नवविवाहिता अकेली भाभी को चोद कर ख़ुशी दी

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दोस्तो, मेरा नाम सोनू है, नोएडा में अकेला ही रूम लेकर रहता हूँ। मैं तीन साल से इस साइट का रेग्युलर रीडर हूँ.. मेरे लंड का साइज़ 6.5 इंच है।

मैं एक 28 वर्षीय विवाहित पुरुष हूँ। मैंने आज तक अपनी बीवी के अलावा 6 लड़कियों के साथ सेक्स किया है।

बात 3 माह पहले की है। मैं जिस घर में रहता हूँ.. वहाँ पर एक भैया भी हैं.. उनकी अभी-अभी इसी साल शादी हुई है। मैंने भी उनकी शादी अटेंड की थी।

जब मैंने पहली बार भाभी को शादी के टाइम देखा.. तब वो स्टेज पर थीं। वाह क्या मस्त लग रही थीं। मैं तो उसी टाइम उनका दीवाना हो गया था।

खैर.. धूमधाम से शादी हुई और भाभी घर पर आ गईं.. सो हम लोगों ने उनसे परिचय किया।

उसके बाद हम सब अपनी-अपनी लाइफ में बिज़ी हो गए। कुछ दिन बाद भैया की जॉब आउट ऑफ नोएडा लग गई। अब वो 2-3 महीने में ही एक बार घर पर आते थे तो भाभी उदास रहने लगीं।

एक दिन में ऊपर छत पर जा रहा था तभी भाभी नीचे खड़ी थीं।

उन्होंने मुझे देखा तो पूछा- कहाँ जा रहे हो? तो मैं बोला- ऊपर जा रहा हूँ।

उन्होंने कहा- मैं भी चलती हूँ.. नीचे बोर हो रही हूँ। तो मैंने कहा- ठीक है..।

और हम दोनों छत पर चले गए। मैं भाभी से पहले बार अकेले में मिल रहा था।

भाभी ने मुझे मेरे जॉब के बारे में पूछा.. तो मैंने कहा- ठीक चल रही है। मैंने उनसे पूछा- भैया कब आएँगे? तो उन्होंने कहा- वो तो अगले हफ्ते आएँगे।

फिर मैंने उनसे पूछा- आपका मन तो लग जाता है ना बिना भैया के? इतना पूछते ही वो कुछ नहीं बोलीं.. बस मेरी तरफ कुछ देर देखती रहीं। उनकी आँखों में दर्द झलक रहा था।

तो मैंने कहा- क्या बात है भाभी.. भैया से झगड़ा हुआ क्या? उन्होंने बोला- नहीं.. ऐसा कुछ नहीं है.. और उन्होंने बात बदल दी।

कुछ दिन बाद एक दिन मैं फिर से ऊपर जा रहा था.. तो मुझे उनके कमरे से कुछ आवाज़ आई.. तो मैंने सोचा कि क्या बात है.. देखूँ जरा..

मैं उनके दरवाजे के पास गया तो देखा कि वो आवाज़ किसी और की नहीं.. भाभी की ही थी।

दरवाज़ा खुला था.. तो मैंने दरवाजा में से देखा.. तो भाभी पूरी तरह से नंगी होकर अपनी चूत में बैगन डाल कर अन्दर-बाहर कर रही थीं और शायद वो जल्दबाज़ी में दरवाजा बंद करना भूल गई थीं।

उनके नंगे चूतड़ और पतली कमर को देख कर मेरा लण्ड लोहे की तरह टाइट हो गया। मुझसे और नहीं रहा गया.. मैं तो पहले से ही उन पर फिदा था।

अब मैंने सोचा कि जो होगा देखा जाएगा। मैं धीरे से अन्दर गया और उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया। उनका ध्यान अब भी बैगन पेलने पर ही था, मैं उनके पीछे से ही बोला- भाभी ये आप क्या कर रही हो?

तो वो एकदम से चौंक गई ओर अपने कपड़े सही करने लगीं।

मैं फिर बोला- आप ये क्या कर रही थीं? तो वो बोलीं- क्या करूँ.. तुम्हारे भैया तो मेरी इच्छा पूरी नहीं कर पाते हैं।

मैंने कहा- क्यों.. क्या हुआ? वो बोलीं- वे तो यहाँ होते ही नहीं हैं और होते हैं तो बहुत ही जल्दी झड़ जाते हैं।

मैंने अपना लौड़ा सहलाते हुए बोला- अगर आपको प्राब्लम ना हो.. तो क्या मैं कुछ हेल्प कर सकता हूँ। भाभी कुछ नहीं बोली बस मेरे लण्ड की तरफ देखती रहीं.. मैं समझ गया कि वो चूत पसारने को तैयार हैं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैंने भी समय खराब ना करते हुए उनको अपनी बांहों में भर लिया और किस करने लगा। पहले तो वो मेरा सहयोग नहीं कर रही थीं.. लेकिन धीरे-धीरे वो भी मेरा साथ देने लगीं।

अब मैंने उन्हें गोद में उठाया और बेड पर पटक दिया। मैं पूरे दिलोजान से उन्हें चूम रहा था।

मैंने उनके कपड़े उतारने शुरू किए पहले मैंने उनकी साड़ी उतारी और फिर ब्लाउज ओर पेटीकोट भी उतार दिए। अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में खड़ी थीं।

उनका गोरा बदन देख कर तो मेरा लण्ड लोहे की तरह टाइट हो गया। अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनकी ब्रा के ऊपर से ही उनके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया। वो तो बस पागल सी होने लगी थीं। अब मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी। ब्रा उतारने के बाद उनके गोरे-गोरे मम्मों और भूरे अंगूरों ने तो मुझे पागल ही कर दिया।

मैंने उनकी पैन्टी भी उतार दी और उनकी चूत में उंगली डालकर अन्दर-बाहर करने लगा। अभी तक उनकी ज़्यादा चुदाई नहीं हुई थी.. उनकी चूत देख कर मेरे मुँह से लार टपकने लगी।

मैंने उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी। कुछ देर बाद हम 69 पोज़िशन में आ गए, वो मेरे लंड को और मैं उनकी चूत को चाटने लगे।

उनकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.. उनकी चूत का पानी बहुत ही लाजवाब था। वो तो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थीं.. जैसे एक छोटा बच्चा दूध की बोतल का निप्पल चूस रहा हो।

उनकी साँसें तेज़ होने लगीं और मुझसे कहने लगीं- सोनू प्लीज़ अब अपना लंड मेरी चूत में डाल दो.. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

मैंने भी समय की बर्बादी ना करते हुए उन्हें बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उनकी टांगें अपने कंधों पर रख कर अपना लंड उनकी चूत पर सैट किया और एक धक्का मारा.. तो मेरा लंड थोड़ा सा अन्दर गया। उन्हें थोड़ा दर्द हुआ तो मैं उन्हें किस करने लगा और मम्मों को चूसने लगा

थोड़ी देर बाद वो जब नॉर्मल हुईं.. तो मैंने एक ज़ोर का धक्का लगाया और मेरा लंड उनकी चूत की जड़ में अन्दर तक चला गया। वो दर्द से चिल्लाने लगीं.. लेकिन मैंने अपनी स्पीड कम नहीं की और उन्हें चोदता रहा।

थोड़ी देर बाद उन्हें भी मज़ा आने लगा, अब वो भी अपने चूतड़ों को उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगीं।

वो करीब 15 मिनट में ही झड़ गईं और मैं उन्हें चोदता रहा। अब कुछ मिनट बाद मैं भी झड़ने वाला था.. तो मैंने पूछा- माल कहाँ डालूँ? उन्होंने बोला- मेरे अन्दर ही डाल दो।

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और पूरा माल उनकी चूत में डाल दिया।

फिर मैंने चूत से लंड निकाला और उनके मुँह में डाल दिया और उन्होंने मेरा पूरा लंड चाट-चाट कर साफ कर दिया। हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे के साथ चिपक कर लेट गए।

थोड़ी देर बाद मेरा फिर से मूड बन गया और मेरा लौड़ा एकदम टाइट हो गया। अब की बार मैंने उनकी गान्ड में लौड़ा डाला और चुदाई की।

उस दिन हमने 4 बार चुदाई की और मैंने उन्हें पूरी तरह संतुष्ट कर दिया। [email protected]

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