चूत एक पहेली -23

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अब तक आपने पढ़ा..

पूजा- अरे कभी तो चुदेगी ना.. वैसे आज तो तेरी चूत पूरी गीली हो गई होगी.. मेरी बात सुनकर.. पायल- नो वे.. ऐसा कुछ नहीं हुआ.. समझी.. मैंने कहा था ना.. मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। अब मैं जा रही हूँ तू बैठी रह यहाँ..

अब आगे..

पूजा- अरे झूटी कहीं की.. दिखा मुझे अभी पता लग जाएगा कि तेरी चूत गीली हुई या नहीं.. ऐसे कैसे भाग रही है? पायल- अरे हट.. मेरा हाथ छोड़.. देख मैं मार दूँगी.. नहीं नहीं.. प्लीज़ मुझे जाने दे.. पूजा ने ज़बरदस्ती पायल को पकड़ लिया और उसकी चूत को छूकर देखने लगी.. जो वाकयी में गीली थी।

पूजा- अरे वाह झूठी.. इतना पानी गिरा दिया.. कि कपड़े भी गीले हो गए.. यार तू बड़ी जिद्दी है.. अपनी ज़िद में इस निगोड़ी चूत को क्यों सज़ा दे रही है.. बना ले किसी को अपना.. दे दे अपनी चूत को लौड़े का तोहफा.. कर दे सील का अंत.. पायल- बस बस.. तू जानती है… ऐसी बात से किसी का भी पानी रिसने लगता है.. मैं कोई अलग दुनिया से नहीं आई हूँ और यार ऐसे किसी को भी ये हक़ नहीं दे सकती.. समझी तू..

पूजा- अरे यार किसी और से नहीं तो अपने भाई को ही पटा ले.. घर की बात घर में रहेगी और मज़ा का मज़ा मिलता रहेगा तुम्हें.. पायल- पूजा ये क्या बकवास कर रही हो.. मैं तुम्हारी तरह नहीं हूँ और ना ही मेरा भाई इतना गंदा है.. जो अपनी बहन पर नज़र रखे.. समझी.. आज तो ऐसी गंदी बात मुझसे की.. पर दोबारा ना करना वरना अच्छा नहीं होगा.. पायल गुस्से में जाने लगी.. तभी पूजा भी थोड़ा गुस्सा हो गई..

पूजा- अरे जा जा.. बहुत सीधी बनती है.. जब चुद जाएगी ना.. तब पता लग जाएगा तेरे को.. समझी.. एक बार बस रात को भाई के पास सोकर देख.. पता लग जाएगा कि कितना सीधा और शरीफ है। वो तेरी चूत को ना चाट ले तो कहना.. मुझे बड़ी आई सती सावित्री। पूजा की बात सुनकर पायल को गुस्सा तो आया.. मगर वो वहाँ रुक कर और बहस नहीं करना चाहती थी.. इसलिए वो बाहर चली गई..

लो दोस्तो, इन दोनों के बीच तो लड़ाई हो गई। यह पायल भी ना बड़ी जिद्दी है.. अब उसके पीछे जाना है क्या आपको.. नहीं ना.. तो मुनिया के पास चलो.. अब तक तो उसकी साँसें ठीक चलने लगी होंगी ना.. तो आओ मेरे साथ!

पुनीत और रॉनी दोनों मुनिया के दोनों तरफ लेटे हुए उसके जिस्म को सहला रहे थे, रॉनी का हाथ उसके होंठों पर था और पुनीत का मम्मों पर लगा था।

मुनिया- उफ़फ्फ़ पुनीत जी.. अब बस भी करो.. दोनों ने मिलकर मेरी चूत की हालत खराब कर दी है। अब क्या है थोड़ा आराम करने दो ना.. रॉनी- अरे रानी अभी तो एक राउंड हुआ है.. कल से तू लंबी छुट्टी पर जाओगी तो जान आज की पूरी रात तू मज़े ले.. हा हा हा हा.. पुनीत- तेरी चूत को आज ऐसे खोल देंगे कि तू हर वक़्त लौड़ा माँगेगी हा हा हा हा.. मगर जान गाँव में किसी से मत चुदवाना.. वरना तेरी नौकरी गई समझ.. हम झूटा माल नहीं खाते.. हा हा हा हा… मुनिया- यह आप कैसी बातें कर रहे हो.. पुनीत जी मैं भला किसी और के पास क्यों जाऊँगी.. अब तो बस आपकी दासी बनकर रहूंगी.. मगर आप शहर से जल्दी आ जाना ठीक है..

रॉनी उसके निप्पलों को चूसने लगा और चूत को सहलाने लगा, अब शायद रॉनी का मन चुदाई करने का बन गया था। मुनिया- आह्ह.. नहीं.. इसस्स.. दुःखता है आहह.. आप ऐसे काट क्यों रहे हो.. आह्ह.. आराम से चूसो ना.. पुनीत- अरे जानेमन.. दु:खेगा तभी तो तू एक्सपर्ट बनेगी और वैसे भी रॉनी बहुत कम किसी लड़की के साथ दो बार करता है.. तू इसको भा गई है इसलिए ये इतना प्यासा हो रहा है।

मुनिया- आह्ह.. मुझे तो आप दोनों भा गए हो.. अब तो बस आपकी दासी बन गई हूँ मैं.. जब तक आपका मन करे मुझे भोगते रहो और अपने लंबे-लंबे लौड़ों से मज़ा देते रहो। पुनीत- वाह जान अब तू पक्की चुदक्कड़ बन गई है.. तेरी बातें अब मज़ा देने लगी हैं। चल आज तुझे नई-नई स्टाइल सिखाते हैं चल रॉनी के लंड पर बैठ कर अपने आप चुद.. मज़ा आएगा। तब तक मैं बाथरूम जाकर आता हूँ.. उसके बाद मैं तुम्हें गोदी में लेकर चोदूँगा।

पुनीत के जाने के बाद मुनिया ने पहले रॉनी का लौड़ा चूसा और उसके बाद धीरे से उस पर बैठ गई.. पूरा लौड़ा चूत में समा गया। रॉनी नीचे से झटके दे रहा था और मुनिया लौड़े पर कूद रही थी। लगभग 15 मिनट तक ये खेल चलता रहा.. तब तक पुनीत भी आ गया था। अब रॉनी ने मुनिया को नीचे लिटा कर चोदना शुरू कर दिया था। पुनीत अब उसको लौड़ा चूसने लगा था और 10 मिनट बीते होंगे कि रॉनी और मुनिया झड़ गए..

पुनीत का लौड़ा बहुत अकड़ रहा था.. उसने मुनिया को 2 मिनट का रेस्ट दिया और खुद उस पर सवार हो गया। अब चुदाई का खेल दोबारा शुरू हो गया।

कुछ देर बाद पुनीत भी ठंडा हो गया। अब मुनिया में बिल्कुल हिम्मत नहीं थी.. वो थक कर चूर हो गई थी.. दोनों भाई और चोदना चाहते थे.. मगर मुनिया ने उनको बहुत मुश्किल से समझाया कि उसकी हिम्मत पस्त हो गई है.. तो मजबूरन दोनों मान गए और मुनिया को सोने का बोल कर खुद भी सोने चले गए।

दोस्तो, मुनिया की ताबड़तोड़ चुदाई हो गई.. अब इनको सोने दो। वहाँ पूजा अभी भी गुस्से में है या नहीं.. ये तो वहाँ जाकर ही देखते हैं।

पूजा बिस्तर पर लेटी हुई थी.. तभी पायल वापस आ गई.. जिसे देख कर पूजा ने मुँह घुमा लिया.. पायल- सॉरी यार.. मैंने कुछ ज़्यादा ही बोल दिया आई एम रेयली सॉरी..

पूजा कुछ नहीं बोली और बस वैसे ही पड़ी रही.. उसको बहुत गुस्सा आ रहा था मगर वो पायल से बात नहीं करना चाहती थी। पायल भी कहाँ मानने वाली थी.. वो पूजा के पास आकर बैठ गई और उसके बालों को सहलाने लगी। पूजा- यह क्या बदतमीज़ी है.. सोने दो मुझे.. जाओ अपने बिस्तर पर.. पायल- सॉरी यार मुझे तुमसे बहुत जरूरी बात करनी है।

पूजा- मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी.. सो जाओ चुपचाप.. पायल- प्लीज़ प्लीज़ यार.. सुनो ना.. अच्छा बाबा कान पकड़ कर सॉरी बोलती हूँ.. बस..

पायल की मासूमियत के आगे पूजा पिघल गई, पायल के उदास चेहरे को देख कर उसको हँसी आ गई। पूजा- हा हा हा.. अरे मुँह देख अपना कितना बकवास लग रहा है.. तू मुस्कुराती ही अच्छी लगती है ऐसे उदास तो बिल्कुल नहीं.. पायल- थैंक गॉड.. तुम मान तो गई यार.. मुझे अच्छा नहीं लगा मैंने बहुत ज़्यादा बोल दिया तुम्हें..

पूजा- नहीं यार ग़लती मेरी भी है.. मुझे भी तुमसे ऐसी बात नहीं करनी चाहिए थी.. चल बैठ मेरे पास और वादा कर दोबारा नाराज़ नहीं होगी तू.. पायल- अच्छा बाबा नहीं होऊँगी मैं.. बस खुश.. चलो आज हम दोनों एक ही बिस्तर पर सोएंगे ठीक है..

पूजा- क्यों कहा घूम कर आई हो और क्या इरादा है.. कहीं तुम्हारी भी चूत फड़फड़ा तो नहीं रही है? पायल- अरे यार तुम दोबारा शुरू हो गई ना.. जाओ नहीं सोती मैं.. पूजा- अरे मजाक कर रही हूँ यार.. चल आ जा.. सो जाते हैं वैसे भी कल हम घर चले जाएँगे..

पूजा और पायल पास में लेट गई और बातें करने लगीं और बस यही बातों का दौर चलता रहा। कब दोनों की आँखें बन्द हो गईं.. उनको पता भी नहीं चला।

दोस्तो, सुबह का सूरज निकले.. उसके पहले एक बात बता देती हूँ। टोनी और उसके दोस्त खाना खाने के बाद ऐसे ही बैठे हुए थे.. तभी टोनी को भाई का फ़ोन आया और उसने उसे फ़ौरन कहीं बुलाया। कोई 20 मिनट बाद टोनी उस जगह पहुँच गया.. जहाँ भाई पहले से ही खड़ा हुआ था। टोनी- क्या हुआ भाई.. ऐसे अचानक अपने मेरे को यहाँ क्यों बुलाया?

भाई- प्लान थोड़ा चेंज हो गया है.. मैंने कहा था ना कल वो दोनों भाई यहाँ अपनी बहन के साथ होंगे.. तब तू आराम से देख लेना। मगर वो लोग ज़्यादा चालाक हैं शायद यहाँ ना आएं.. तो तू एक काम करना.. कुछ लड़के जो आवारा टाइप के हों.. उनको कल यहाँ बुलाना और उसको छेड़ने के लिए कहना..

टोनी- भाई ये बहुत उलझन वाली बात अपने बोल दी.. पहले तो मुझे पूरी बात समझाओ.. बाद में मेरे को कोई ऑर्डर देना। भाई- अरे बेवकूफ़.. कल दोपहर 12 बजे उन लड़कों को यहाँ खड़ा करना और अपने आवारा लड़कों से उसको छेड़ने को कहना.. जब वो लोग शुरू हो जाएं.. तब पीछे से आकर तुम झगड़ा शुरू कर देना.. बस…

टोनी- ये बात तो मैं समझ गया.. जो आपने कहा.. हो जाएगा.. मगर इससे होगा क्या और वो रंडी को मैं पहचानूँगा कैसे.. असली बात वो है? भाई- पूरी बात सुने बिना बोलता है… कल 12 बजे वो यहाँ से गुज़रेगी.. मैं तुम्हें कॉल करके इशारा दूँगा.. तू लड़कों को इशारा दे देना.. वो लड़के उसको छेड़ रहे होंगे.. तब वो उनसे झगड़ेगी.. तू उनको फटकार लगा कर भगाएगा.. वो कुछ ना कुछ जरूर बोलेगी.. बस किसी तरह उससे बात कर लेना.. उसका नाम पूछ लेना..

दोस्तो, उम्मीद है कि आपको कहानी पसंद आ रही होगी.. तो आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।

कहानी जारी है। [email protected]

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