रखैल की चुदाई ने चार चूतों के राज उगले

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मैं जिस शहर की जिस गली में रहता हूँ.. वहाँ जमील मियाँ नाम के एक व्यक्ति रहते हैं। आप और हम तो एक ही औरत से पार नहीं पा पाते.. जबकि उन्होंने चार शादियाँ की हैं और उनकी चारों बेगमें उनसे बड़ी खुश दिखाई देती हैं।

उसका राज एक दिन उनकी एक औरत ने खोला। मैंने इन मियाँजी की औरत के पीछे मेरी रखैल सोनू को लगा रखा था।

मेरी रखैल सोनू उर्फ़ सोनल.. जो मेरे मोहल्ले में अपने माँ-बाप के साथ रहती थी.. उसका कोई अफेयर नहीं था। इस वजह से वो बड़ी दु:खी थी। अब उम्र लगभग 35 साल की हो चुकी है। शुरू में जब उसकी चूत में आग लगी रहती थी.. लेकिन बुझाने वाला कोई नहीं था।

जब कुछ दिन पहले मेरी उससे बैंक के काउन्टर पर मुलाकात हुई.. जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि वो मुझे जानती थी। मैं मोहल्ले में एक अच्छे आदमी की हैसियत से जाना जाता था। धीरे-धीरे उससे मुलाकातें बढ़ती गईं। उसने अपने पर्सनल प्रॉब्लम मुझसे शेयर करने शुरू कर दिए। मुझे उसके कहने-बोलने की तरह से एक बात समझ में आई.. कि वो तन की भूख से त्रस्त है। उसे कोई चोदने वाला चाहिए था।

मैंने उसे थोड़ा सा बरगलाया.. तो वो मेरे काबू में आ गई। जब भी मैं नेट पर बैठता.. तो उसे अपने पास बुला लेता। वो दौड़ी-दौड़ी चली आती। नेट पर उसे चुदने.. चूसने और गाण्ड मरवाने की क्लिप देखना बड़ा अच्छा लगता था। कुछ हॉर्नी किस्म की थी ये सोनू।

मैं ऐसी ही किसी लड़की की तलाश में था। सोनू मेरे जाल में आकर फंस गई। जाल भी मैंने ऐसा बुना था कि सोनू की चूत बार-बार चुदासी होती। वो मुझसे हमेशा सेक्स की बातें करती।

मैं एक शादीशुदा आदमी था.. मेरी बीवी मुझसे खुश थी लेकिन मेरे लंड को हमेशा कुछ नए का चस्का लगा रहता था। सोनू चुदने को तैयार थी.. मेरे लंड को भी कुछ नया स्वाद चाहिए था।

मेरे काम जीवन में एक विकृति है, वो है ‘लेट इजेक्शन’ मतलब मेरा लंड तब तक पानी नहीं गिराता.. जब तक मैं ना चाहूँ। मैं यह बात कोई बढ़ा-चढ़ा कर नहीं कर रहा हूँ.. मेरी इस आदत की वजह से मेरी बीवी मुझसे परेशान थी।

लेकिन वो शुरू में मुझसे बहुत खुश थी.. क्योंकि मैं उसे लगातार काफ़ी लम्बे समय चोदता था। वो एक घंटे में तीन बार झड़ती थी। शादी के पांच साल तक ये सिलसिला चला.. उसके बाद उसने मुझसे कन्नी काटना शुरू कर दिया। ‘आज नहीं.. सर दुःख रहा है.. कल कमर में मोच आई है..’ उसके यही सब नाटक चलने लगे।

विगत चार साल मैंने अकेले काटे हैं। इस बुरे वक्त में सोनू ने मेरा साथ दिया, मैंने भी उसे मेरी पलकों पर बिठाया, वो जो चीज चाहती.. उसे हासिल होती। मेरा लंड तो जैसे उसकी चूत का दीवाना हो गया था। पहले पहल मैंने उसकी जो सील तोड़ चुदाई की थी.. उसी वजह से वो भी मुझसे खुश थी।

उन दिनों मैंने उसे लगातार पकड़-पकड़ कर चोदा। उसकी गाण्ड मारी.. उसकी चूत चोदी.. उसका मुँह चोदा.. यानि मैं कहीं भी लंड घुसाता और वो बड़ी खुशी से घुसवा भी लेती।

यह तो हुई मेरी कहानी। यह कहानी इतनी विस्तार से बताने का कारण यह बताना है कि सोनू मेरे लिए कुछ भी कर सकती थी। आप लोगों को भी मेरी कहानी कोई झूट न लगे।

मित्रो.. जब जमील मियाँ के घर के हालचाल मुझे पता चले.. तो मैं हतप्रभ रह गया.. क्योंकि चार बीवियाँ चोदना बड़ा मुश्किल होता है। कैसे कर पाता होगा जमील ये? तो सोनू ने ये बात जमील मियाँ की एक औरत तस्लीम से पूछी।

‘न पूछ सोनू.. ये मुस्टंडा कैसे-कैसे चोदता है हमको.. साला पूरा जानवर है। इसको एक वक्त में दो औरतें लगती हैं। साला कभी-कभी हम चारों को लेकर सोता है।’

सोनू ने उसे विस्तार से बात करने को कहा.. तो उसने सोनू को बताया कि जमील अपनी हर चुदाई की वीडियो बनाता है और फिर उसको देख-देख कर रात में सबको बजाता है। सोनू ने तस्लीमा से कहा- मुझे भी देखनी है तुम्हारे चुदाई की वो क्लिप्स..

तस्लीमा ने उससे वादा किया कि कुछ क्लिप्स वो सोनू को लाकर देगी और मजाक में कहा- क्या तुमको भी चुदना है.. मेरे मियाँ से?

सोनू ने शरमा कर ‘धत्त’ कहा और वह जमील के यहाँ से मेरे पास आई। तस्लीम से हुई बातचीत उसने मुझे बताई। फिर सोनू को मैंने अपने बरामदे में खड़ा करके मैंने लगातार दो बार चोदा। मेरी ही तो रांड थी वो.. जब भी मेरा लंड उठता.. तो वो झट से नंगी हो जाती.. और चुदा लेती मुझसे.. क्या मस्त चीज थी यार ये सोनू..

खैर.. दूसरे दिन तस्लीमा ने सोनू को चार क्लिप्स लाकर दीं, उसे लग रहा था कि सोनू भी जमील से चुदायेगी। उसे क्या मालूम था कि सोनू पहले से ही किसी के लौड़े से इंगेज है। घर के कम्प्यूटर पर मैंने वो सीडी अपलोड की और शुरू हुआ जमील मियाँ का जादुई कारनामा।

पहली सीडी में मैंने जो देखा तो मेरे कान के पीछे से पसीना बह निकला। सोनू ने तो अपने कपड़े ही उतार दिए और मेरे लंड को मुठियाने लगी, मेरे पंजे को अपनी चूत पर रखकर मसलने लगी। ‘मुझे ऐसे ही चोदो आज.. चोदोगे ना राजा? मेरी चूत.. गाण्ड सब फाड़ दो। साला.. ये जमील है या जानवर?’

सामने चलने वाली क्लिप देखकर मेरा लंड जैसे नब्बे डिग्री खड़ा हो गया था। हाय क्या मस्त क्लिप थी.. एक साथ दो.. वो भी पूरी नंगीं.. सोनू ने मेरा लंड अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू किया था। पचास साल की उमर का ये बुड्ढा जिस कदर अपनी दोनों बीवियाँ को चोद रहा था.. वो काबिले तारीफ़ था।

इधर सोनू की चूत में खुजली होने लगी थी, वो बार-बार अपनी चूत में उंगली डालकर हिला रही थी। जमील मियाँ की जबरदस्त चुदाई देखकर मेरा लंड नब्बे डिग्री का आकार लिए खड़ा हो गया था।

अब लौड़े को या तो चूत चाहिए थी.. या फिर गाण्ड का छेद.. मैंने सोनू को नीचे घोड़ी बनने को कहा और मेरा लंड उसकी चूत में डालकर जैसे मलाई से.. दही से.. मक्खन निकाला जाता है वैसे मथने लगा।

‘हाय क्या बात है.. मस्त.. अच्छा लग रहा है.. आह्ह.. ऐसे ही चोदो.. फाड़ दो साली को.. गाण्ड के छेद में उंगली डालो ना..’ मैं भी उत्त्तेजना में आकर उसके कूल्हों पर हल्की-हल्की चपत लगाते हुए उसे घनघोर अंदाज में चोद रहा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

पहला शॉट पूरा होने के बाद सोनू ने मुझे जमील के चोदने की जो कहानी बताई.. वो काफी रोचक थी।

इस जमील की चार बीवियाँ थीं.. पहली रोशन.. दूसरी सलमा.. तीसरी निगार और चौथी थी तस्लीमा। जमील मियाँ चूत चोदने के मामले में काफी तंदुरुस्त थे, एक बार में उसे चोदने के लिए दो-दो औरतें लगती थीं। कभी-कभी निगार और रोशन नंगी सोतीं और सलमा लंड चूसती.. ऐसा बार-बार होता।

मैंने सोनू से पूछा- क्यों रे सोनू.. क्या तेरी इच्छा नहीं होती जमील से चुदवाने की? ‘मेरे राजा.. जिसके पास इतना अच्छा खाना पकाने वाला हो.. वो पंगत में क्यों बैठे खाने के लिए.. ये खाना तो मेरे अकेले का है.. जो मैं खा रही हूँ।’

उसके इस जबाब से खुश होकर मैंने मेरा लौड़ा सोनू के मुँह में दिया। वो तो मेरे लंड की रानी बन गई थी, साली को मैंने हर आसन से.. हर तरह से चोदा था। अब सोनू भी चुदने में माहिर हो चुकी थी।

इन लड़कियों को अगर जबरदस्ती चोदा जाए.. तो ये बिदकती हैं.. आपसे दूर जाती हैं.. इसलिए पहली बार की चुदाई की तरह इन्हें हर बार बड़ी कोमलता से चोदना पड़ता है। अगर आराम से चोदो.. तो हर आसन के लिए ये तैयार होती हैं। हाँ.. जबरदस्त चुदाई तब हो.. जब ये लंड की अभ्यस्त हो जाएं।

तो दोस्तो, ये एक चूत चोदू की आपसे गुजारिश है कि लड़की या औरत की चूत को खिलौना न समझें.. वो एक ऐसा फूल है.. जिसे बड़े आराम से मसला.. चूसा एवं चोदा जाता है।

सोनू मेरे लंड की फैन बन गई थी क्या मस्त बॉडी थी उसकी.. कुछ फैटी थी.. पर मस्त चुदती थी। उसके कूल्हे मैंने फुलाकर जैसे दो मटके कर दिए थे, उसके दोनों थन दूध की थैलियां बन चुकी थीं। होंठों में जब मेरा लंड घुसता था.. तो वह जैसे लॉलीपॉप चूसती थी..

उधर जमील मियाँ अपनी एक औरत को जमीन पर लिटा कर उस पर पीछे से चढ़े हुए थे.. दूसरी जमील के ऊपर आकर उसके मुँह के पास अपनी चूत चटा रही थी।

मैंने सोनू की गाण्ड में उंगली कर दी, सोनू बिदकी- साले चूत में उंगली डाल.. गाण्ड क्यों कुरेदता है? मैंने एक उंगली उसकी गाण्ड में रहने दी और दूसरी उसकी चूत में घुसेड़ी मुँह में मेरा लंड लिए वो मस्त चुद रही थी।

क्या किस्मत थी मेरी.. कि मेरे लंड पर मर मिटने वाली एक औरत मेरे साथ वो सब कुछ करने को तैयार थी जो कामशास्त्र में लिखा होता है। सामने कम्प्यूटर के परदे पर जो मस्त खेल चल रहा था.. वो अपने चरम पर पहुँचने वाला था। जमील एक लुगाई की चूत चोदते-चोदते.. दूसरी की गाण्ड में उंगली करता.. फिर एक की गाण्ड मारते-मारते दूसरी की चूत में डिल्डो डालता था।

वाह.. क्या हसीन नजारा था। इधर सोनू की चूत में मेरा लंड खचाखच अन्दर-बाहर हो रहा था।

यारों.. चुदने के मामले में औरत के चार प्रकार होते हैं.. एक तो गोरी औरतें.. जो एक-दो बार करो.. तो झट से पानी छोड़ देती हैं। दूसरी सांवली औरतें जो चुदने में बहुत सारा नखरा दिखाती हैं। लेकिन जब भी चुदती हैं तो आदमी को पानी पिला देती हैं। तीसरा प्रकार होता है काली औरतों का.. जो आदमी को चुदने के मामले में पीछे छोड़ देती हैं।

एक तरह की औरत और होती है.. वह है आदमखोर.. मतलब निम्फोमैनियाक.. जिसे एक मर्द संतुष्ट नहीं कर सकता, जो एक साथ तीन को खुद के ऊपर चढ़वा लेने में भी नहीं हिचकती।

उपरोक्त लिखित पहली तीन किस्म की औरतों से पाला पड़े भी तो आदमी पार हो भी जाए.. लेकिन अगर किसी निम्फ़ो से पाला पड़ गया.. तो चूत का भुरता बनना तो दूर.. लंड कई दिनों तक चोदने लायक ही नहीं रहता। इसलिए नए चुदक्कड़ों से ये गुजारिश है कि ऐसी औरतों से संभल कर रहें। वैसे सोनू सांवले रंग की चुदैल है जो मेरे तमाम कयासों से परे.. पर बहुत बड़ी चुदक्कड़ है।

सोनू की सीलतोड़ चुदाई के पहले ये बात मुझे मालूम नहीं थी। लेकिन एक बार सील टूटने के बाद मेरी ये समझ में आया कि सोनू की चूत को मेरा ही लंड भारी पड़ता है। अगर कोई दूसरा उसे चोदना चाहेगा भी.. तो सोनू भूखी रहेगी। क्योंकि उसकी काम वासना अगर जागृत हुई.. तो फिर उसे कम से कम एक घंटा लगातार चोदने वाला चाहिए।

जमील और उसकी बीवियों के कारनामों के बारे में विस्तार से बताने से पहले मुझे अपने इस कामयज्ञ का विवरण देना था। क्योंकि इसके बगैर सामने जो कुछ भी में लिखने जा रहा हूँ वो विस्तार से आपकी समझ में नहीं आएगा।

मित्रो, यह तो थी मेरी और सोनू की चुदाई की कहानी। इस मियाँ जमील और उनकी चार औरतों की कहानी की सहकहानी।

अब आगे की कहानी चालू करने के पहले एक बता दूँ कि सोनू मुझसे बहुत खुश है और न वो किसी दूसरे से चुदना चाहती है। कृपया उसे चोदने की जिद ना करें।

जमील की चारों बीवियाँ उससे जिस तरह चुदती थीं.. उसमें की पहली क्लिप हम दोनों ने सम्भोगरत रहते हुए देखी। फिर मैंने दूसरी सीडी लगाई।

‘आह्ह्ह्ह.. स्स्स्स्स्स.. बस करो ना.. अब मेरी गाण्ड में डालो.. चुद गई रे मैं.. हाय अम्मा.. कैसा मरद है ये.. साला भरमाप चोदता है.. निगार के मुँह में लो ना.. उसकी चूत पनिया गई है.. हाय..’

‘रंडी.. साली.. मादरचोदी.. तेरी चूत में लंड.. तुम चारों आज मेरे नीचे चुदोगी।’ ‘या अल्ला.. क्या मुस्टंडा मरद है रे.. ये..’

मुझे एक बार ऐसा लगा कि इस जमील से इसके लंड की लैंडिंग का गुर सीखना ही पड़ेगा। साला बड़ा लंडबाज है ये जमील!

इतने में सोनू ने चुहलबाजी की- मोटू महाराज आप कुछ ज्ञान की बातें बताइए। सोनू ने मेरे लंड को पकड़ कर कहा।

मैंने हँसकर कहा- बालिके.. एक ज्ञान की बात बताता हूँ।

‘चुदन्ति सर्व छिद्राणाम्.. चूसति मुखमैथुनाः स्त्री ऐसियास्य पुरुषः.. प्रिया तस्य बालिके..’

‘अर्थात हे बालिके.. अपने तीनों छेदों में जो नारी.. मर्द का लंड लेती है.. एवं अपने कोमल होंठों से लंड का मर्दन करती है.. वो नारी किसी भी मर्द की प्रिय नारी बनती है।’

‘महाराज तीनों छेद यानि कौन-कौन से?’

योनि अर्थात चूत.. गुदा अर्थात गाण्ड.. एवं मुख अर्थात मुँह में

इन तीनों छेदों में लंड लेकर लंड के चमड़े को दांत न लगाते हुए उत्तेजनापूर्ण तरीके से चूसने की कला को जानने वाली स्त्री को ही कहते हैं एक सम्पूर्ण नारी का सम्भोग।

‘जय हो.. आपके ज्ञान का भण्डार परिपूर्ण है महाराज.. अब क्या आप मेरी योनि अर्थात चूत में लंड को डुबकी लगाने की आज्ञा देंगे?’ ‘अवश्य बालिके.. अपने वस्त्रों का हरण करते हुए.. आप सम्पूर्ण नग्न होकर मंचकारूढ़ हो जाएं.. तो मैं आपके योनि छिद्र अर्थात चूत का समग्र दर्शन कर उसका चूषण कर सकता हूँ..’

अर्थात.. अपने कपड़े निकाल कर पलंग पर लेट कर चुदना चाहती हो.. या जमीन पर लेटे-लेटे अपने दोनों छेदों को चुदवाना चाहती हो? ‘आप जैसा कहें..’ सोनू ने कहा।

मैंने सोनू को घोड़ी बनाकर उसकी चूत पर अपने होंठ रखे। क्या कोमल चूत थी.. मेरे चूत के परवानो.. चूत चुदाई या गाण्ड मराई के पहले मैं आपसे कुछ ज्ञान की बात शेयर करना चाहता हूँ।

स्त्रियों की योनि अर्थात चूत चार प्रकार की होती हैं।

एक चूत होती है अनचुदी.. बिना लंड के स्पर्श के रहनेवाली चूत.. जिसमें कभी लंड नहीं गया हो.. तो वो चूत सिमटी सी होती है।

दूसरी है एक ही लंड से चुदने वाली चूत.. जोकि थोड़ी फैली होती तो है.. लेकिन भोसड़ा नहीं बनती। यह चूत चोदने वाला बड़ी किस्मत वाला होता है क्योंकि इस नारी ने एक ही लंड लिया होता है। अगर ये चोदने मिल जाए तो किस्मत खुल जाती है। लेकिन इस किस्म की औरतें बड़ी संकोची होती हैं।

तीसरी टाइप होती है चूत को सुख का दरवाजा समझने वाली.. जिनकी चूत भोसड़ा बन जाती है.. हर आकार के.. हर साइज के लंड इसमें आराम से आ-जा सकते हैं। चौथी होती है बाजार की चूत.. जो किले का दरवाजा सा बन जाती है।

दोस्तो.. सोनू की चूत एक लंड से चुदने वाली चूत थी।

उधर जमील मियाँ की कारगुजारियाँ तीसरी सीडी में सामने आईं। क्यों उनकी चारों बीवियाँ उनके लंड से खुश थीं.. ये उस सीडी से पता चला। जबरदस्त घनघोर जानवरों जैसी चुदाई का वो मंजर.. हम दोनों ने महसूस किया।

तो साथियो.. यह था सोनू और जमील मियाँ की चुदाई की कहानी का चित्रण.. जो आपको अच्छी लगी होगी। तो कृपया मुझे प्रतिक्रिया स्वरूप सन्देश जरूर दें। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000