मेरी हॉट सेक्सी मॉम -1

मैं रॉनी पटेल.. एक अभी एक 20 साल का एक स्मार्ट यंग लड़का हूँ। मेरे लंड का साइज़ काफ़ी बड़ा, एकदम हार्ड और बहुत मोटा है। मुझे मेरे डैड ने मॉम से शादी करने पहले गोद लिया था जैसे सुष्मिता सेन ने बिन ब्याहे एक लड़की को गोद लिया है।

अब मैं जवान हो गया हूँ। मेरे डैड ने अपने से 14 साल छोटी लड़की से शादी करके उसे मेरी मॉम बना दिया था। वे बहुत ही खूबसूरत थीं.. साफ़ शब्दों में कहूँ तो वे एक माल थीं और मेरे डैड को अपने बिजनेस से फुर्सत नहीं होने के कारण उनकी जवानी का रस बह रहा था।

खैर.. अब मैं कॉलेज में पढ़ रहा हूँ.. तो मेरी कॉलेज में क्लासिस सुबह 6.00 स्टार्ट हो जाती थीं जिसके लिए मुझे 5 बजे घर से निकलना होता था। मेरे फ्लैट में एक ही बाथरूम था। मेरा और मेरी मॉम का उठने का टाइम एक साथ था.. तो मुझे कई बार बाथरूम के बाहर वेट करना पड़ता था।

एक दिन मैंने बाथरूम के दरवाजे में एक छेद से अपनी आँख लगा कर अन्दर देखने की कोशिश की। मैंने उसमें से देखा तो बाथरूम के भीतर का पूरा सीन साफ़ दिख रहा था। बाथरूम में मॉम नहा रही थीं, उनका गोरा-गोरा चिकना भीगा बदन साफ़ दिख रहा था और वे बिल्कुल नंगी सिर्फ़ एक पैंटी पहने हुए नहा रही थीं। उनके उभरे हुए बड़े-बड़े मम्मे उनके नहाने से खूब उछल रहे थे।

उन्होंने नहाकर अपना बदन पोंछा। ये सब पहली बार देख कर मैं एकदम से गनगना गया। अब तो मैं मौका पाकर रोज ही देखने लगा।

एक दिन तो मॉम पूरी नंगी नहा रही थीं.. उस दिन तो वो पैन्टी भी नहीं पहने हुए थीं। वो अपनी बुर में भी साबुन लगाकर साफ़ कर रही थीं। ये देखकर मेरा लण्ड तन गया था और सम्भल ही नहीं पा रहा था। मैं सोच रहा था कि मैं कैसे अपनी मॉम के बदन से लिपटूं..

मैंने पहले एक बार मॉम को डैड के साथ सेक्स करते हुए भी देखा था। उस दिन अचानक मैं बैलेंस नहीं रख पाया और दरवाजे से टकरा गया।

दरवाजे पर आवाज़ होने से मॉम ने पूछा- कौन? मैंने कहा- मैं हूँ.. मुझे कॉलेज के लिए देर हो रही है.. जल्दी करो.. वो बोलीं- तुम अन्दर आ जाओ.. मैं दरवाजा खोलती हूँ। दरवाजा खुला और मैं अन्दर चला गया।

मॉम ने दरवाज़ा बंद कर लिया, मैं जल्दी से लेट्रीन में घुस गया।

मेरे पौटी जाते ही मॉम बदन से तौलिया हटाकर नहाने लगीं। मैं लेट्रीन के डोर के होल से देखने लगा.. मॉम पूरी नंगी होकर नहा रही थीं, उन्होंने अपने पूरे बदन पर साबुन लगाया और अपने चूचे मसल-मसल कर नहाने लगीं। उनका पीठ पर हाथ नहीं पहुँच पा रहा था..

इस वक्त उनका भीगा गोरा बदन और भी सेक्सी लग रहा था। फिर उन्होंने अपनी बुर के ऊपर साबुन लगाया और मसल-मसल कर साफ़ करने लगीं। बुर के ऊपर काले-काले घने बाल बहुत सेक्सी लग रहे थे.. वो उनको धो रही थीं।

मैंने इसी समय लेट्रीन से बाहर आने की सोची.. किंतु फ्लश और दरवाजा की आवाज़ सुन कर उन्होंने बदन को तुरंत सामने से तौलिया से कवर किया और हड़बड़ी में मुझे देखकर पीठ देते हुए घूम गईं.. जबकि पीछे तौलिया नहीं था और उनके पूरे नंगे बदन को देखकर मेरे पूरे बदन में सनसनी दौड़ गई।

क्या सेक्सी सीन था.. नंगी कमर.. मोटे-मोटे गोल उठे हुए चूतड़.. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैंने पूछा- आपको कितनी देर और लगेगी.. आपका नहाना हो गया क्या? तुरंत ही उनको ग़लती समझ में आई और तौलिया को कमर में लपेट लिया.. लेकिन इससे तो उनके मम्मे नंगे हो गए.. उन्होंने अपने मम्मों को हाथ से ढका हुआ था।

मैंने कहा- आप जल्दी नहा लो.. वे बोलीं- हाँ ठीक है..

फिर मैंने कहा- लगता है कि आपकी पीठ कुछ ज़्यादा ही मैली हो रखी है.. काफी कुछ काली सी है। वो बोलीं- हाँ.. मेरा हाथ नहीं पहुँचता है ना.. इसलिए ठीक से साफ नहीं हो पाती है।

मैंने तुरंत ही कहा- लाओ.. मैं आपकी कमर और पीठ को रगड़ कर साफ़ कर देता हूँ। वो बोलीं- हाँ ठीक है.. उन्होंने रबिंग पैड की तरफ इशारा करते हुए कहा- वो पैड ले लो..

मैंने रबिंग पैड लेकर उनकी पीठ पर और साबुन लगाया.. उनके जिस्म पर हाथ फेरने से मेरे पूरे बदन में करेंट सा दौड़ गया।

मैंने यह कहते हुए अपना पजामा खोल दिया- ये खोल देता हूँ.. नहीं तो भीग जाएगा। फिर मैंने रबिंग पैड से उनकी कमर को ज़ोर से रगड़ा.. कमर और पीठ का मैल उतर रहा था। मैं बोलता जा रहा था- बहुत मैल निकल रहा है..

मैं उनके मस्त जिस्म को मलता भी जा रहा था.. बड़ी मस्ती से मॉम के गोरे-गोरे चिकने बदन पर रबिंग पैड रगड़ रहा था। मॉम को भी अच्छा लग रहा था, बोलीं- ठीक से रगड़ दे.. जिससे सारा मैल उतर जाए। मैं भी बोला- यस.. आज मैं पूरा मैल उतार दूँगा।

फिर मैंने उनको घुटने के बल खड़ा होने को कहा.. उनकी कमर को रगड़ते-रगड़ते मैंने रबिंग पैड को नीचे चूतड़ के ऊपर ले जाकर ये बोलते हुए रगड़ने लगा- यहाँ भी बहुत मैल है.. वो बोलीं- अच्छा.. जल्दी कर..

मैं भी रबिंग पैड को उनके चूतड़ों पर गोलाई में घुमा घुमा कर मस्ती से उनकी गांड को दबाने लगा।

फिर साबुन से हाथों से मला.. फिर गर्दन पर साबुन लगाते-लगाते मेरा हाथ फिसल कर उनके मम्मों पर चला गया और मैंने उनके मम्मों पर भी साबुन लगा दिया।

उन्होंने मस्ती से आँखें बन्द कर रखी थीं.. शायद मेरे हाथों के कोमल स्पर्श का वे भी मजा ले रही थीं। जब मैंने उनके मम्मों पर हाथ लगाया और उन्होंने कुछ नहीं कहा तो मैं उनके मम्मों को मसलने लगा और कहा- यहाँ का भी मैल साफ़ कर देता हूँ।

उनके चूचों की मुलायमियत ने मेरे लौड़े की सख्ती को और बढ़ा दिया था और अब मुझसे नहीं रहा जा रहा था। मेरा लंड तन गया था.. और मेरे अंडरवियर में लण्ड एकदम अकड़ कर टाइट हो गया था।

अब तक मैंने अपनी बनियान भी उतार दी थी.. भीगे-भीगे बदन पर मोती जैसी पानी की बूँदें चमक रही थीं.. जो मॉम को और सेक्सी बना रही थीं। फिर मैं कभी भीगे बदन को मलता और कमर के पीछे से हाथ डाल कर उनके मम्मों पर साबुन मलने लगता.. तो मेरा लंड बार-बार उनके चूतड़ पर और कभी-कभी दोनों चूतड़ों की फाँक में टच हो रहा था।

मेरा कड़क लौड़ा उनकी गांड में टच होने पर वो भी कुछ सकपकाईं। फिर मैं सामने से मम्मों को मसल कर उनके पेट को मसलने लगा। फिर गर्दन मसलते हुए अपने हाथ को पीछे की तरफ ले जाकर कमर मसलने लगा। लेकिन इससे उनके मम्मे मेरे सीने से ज़ोर से रगड़कर दब रहे थे और वो ‘आह्ह..’ की आवाज़ निकालने लगीं।

मैं समझ गया कि उन्हें भी कुछ-कुछ ज़रूर होने लगा है और अब तूफान आने वाला है.. फिर मैंने उनके मम्मों को दबाकर मसलना शुरू कर दिया और पूछा- ठीक से मैल उतार रहा है ना?

उनका चेहरा चुदास की मस्ती से लाल होने लगा। मैंने भी सोचा कि आज अच्छा मौका है.. मैंने उनका बदन मसलते-मसलते अपने लंड को बाहर निकाल लिया था। वो पूरा खड़ा था.. पूरा तैयार था।

मुझे मॉम-डैड का सेक्स सीन याद आ गया। मैंने अचानक कहा- उई मॉम कॉकरोच है.. और मैं उनसे बुरी तरह से लिपट गया।

वो मुझे जकड़ते हुए बोलीं- कहाँ है? ‘साइड में चला गया..’

इसी लिपटा-लिपटी में मेरा लंड बार-बार उनकी खुली बुर से टकराकर रगड़ने का मज़ा ले रहा था.. इससे उनको भी मजा आया था..

अब मैं भी उनसे चिपके-चिपके अपने बदन पर पानी डाल कर नहाने लगा। मेरी मॉम अब मेरे बदन पर साबुन लागते हुए मेरे सीने को मसल रही थीं.. और मेरे सारे बदन पर साबुन मलने लगी थीं।

मेरी चौड़ी मर्दाना छाती में.. पेट पर.. कमर में.. चूतड़ों पर.. मतलब अब वो बिंदास मेरे जिस्म से खेल रही थीं। फिर धीरे-धीरे उन्होंने मेरा अंडरवियर भी नीचे खिसका दिया और लण्ड के आस-पास साबुन मलने लगीं।

मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.. फिर वो लंड पर साबुन मलने लगीं.. मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैंने भी उनके मम्मों को जोर से दबा दिए और मॉम से बोला- कहो तो दूध भी पी लूँ? वो जबाव में मस्ती से मेरे लौड़े को मुठियाने लगीं..

बस फिर क्या था मैंने उनके मम्मों को पकड़ कर पहले जीभ से चाटा.. फिर ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया।

वो भी चूचे चुसवाती हुई मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से मसलने और दबाने लगीं। फिर मेरा रस गिरने वाला था.. वो बोलीं देर हो रही है.. चलो अभी इतना ही.. तुझे भी कॉलेज को देर हो रही होगी। यह कहते हुए उन्होंने मेरे लंड पर ज़ोरदार किस जड़ दिया।

फिर मैंने कहा- हाँ ठीक है.. बाकी काम रात को करेंगे.. अभी तो बदन पोंछना बाकी है.. पाउडर भी लगाना है.. उन्होंने हँस कर मेरे चूतड़ों पर थपकी लगा दी।

दोस्तो, यह मेरे जीवन की सच्ची घटना है.. हाँ इसमें शब्दावली को कुछ बदला गया है ताकि इसको कुछ अन्तर्वासना को जगाने के लिए मसाला आ सके.. आप सभी से आपके विचारों को जानने के लिए उत्सुक हूँ.. मुझे ईमेल जरूर कीजिएगा।

कहानी जारी है। [email protected]

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