सुरभि मैम की चूत की चुदास

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दोस्तो, मेरा नाम क्षितिज गुप्ता है मेरी उम्र 24 साल है.. मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ। यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है।

मैंने एक साल पहले एक कंप्यूटर इंस्टिट्यूट में प्रवेश लिया था। मैंने वहाँ कंप्यूटर की बेसिक जानकारी प्राप्त करने के लिए वहाँ की काउंसलर मिस सुरभि रस्तोगी से मुलाकात की.. वो बहुत ही अच्छे मिज़ाज की और खुले स्वभाव की लड़की थी। उनकी उम्र लगभग 26 साल होगी। उन्होंने मुझे वहाँ प्रवेश लेने के लिए कई ऑफर दिए.. जैसे कि आपको स्कॉलरशिप दिलवा दूँगी.. आपको बुक्स का चार्ज नहीं देना पड़ेगा.. आपकी प्रवेश फीस भी नहीं ली जाएगी.. वगैरह। मैं तो ये सब सुन कर काफ़ी खुश हो गया.. और मैंने तुरंत वहाँ प्रवेश ले लिया।

जब मैं घर आ गया तो रात को करीब 8 बजे मेरे फोन पर एक कॉल आई, वो सुरभि मैम की थी। उन्होंने मुझसे बताया कि मेरी स्कॉलरशिप की बात सर से हो गई है और मुझे सोमवार से क्लास ज्वाइन करना है। मैं मन ही मन बहुत खुश था कि कम फीस में कंप्यूटर कोर्स हो जाएगा।

सोमवार को मैं नहा-धोकर तैयार हुआ और एक रजिस्टर लेकर क्लास में पहुँच गया। वहाँ मैंने सुरभि मैम को ‘हैलो’ बोला और उनके पास जाकर उन्हें धन्यवाद दिया। वो बोली- इट्स ओके.. ये तो मेरा फ़र्ज़ था।

इसी तरह मेरी क्लास चलती रही और मैं रोज़ सुरभि मैमसे बात करता था.. वो भी मुझे देख कर काफ़ी खुश हो जाया करती थी।

एक दिन मुझे क्लास जाने में देर हो गई तो सुरभि मैम का फोन आया- कहाँ हो तुम.. आज आए क्यूँ नहीं? तो मैंने कहा- मैं रास्ते में हूँ.. बस पहुँचने ही वाला हूँ। उन्होंने कहा- जल्दी आओ। मैं यह सुन कर थोड़ा घबरा गया कि मुझे मैमने जल्दी आने को क्यूँ बोला।

मैं जैसे-तैसे क्लास पहुँचा और उनकी तरफ देखे बिना ही सीधा क्लास में घुस गया.. और पढ़ाई चालू कर दी। आमिर सर मुझे पढ़ाते थे.. उन्होंने कहा- आज प्रैक्टिकल करके ही घर जाना।

मैं और घबरा गया.. करीब दिन का एक बज रहा था। मैंने प्रैक्टिकल ख़त्म करके घर जाने की सोची.. तभी सुरभि मैम ने मुझे आवाज़ दी- क्षितिज.. मुझे तुमसे एक काम है.. क्या तुम कर दोगे? मैंने कहा- जी मैम.. बताइए क्या काम है? तो उन्होंने कहा- मुझे एक कुर्ता खरीदना है.. क्या तुम मेरे साथ चल सकते हो? मैंने थोड़ा सोचा और कहा- जी चलिए मैम।

मैम ने सर से कहा- उनकी तबीयत थोड़ी खराब लग रही है.. घर जाना होगा।

सर ने उन्हें छुट्टी दे दी और वो मुस्कुराती हुई मेरे साथ चलने लगीं। हम दोनों वहाँ से ऑटो करके मार्केट पहुँचे.. फिर उन्होंने एक कुर्ता खरीदा और मुझसे कहा- चाय पियोगे? मैंने ‘हाँ’ में सर हिला दिया। वो बोली- चाय पीना है.. तो मेरे घर चलना पड़ेगा।

मैं राज़ी हो गया और उन्होंने ऑटो की.. और 20 मिनट में हम दोनों उनके घर पहुँच गए और वो कपड़े बदलने चली गई। वो वही कुर्ता पहन कर आई.. जो उन्होंने मार्केट से खरीदा था। मुझसे पूछा- मैं कैसी लग रही हूँ? मैंने कहा- आप तो एकदम डॉल लग रही है मैम।

इतना सुन कर वो मेरे पास आई और मुझसे पूछा- तुम्हारी गर्ल फ्रेंड का नाम क्या है? तो मैंने सर नीचे करके कहा- जी.. शिवानी। वो बोली- गुड.. और तुम्हारी कितनी गर्ल फ्रेंड्स हैं? मैंने कहा- सिर्फ़ एक ही है मैम। तब उन्होंने पूछा- कभी किस किया है शिवानी को?

तो मैं थोड़ा हिचकिचाया और ‘हाँ’ में सर हिला दिया। उनकी आँखो में चमक आ गई और वो बोली- मैं तुम्हें बहुत सीधा समझती थी.. पर तुम तो बहुत बदमाश निकले।

मैंने कहा- नहीं मैम.. ऐसी बात नहीं है.. बस एक-दो बार ही किस किया है। तब मैम ने कहा- मुझे बताओ.. कैसे करते हो किस? यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! वो मेरे एकदम पास आकर बैठ गई। मेरी तो हालत खराब हो रही थी.. शायद मैम इसी इरादे से मुझे अपने घर लाई थीं और मेरे ऊपर पहले ही इतनी मेहरबानियाँ की थीं।

मैंने कहा- मैम.. मैं आपको कैसे बताऊँ कि किस कैसे किया था? तो वो तुरंत बोली- मेरे को करके बताओ ना..!

मेरा भी ईमान डोल गया और मैं मैम के होंठों को चूमने लगा.. वो भी मेरे होंठों को अन्दर खींच रही थी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

करीब 15 मिनट तक उनके होंठों को चूसने के बाद मैं अलग हो गया और वो आँखें बंद किए खड़ी रही.. फिर मुझसे कहा- मुझे शर्म आ रही है। मैंने कहा- मैम.. अब क्यूँ शर्मा रही हैं आप?

वो मुझसे लिपट गई और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए.. मैं आराम से उनके होंठों को पी रहा था। अब मेरा हाथ उनके मम्मों पर पहुँच गया और मैं धीरे-धीरे से उनके रसभरे पयोधरों को सहलाने लगा। वो सिसकारने लगी और बोली- ओह्ह.. जरा और ज़ोर से दबाओ ना प्लीज़..

यह सुन कर मेरा शैतान जाग गया और मैंने ज़ोर-ज़ोर से उनके मम्मों को मसलना चालू कर दिया। वो दर्द से सिसकारने लगी और बोली- इतना भी ज़ोर मत लगाओ राजा..

मैं फिर धीरे से दबाने और सहलाने लगा उनके मम्मे एकदम टाइट हो गए थे। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर उन्होंने मेरी शर्ट उतारने को कहा मैंने उतार दी। मैंने कहा- आप भी अपना कुर्ता उतारिए न..

तो उन्होंने झट से उतार फेंका.. क्रीम रंग की ब्रा में उनके गोरे मम्मे चमक रहे थे। मैंने आव देखा ना ताव और टूट पड़ा उनके मम्मों पर.. और चूस-चूस कर उनके मम्मों को लाल कर दिया। उन्हें भी काफ़ी मज़ा आ रहा था।

अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था। मैंने कहा- मैम.. क्या आप मेरा लौड़ा सहला सकती हैं? बोली- दिखाओ तो पहले.. तभी मैंने अपनी जीन्स को अंडरवियर समेत उतार दिया। उन्होंने मेरा खड़ा लण्ड देखा और बोली- लण्ड छोटा ज़रूर है.. पर मोटा काफ़ी है.. आज तो मज़ा आ जाएगा।

अब उन्होंने अपनी सलवार भी उतार दी और घुटनों के बल बैठ कर मेरा लण्ड चूसने लगीं। मैं तो मानो हवा में उड़ने लगा.. इतना मज़ा आ रहा था कि मेरा माल उनके मुँह में ही निकल गया और वो सब पी गई।

अब मेरा लण्ड सिकुड़ गया और छोटा सा हो गया। फिर वो मेरे अन्डकोषों को चूसने लगी। दस मिनट में मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और अब उन्होंने मुझसे कहा- तुम मेरी चूत चूसो..

पर मुझे घिन आने लगी और मैंने चूत चाटने से मना कर दिया.. तो वो बोली- अच्छा भोसड़ी के.. ठीक है.. अब लण्ड भी नहीं डालने दूँगी।

मैंने मुँह बना कर मजबूरी में उनकी चूत चूसी और वो अपनी टाँगें फैला कर ज़ोर-ज़ोर से सिसकारने लगी। उनकी आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी। मैंने उनकी चूत पूरी चूस डाली.. अजीब नमकीन सा स्वाद था। मेरा उल्टी करने का मन था.. पर मैंने सब्र रखा।

फिर उन्होंने कहा- क्षितिज अब सब्र नहीं हो रहा है.. प्लीज़ मेरी चूत में अपना लौड़ा डालो न.. मैंने उनकी टाँगें और फैलाईं और अपना एकदम टाइट 5 इंच का लण्ड उनकी चूत पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का मारा।

वो मेरे मोटे लौड़े की चोट को सहन नहीं कर पाई और तड़पने लगी.. रोने लगी.. पर उनका खून नहीं निकला।

मैंने सोचा- ओह.. साली छिनाल की पहले ही सील खुल चुकी है.. अब मैंने परवाह किए बिना एक और ज़ोर से झटका दिया मेरा लण्ड पूरा जड़ तक अन्दर जा चुका था। वो रो रही थी.. मेरे भी लण्ड में दर्द होने लगा।

मैंने उसके मम्मों को दोनों हाथों से दबाना शुरू किया और उन्हें खूब चूम रहा था।

दो मिनट बाद उन्होंने अपनी कमर हिलाना चालू की.. मैंने भी जवाब में धक्के देने शुरु किए।

मैं करीब दस मिनट तक लगातार उनकी चूत को रगड़ता रहा और वो एकदम से अकड़ गई और डिस्चार्ज हो गई। मैं भी 5-6 धक्कों के बाद उनकी चूत में ही निकल गया। अब वो निढाल पड़ी हुई थी.. मैं भी एकदम थका हुआ लगने लगा।

फिर उन्होंने चाय बनाई और हम दोनों ने चाय पी। थोड़ी देर बाद मैं फिर गरम हो गया और उन्हें एक बार और ठोका। फिर उन्होंने मुझे ज़ोरदार किस किया और मैं अपने घर चला आया।

यह मेरी पहली चुदाई टीचर थी। उसके बाद मैं हफ्ते में दो-तीन बार मैम की चूत को ज़रूर बजाता था।

यह थी मेरी सच्ची चूत चुदाई घटना जो कि मैंने आपके सामने रखी.. आपको कहानी कैसी लगी। मुझे मेल करके ज़रूर बताइएगा। [email protected]

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