शादी किसी की और चुदाई किसी की -1

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सबसे पहले मैं अन्तर्वासना का शुक्रिया करता हूँ, क्योंकि इस मंच के माध्यम से मैं अब तक अपनी कहानियाँ आपके सामने लाता रहा हूँ।

आप सबने मेरी कहानियों को पढ़ा और अपनी प्रतिक्रिया मुझे भेजी और मैंने हरसंभव कोशिश की कि सबको जवाब दे सकूँ। मुझे खेद है अगर मैंने किसी को जवाब नहीं दिया हो तो।

आपने मेरी पिछली कहानी ‘एकता और सपना की बजा दी’ पढ़ी।

अब मैं एक घटना आपके सामने रख रहा हूँ जिसकी परिणति मजेदार चुदाई में हुई।

अभी शादियों का मौसम शुरू हो गया है, मेरे ऑफिस के एक बड़े अधिकारी की बेटी की शादी होने वाली थी।

उन्होंने दिल्ली के एक बड़े होटल में बहुत सारे कमरे बुक कराए थे।

शादी में कोई परेशानी ना हो, इसलिए उन्होंने हम सबको सहयोग करने को कहा।

हम सभी को कुछ न कुछ जिम्मेदारी मिली।

मुझे होटल में आए हुए मेहमानों की देखभाल की जिम्मेदारी मिली।

शादी के 3 दिन पहले से होटल बुक था और मेहमान आने शुरू हो गए थे।

सबके लिए कमरा पहले से ही तय था और उसकी सूची मुझे दे दी गई थी। सब मेहमानों के पास मेरा कांटेक्ट नम्बर था। जब भी कोई आता मुझे कॉल करता और मैं सूची के हिसाब से उन्हें उनका कमरा दिखा देता।

बहुत सारे मेहमान आए थे, उनमें बहुत सारी लड़कियाँ और औरतें भी थीं।

एक लड़की मुंबई से आई.. उसने आने के पहले मुझे मुंबई से कॉल किया कि वो 5 बजे दिल्ली पहुँचेगी और वो दिल्ली पहले कभी नहीं आई है इसलिए मैं उसे एयरपोर्ट से होटल तक लेकर आऊँ। उसने अपना नाम नेहा बताया।

मैं 4 बजे गाड़ी लेकर एयरपोर्ट पहुँच गया, फ्लाइट समय से थी।

वो करीब 5.45 पर बाहर आई और उसने मुझे कॉल किया।

वो बोली- मैं गुलाबी रंग का टॉप पहने हूँ।

कुछ देर के बाद मैंने उसे ढूंढ लिया।

काफी खूबसूरत मॉडर्न लड़की थी, उसे देखकर ही मेरा तो लंड खड़ा हो गया। काले लम्बे बाल.. उठे हुए चूतड़ मस्त थे… चूचियों को देखकर ईमान ख़राब हो रहा था… कुल मिलकर काफी ‘हॉट-माल’ थी।

ड्राइवर ने उसका सामान गाड़ी में रख और फिर हम होटल आ गए और मैंने उसे एक कमरा दे दिया।

वो बोली- उसे कभी जरुरत होगी तो मुझे बुला लेगी।

मैं फिर दूसरे कामों में व्यस्त हो गया।

रात में जब सारे लोग डिनर कर रहे थे तो मेरी मुलाक़ात उससे हुई।

मैंने पूछा- कोई परेशानी तो नहीं हुई?

तो वो बोली- नहीं.. कल मुझे बाहर जाना है तो मैं आपकी मदद लूँगी।

अगले दिन उसने मुझे फ़ोन किया और बोली- मुझे ब्यूटी-पार्लर जाना है इसलिए गाड़ी चाहिए।

मैंने गाड़ी मंगवा दी और वो फिर चली गई।

उसे छोड़ कर ड्राइवर वापस आ गया।

करीब 2 घंटे के बाद उसने मुझे फ़ोन किया- मुझे वापस आना है..

मैं उस समय किसी काम से गाड़ी लेकर बाहर ही था, मैंने उसे वहीं रुकने बोला और कहा- मैं 30 मिनट में आ रहा हूँ।

मैंने ब्यूटी-पार्लर के पास पहुँच कर उसे फ़ोन किया, नेहा बाहर आई और गाड़ी में बैठ गई।

थोड़ी देर के बाद एक दुकान के सामने उसने गाड़ी रोकने बोला।

वो गाड़ी से उतर कर दुकान में गई, मैं उसके साथ दुकान में गया।

उसने वहाँ हेयर-रिमूवर क्रीम ख़रीदी। वो मेरी तरफ देख मुस्कुरा रही थी।

हेयर-रिमूवर क्रीम देखकर मेरे ख्यालों में उसकी चूत आने लगी।

सच बोलूँ तो लगा कि होटल पहुँच कर चोद दूँ।

हम वापस होटल आ गए।

मैं दूसरे कामों में लग गया और होटल से बाहर चला गया।

शाम में शादी का कार्यक्रम था, जो किसी दूसरे जगह पर था।

इसलिए सबको तैयार होकर 7 बजे वहाँ पहुँचना था और सबके लिए गाड़ी उपलब्ध करवाना मेरी जिम्मेवारी थी।

मैं 5 बजे होटल में आ गया।

मैं जब भी उसे देखता तो मेरे मन में यही ख्याल आता कि इसकी चूत अभी एकदम चिकनी होगी।

शाम को मैंने उसके कमरे के दरवाजे को खटखटाया, उसने दरवाजा खोला।

मैंने उससे पूछा- कोई परेशानी तो नहीं है?

वो बोली- नहीं.. सब ठीक है।

मैंने पूछा- कुछ लाना तो नहीं है?

इस पर वो मुस्कुराने लगी और बोली- आपने मेरा बहुत ख्याल रखा।

वो इस वक़्त लोअर और टॉप पहने थी और बहुत ही खूबसूरत लग रही थी।

मैं उसे देख रहा था और मुझे अचानक वो क्रीम वाली बात याद आ गई और मेरे मन में ख्याल आया कि इसकी चूत चिकनी होगी।

यह सोच कर अचानक मेरी हँसी निकल गई।

उसने मुझे हँसते देख कर मेरे हँसने का कारण पूछा।

मैंने बोला- कुछ नहीं बस ऐसे ही।

वो बार-बार पूछने लगी, मैंने बोला- सुन कर तुम नाराज हो जाओगी।

उसने बोला- नहीं.. बताओ तो?

मैंने बोला- क्रीम की बात सोच कर मुझे हँसी आ गई।

तो वो बोली- इसमें हँसने की क्या बात है.. तुम भी तो साफ करते होगे।

यह सुनकर मेरा हौसला थोड़ा बढ़ गया और मैं बोला- हाँ.. करता हूँ और मुझे चिकनी बहुत पसंद है।

वो बोली- सच में?

मैंने जवाब दिया- हाँ..

वो बोली- तुम बहुत शरारती हो..

मैंने बोला- खूबसूरत लड़की को देख कर शरारत करने का मन करता ही है।

इस तरह हम एक-दूसरे के साथ खुल गए।

इसके बाद मैं उसे देखने लगा और वो मुझे।

मैंने थोड़ी देर के बाद हिम्मत जुटाई और उसके कंधे पर हाथ रख दिया।

वो कुछ नहीं बोली, तो मैंने उसके चेहरे को दोनों हाथों में पकड़ लिया और उसे एक चुम्बन कर दिया।

वो शरमा कर नीचे देखने लगी।

मैंने उसकी चूचियों पर अपना हाथ रख दिया और धीरे-धीरे दबाने लगा।

इसके बाद मैंने उसे अपनी बाँहों में लिया।

मेरा लंड उसकी चूत से सट रहा था।

थोड़ी देर के बाद वो बोली- बस अभी और नहीं.. कोई आ सकता है।

मैंने पूछा- तुम कब जाओगी?

तो नेहा बोली- मुझे थोड़ा समय लगेगा.. इसलिए और लोगों को जाने दो।

इससे आगे की कहानी मैं अगले भाग में आपको बताऊँगा।

मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं का इन्तजार रहेगा। FB Page: https://www.facebook.com/mk.raj.5

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