भी निकाल दिया और फ़िर से मेरे मम्मों को मसलना शुरू कर दिया।

मेरे मुँह से ‘आअह्ह्ह्ह ह्म्म्म्म’ आवाजें आ रही थीं। अब रोहन भी मेरे गर्दन को चूम रहा था, मैंने अपने दोनों हाथ उसके पीठ पर रख दिए और उसके कान पर काटते हुए उसका साथ देने लगी।

तभी निशा आगे आई और रोहन को चूमने लगी। अब रोहन निशा को चूम रहा था। तभी मैंने रोहन की शर्ट निकाली।

वाह… क्या गठीला बदन था उसका.. अब मैं रोहन की छाती पर चूम रही थी और साथ ही उसकी जीन्स के ऊपर से उसके लंड को मसल रही थी। उसका लंड काफ़ी सख्त हो चुका था, अब वो भी बाहर आने के लिए तड़प रहा था। मैंने उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और उसके लंड को भी आजाद कर दिया। बाहर आते ही उसका लंड जैसे सलामी दे रहा था। मैंने इतना बड़ा लंड पहले कभी नहीं देखा हुआ था तो मैं और भी चकित थी।

उसने मुझे सोफ़े पर लेटने को कहा और उसने निशा के सारे कपड़े उतार दिए।

मैं अब सोफ़े पर लेट गई थी। रोहन मेरे पैरों के पास आया और निशा मेरे मुँह के पास आ कर खड़ी हो गई।

मैंने निशा का हाथ पकड़ कर उसे नीचे खींचा और उसके मुख पर चूमने लगी। हम दोनों एक-दूसरे को चूम रहे थे तभी रोहन ने मेरी पैन्ट खींची। कहानी जारी रहेगी। आपके विचारों का स्वागत है, मुझे मेल करें।

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000