चीकू जैसे मम्मों वाली आंटी की चुदाई

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दोस्तो.. मेरा नाम राहुल है और मैं आगरा से हूँ.. मेरी उम्र 23 साल है। मेरे पड़ोस मैं एक आंटी रहती हैं.. उसकी शादी को करीब 20 साल हो चुके हैं.. पर उसकी कोई औलाद नहीं है। वो मुझे बचपन से देखती आ रही है.. उसका फिगर बहुत स्लिम है और मम्मे चीकू जैसे छोटे-छोटे हैं.. पर बहुत ही सेक्सी हैं।

वो घर में ज्यादातर पेटीकोट-ब्लाउज में ही रहती थी.. उसको मैंने बहुत बार खाली पेटीकोट में भी देखा है.. उसके मम्मे मुझे ललचाने लगे थे। वो मेरे साथ हर तरह की बातें करती थी.. खास कर सेक्स की.. और मुझे बहुत पसंद करती थी।

मैं हमेशा उसके बारे में सोच-सोच कर घुटा करता था.. और मुठ्ठ मारता था। मैं उसे चोदने के लिए मर रहा था.. पर ये समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे उसे अपने लौड़े के नीचे करूँ.. क्योंकि मैं डरता था कि कहीं वो मेरे घरवालों को ना बोल दे।

कहते हैं न कि ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नहीं… और एक दिन उसने मेरी सुन ही ली.. एक दिन मेरे घर में सब शादी में गए हुए थे और भाग्यवश उसका पति भी शहर से बाहर गया था। मैं उसके घर टीवी देखने जाता था और उस रात भी मैं उसके घर गया। उसने मुझसे कहा- आज तुम इधर मेरे पास ही सो जाना। मैंने हामी भर दी और खाने के बाद वो बिस्तर पर सोने के लिए लेट गई.. वो सिर्फ पेटीकोट में थी। उसने अपने मम्मों को पेटीकोट में ढका हुआ था और उसे देख कर मुझे पसीना आने लगा।

फिर अचानक मैं चैनल बदल रहा था कि एक अंग्रेजी चैनल में एक ब्लू-फिल्म चल रही थी.. शायद केबल वाले ने लगा दी थी। पहले तो मैं डर गया.. फिर मैंने देखा कि वो आँखें बन्द करके सो रही है.. तो मैंने हिम्मत करके देखना चालू किया।

मैं सोते समय सिर्फ तौलिया पहन कर सोता हूँ.. वो भी बिना अंडरवियर के.. बस फिर क्या था.. मेरा 7 इंच का लौड़ा खड़ा हो गया और मैं अपने लवड़े को बिंदास सहलाने लगा।

तभी मुझे ऐसा लगा कि वो मुझे चुपके से देख रही है.. मैं डर गया.. पर वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगी। अब वो मुझे सेक्सी अंदाज में गाली बकने लगी- मादरचोद.. चूतिए.. तेरा लंड तो बड़ा खड़ा हो रहा है.. और तू मेरे घर में.. मेरे सामने ही हिला रहा है। मैं बहुत डर गया.. ये सोचने लगा कि वो कहीं किसी से बोल ना दे। मैं उसके सामने गिड़गिड़ाने लगा- सॉरी.. प्लीज मुझे माफ कर दो.. मैं ऐसा दोबारा नहीं करूँगा.. तुम जो बोलोगी.. मैं वो करूँगा।

बस मेरे इतना कहने की देर थी और उस रंडी ने मेरा तौलिया खींच डाला.. मैं उसके सामने पूरा नंगा खड़ा था और मेरा लंड एक कोबरा की तरह फुंफकार मार रहा था। उसने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और बोली- बहुत बड़ा लंड है रे तेरा.. फिर वो मेरे लंड के साथ खेलने लगी और मुझे मजा आने लगा। उसने अपना पेटीकोट भी उतार दिया.. अब हम दोनों नंगे खड़े थे।

मैंने उससे कहा- तुम बहुत खूबसूरत हो और मैं तुम्हें बहुत दिनों से चोदना चाहता हूँ। उसने भी कहा- चुदवाना तो मैं भी चाहती थी.. पर रिश्तों की सीमा की वजह से डरती थी।

बस फिर क्या था.. मैंने कहा- आज तो सभी सीमाएं टूट गई हैं.. आज मैं तुम्हें जी भर के चोदूँगा.. तुम्हारी प्यास को आज मैं बुझा दूँगा.. जो तुम्हें इतने सालों से अंकल से नहीं मिला.. मैं आज वो मजा तुम्हें दूंगा।

हम दोनों एक-दूसरे से प्यासे प्रेमी की तरह से लिपटने लगे। मैंने उसके रसीले होंठों को जी भर के चूसा। उसने भी कोई कसर बाकी नहीं रखी.. उसके छोटे-छोटे चीकू मम्मे.. जिन्हें मसलने के लिए मैं कई साल से आस लगा कर बैठा था.. मेरे सामने नंगे थे।

मैंने जी भर के उसके मम्मों को चूसा.. उसके चूचुकों को अपने दांतों से काटने लगा। उसे बड़ा मजा आ रहा था और वो ‘ऊऊऊऊ.. आआह्ह्ह..’ की आवाजें निकाल रही थी। वो मुझसे लिपट कर बोली- और चूसो.. पूरा खा जाओ मेरा निप्पल..

फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके पूरे बदन को चूसने-चाटने लगा। आज मुझे ऐसा लग रहा था.. जैसे मेरी बरसों की प्यास बुझ रही हो।

वो बिस्तर पर पड़ी कामुक सिसकारियां ले रही थी- आआह्ह्ह.. ऊऊह्ह्ह.. और चाटो.. और चूसो.. मुझे खा जाओ राहुल.. मैं तुम्हारी हूँ.. मेरी चूत की प्यास बुझा दो.. आआह्ह.. सक मी.. मर गईईई..

फिर मैं धीरे-धीरे उसकी बुर की तरफ बढ़ने लगा.. उसकी बुर के ऊपर छोटे-छोटे सुनहले बाल थे.. जो मुझे और पागल कर रहे थे। मैं उसके बालों को सहलाने लगा और उसकी बुर में धीरे-धीरे उंगली करने लगा।

वो लगातार सिसकारी भर रही थी- ऊऊह्ह.. आआह्ह.. मैं मर जाऊँगी.. चूत में उंगली मत करो.. प्लीज.. सीधे लवड़ा डाल दो.. आह्ह..

मैं इतनी जल्दी कहाँ सुनने वाला था.. मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर लगा दी.. वो अत्यधिक चुदासी हो उठी और अपने पैरों को खोलने लगी.. अब वो जोरों से चिल्लाने लगी- आहा… आआह्ह्ह.. साले चूस भोसड़ी के..

फिर मैं उसके भगनासा को चूसने लगा और वो सिसकारियां लेने लगी.. मैं जोर-जोर से अपनी जीभ से उसे चाटने लगा.. वो चिल्लाने लगी। उसने मेरे सर को अपनी बुर पर दबा लिया। फिर वो कहने लगी- मेरा निकलने वाला है.. आह्ह.. तो मैंने कहा- निकल जाओ.. तुम मेरे मुँह मैं डाल दो.. मैं तुम्हारा जूस टेस्ट करना चाहता हूँ।

बस फिर क्या था.. दो मिनट बाद वो खल्लास हो गई और उसकी चूत से जूस निकलने लगा। मैंने सारा का सारा जूस पी लिया। फिर मैंने उसकी बुर को थोड़ा और चाटा और फिर उसके मम्मे दबाने लगा। मेरा लंड फुंफकार मार रहा था। उसने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और उसे अपने होंठों से लगाने लगी और उसे पूरा का पूरा मुँह में डाल कर चूसने लगी।

मैं मस्त होने लगा.. वो मेरे लंड को खूब जोर से हिलाने लगी और चूसने लगी। मैंने उसके बालों को पकड़ लिया और उसके मुँह में अपना मोटा लंड पेलने लगा.. लण्ड पेलते वक्त मैं उसे ‘साली रंडी.. चूस हरामजादी..’ कह कर बोलने लगा और वो और मस्त होने लगी।

करीब 5 मिनट के मुखमैथुन के बाद मैं भी खल्लास हो गया। थोड़ी देर तक मैं ऐसे ही बिस्तर पर पड़ा रहा और फिर उसने मुझे दोबारा चूमना शुरू कर दिया.. मेरा लंड फिर से सलामी देने लगा।

अब मैं और समय गंवाना नहीं चाहता था और ना ही वो रुकने को तैयार थी। मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रखा और अपने लंड का सुपारा उसकी बुर पर टिका दिया। उसने मेरे लंड को थोड़ा दिशा दी और एक ज़ोरदार धक्के के साथ मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी बुर में चला गया।

वो इतने बड़े लौड़े को झेल नहीं पाई और चीखने-चिल्लाने लगी- उईई..माँ.. बाहर निकाल मादरचोद.. तेरे लंड से मेरी बुर फट जाएगी… ई..ई.. हाय मैं मर गईई.. हरामी के पिल्ले.. निकाल साले.. अपना लंड.. पर मैं सुनने वाला कहाँ था.. मैंने और जोर से उसे पेलना चालू कर दिया। थोड़ी देर बाद उसे मजा आने लगा और वो भी अपनी गांड उछाल कर मेरा साथ देने लगी। फिर क्या था.. पूरा कमरा उसकी और ‘फच्च.. फच्च..’ की आवाजों से गूंजने लगा। मेरा बरसों का सपना आज पूरा हो रहा था.. मैं उसे जी भर कर चोदने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसे कुतिया की स्टायल में बनाया और पीछे से उसकी चूत मारने लगा।

मैं ब्लू-फिल्मों के जैसे उसके बालों को पकड़ कर.. उसकी गांड पर चांटा मारते हुए.. उसकी बुर को चोद रहा था.. उसे बड़ा मजा आ रहा था और साथ मैं मुझे भी मस्त मजा मिल रहा था। चोदते समय उसके मम्मों को हिलता देख कर मेरी रफ्तार और बढ़ गई थी।

लगभग 20 मिनट की मस्त धकापेल चुदाई के बाद वो खल्लास हो गई और उसके साथ मैं भी कुछ धक्के और लगा कर उसकी चूत में ही झड़ गया। हम दोनों एक-दूसरे से लिपटे ऐसे ही आधे घंटे तक पड़े रहे.. फिर मैंने उसकी गांड भी मारी।

दोस्तो.. आपको मेरी पहली कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताइएगा।

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