बीवी की चूत चुदाई उसके भाई से -1

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दोस्तो, नमस्कार.. बहुत दिनों से हम दोनों.. मतलब मैं और मेरी पत्नी डिम्पल ने threesome का मजा नहीं लिया था, दोनों इसको बहुत याद कर रहे थे, मैं तो कुछ ज्यादा ही याद कर रहा था.. इसके दो कारण हैं। एक तो डिम्पल दूसरे लौड़े के नाम पर मस्त हो जाती है और ज्यादा मजे से चुदती है.. मेरे लंड को खूब मजे ले कर चूसती है। दूसरा कारण तो आप समझ ही गए होंगे कि मुझे भी किसी अलबेली नई चूत या लौड़े का स्वाद मिल जाता था।

मैंने डिंपल आज रात को चोदते हुए बोला- यार बहुत दिन हो गए.. एक और लौड़े को बिस्तर पर बुलाए हुए.. तुम्हें कुछ अलग मजा तो मिलना ही चाहिए। डिम्पल बोली- हाँ.. जानू मन तो मेरा भी खूब कर रहा है। कई दिन हो गए चूत को मजा नहीं आ रहा है और कुछ तो नया मिलना ही ठीक है.. नया लंड मिलेगा तो और मजा आएगा। मैंने पूछा- अब किसके लंड की बारी है.. किसको चोदोगी..?

डिंपल बोली- अपने कजन राजीव को चोदने का मन है.. क्या लम्बा.. ऊँचा और मस्त लौंडा है.. उसका लंड भी मजेदार होगा।

इसको सुन कर मेरे लंड में भी जोर आ गया और मैंने बोला- तो पक्का इस बार राजीव ही तुम्हारी चूत चोदेगा मेरी जान.. उसका लंड.. तेरी चूत और हम तीनों का प्यार.. मैं भी सोचने लगा कि अगर राजीव बिस्तर पर होगा.. तो उससे तो मैं भी गाण्ड मरवा लूँगा.. कितना मस्त है।

फिर हम दोनों की प्लानिंग शुरू हुई कि राजीव कैसे हम दोनों की इच्छा पूरी करेगा। फिर एक दिन मैंने राजीव को रात खाने पर बुलाया। वह बोला- मैं अकेला ही आ सकता हूँ क्योंकि बीवी की सेहत ठीक नहीं है। हम दोनों की आँखों में चमक आ गई। हम दोनों ने एक साथ ही बोला- इस बार अकेले.. अगली बार सब आना।

राजीव ने हमारा न्यौता स्वीकार कर लिया।

हम दोनों ने खूब तैयारी की.. डिंपल ने फुल बॉडी वैक्सिंग करवाई.. चूत के बाल भी वैक्स करवाए.. और अब डिंपल एकदम चिकनी हो गई। वैसे भी वो एकदम मस्त माल है। उसके 38 सी के मम्मे.. 34 इंच की बलखाती कमर.. 38 इंच के उठे हुए चूतड़.. और उस पर कमर तक लहराते बाल.. 5’6” की लम्बी और गोरी मस्त माल लगती है।

मैंने भी अपने झांट के बाल साफ़ किए। गाण्ड पर उगे हुए सब बाल साफ़ किए। अल्मारी में धूल खा रहे दोनों डिल्डो साफ़ किए और शाम का इंतजार करने लगे।

डिंपल ने मस्त लाल रंग का टॉप जो गहरे गले वाला था पहन लिया। उसके नीचे उसने ब्रा नहीं पहनी.. जिससे उसके टॉप में से उसके तने हुए निप्पल साफ़ दिख रहे थे। टॉप का गला इतना गहरा था कि यदि वो थोड़ा सा भी झुके तो उसके मम्मों के पूरे दर्शन कर लो।

कमर के नीचे चुस्त लैगिंग.. जिसमें से उसके चूतड़ एकदम मस्त दिख रहे थे। उसकी लैगिंग भी एकदम से चूत से चिपकी हुई थी। कोई मुर्दा भी देख ले तो उस बहन के लौड़े का भी लंड खड़ा हो जाए।

मैंने शार्ट पहना और ऊपर से टी-शर्ट पहन ली। जैसे ही राजीव आया मैंने उसका स्वागत किया और डिंपल उसके लिए पानी लाई।

पानी तो उसने पिया पर डिंपल को देख कर उसका गला सूख गया.. हमारा तीर निशाने पर लगा। अब सिर्फ अगला स्टेप यदि ठीक होगा तो फिर मस्ती चालू।

मैंने उसे ड्रिंक ऑफर किया और पैग बनाया। मैंने डिंपल को बोला- आओ डिंपल… एक-एक पैग हो जाए.. तुम्हारे राजीव भाई के लिए..

अब हम तीनों एक-दूसरे के सामने बैठे हुए थे। राजीव के सामने डिंपल और मैं उन दोनों के बगल में बैठ गया। तीनों ने गिलास उठाया.. चीअर्स किया और पैग का सिप लिया। डिंपल उसे बार-बार झुक-झुक कर नमकीन दे रही थी और उसे अपने रसीले मम्मे दिखा रही थी।

उस बेचारे की नजर चाह कर भी मम्मों से हट नहीं पा रही थी.. उसका लंड फूलना शुरू हो गया था और पैन्ट में दिखने लगा था।

मैंने इस दौरान एक-एक पैग और बना दिया। इस बार पैग मैंने बड़े बनाए.. दो घूँट जाने के बाद मैं बोला- जान आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो.. यह नशे का असर है या तुम सच में सेक्सी हो। डिंपल हँसने लगी और बोली- राजीव तुम बताओ.. यह नशा है या क्या है? राजीव के मुँह से सच निकला- डिंपल.. तुम बहुत सेक्सी हो.. मैंने बोला- देखा.. मैं सच बोलता हूँ.. तुम से ज्यादा सेक्सी कोई नहीं.. क्यों राजीव? राजीव बोला- यह बिलकुल सच है! डिंपल बोली- तो मैं कैट वाक करती हूँ.. मुझे दोनों बताना कि मैंने कैसी लगती हूँ।

वह उठ कर अपने चूतड़ों को मटका-मटका कर चलने लगी।

मैं बोला- वाह जान.. क्या मटक रही हो.. मस्त-मस्त.. राजीव तुम बताओ? राजीव भी बोला- मस्त.. क्या चाल है..!

फिर डिंपल ने वापिस चलना शुरू किया.. अबकी बार उसके मम्मे भी उछल रहे थे और चूत से लैगिंग भी चिपकी हुई थी।

मैं बोला- वाह.. डिम्पल डार्लिंग.. क्या मस्त जवानी.. मस्त लुक.. मस्त मम्मे.. इतने में राजीव बोला- हाँ.. क्या मम्मे हैं.. बहुत जानदार और नीचे तो देखो.. मैंने बोला- कहाँ? डिंपल ने भी बोला- कहाँ? तो राजीव ने ऊँगली उठा कर बोला- वहाँ और ऊँगली डिंपल की चूत की तरफ कर दी।

मैंने बोला- ऐसे नहीं डिंपल.. तुम्हें एक और करना पड़ेगा.. पहले टॉपलैस हो कर चलो.. फिर हम दोनों तुम्हें मार्क्स देंगे। उसने भी एकदम से टॉप उतार दिया और बोली- यह लो.. मैं एक और चक्कर लगाती हूँ।

टॉप उतरते ही उसके मस्त मम्मे हम दोनों के सामने हिलने लगे थे। वह भी अपने मम्मों को लहरा कर चल रही थी।

हम दोनों की लार बहने लगी.. उसकी चिकनी टाँगें.. चिकनी चूत.. मस्त मम्मे हम दोनों के लंड खड़े हो गए थे और मेरे शार्ट और राजीव की पैन्ट में तम्बू बन गया था।

मैंने बोला- राजीव रुको.. हम दोनों को मार्क्स दो..

अब मैंने भी अपने कपड़े उतारे और पूरा नंगा हो गया और डिंपल के पास पहुँच गया। अब हम दोनों नंगे खड़े थे.. मैंने भी अपने बाल साफ़ किए थे और सब कुछ चिकना था। अब राजीव की हालत ख़राब थी..

मैं बोला- एक काम करते हैं..।

अब हम दोनों चलते हुए राजीव के पास आए और डिंपल ने बोला- राजीव तुम्हारा लंड तो बाहर आना चाहता है.. इसे बाहर आने दो.. उसने उसकी पैन्ट की ज़िप खोल दी.. और पैन्ट के बटन खोलने लगी। मैंने भी बोला- राजीव आओ और हमें ज्वाइन करो।

राजीव जिसकी हालत ख़राब हो चुकी थी। उसने पहले अपनी पैन्ट उतारी और फिर बॉक्सर भी उतार दिया, उसका लंड एकदम से लहरा कर बाहर आया। मैं बोला- शर्ट भी उतार दो..

अब हम तीन नंगे एक साथ खड़े थे। डिंपल ने बोला- जरा मुझे राजीव का लंड देखने दो.. वह घुटने पर बैठ कर राजीव के लंड को पकड़ कर हिलाने लगी। राजीव उसकी तरफ देखता जा रहा था।

डिंपल ने उसके लंड को पीछे खींचा और उसका सुपारा बाहर निकाला।

मैं बोला- कैसा है जान? डिंपल बोली- मजेदार और आज मैं इसको छोडूँगी नहीं..

इसके साथ ही उसने जीभ से लंड को चाटना शुरू किया।

राजीव.. जो बड़ी देर से देख रहा था उसने अपने लौड़े पर डिंपल की जुबान महसूस करते ही.. उसको बालों से पकड़ा और बोला- ओह्ह.. डिंपल.. चूस लो इसको.. मैं कब से यही चाहता था.. और आज मुझे जन्नत दिखा दो.. आह्ह..

डिंपल ने अब गपागप उसके लंड को मुँह में लेना शुरू किया। पहले थोड़ा लिया.. फिर थोड़ा और अन्दर लिया और फिर पूरा गले तक लील लिया। राजीव की कामुक आवाजें आने लगीं- आह.. जानू.. चूस लो.. मुझे बहनचोद बना दो.. और.. आह्ह.. मेरे लंड को चूस डालो…

मैं भी मजे ले रहा था। डिंपल उसके लंड को मस्त चूस रही थी। उसके सुपारे को चूसते हुए बीच-बीच में अपने दांतों से दबा देती थी और इस तरह वो किसी पारंगत रण्डी की तरह राजीव को खूब तरसा रही थी।

अब मैं भी आ गया और उसके मम्मों को दबाने लगा और राजीव ने उसके सर को पकड़ कर उसके मुँह में अपने लंड को पेलना शुरू कर दिया।

बीच-बीच में वो बोले रहा था- आह्ह.. चूसो.. आज पहली बार किसी ने मेरा लंड चूसा है.. आह्ह.. मजा आ गया.. आज मैं तुम्हें खूब चोदूँगा.. और लो.. ऐसी चुदक्कड़ बहन को चोदना ही ठीक है।

मैं बोला- जनाब.. चोद लेना.. बहुत टाइम है हमारे पास.. फिर मैं बोला- डिंपल अब कुछ देर मेरा लंड भी चूसो न..

अब वो हम दोनों के लंड को पूरे मस्ती से चूस रही थी। कुछ देर मेरा और कुछ देर उसका.. हम दोनों ने उसके एक-एक मम्मे को पकड़ रखा था। एक को मैं सहला रहा था और दूसरे को राजीव ने थमा हुआ था। मैंने बोला- चलो बिस्तर पर चलते हैं।

इस तिकड़ी चुदाई का अब असली मजा आने वाला था इस मजे को मैं दूसरे हिस्से में लिखूँगा.. तब तक चूत में उँगलियाँ और लौड़े को मुठ्ठी में हिलता रहना चाहिए।

आपके पत्रों का बेसब्री से इन्तजार है। कहानी जारी है। [email protected]

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