Meri Bhabhi Mere Dost Se Chudi

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यह उस समय की बात है जब मै अपनी पढ़ाई पूरी करके नौकरी के लिए दिल्ली आया था। दिल्ली में मेरे भैया रहते थे उनकी शादी ५ साल पहले हुई थी लेकिन अभी कोई बच्चा नहीं था। मेरी नौकरी एक कंपनी में लग गई। मेरी ड्यूटी शिफ्टों में लगती थी। उसी समय मेरा दोस्त मनीष भी नौकरी केलिए दिल्ली आया।

मैंने भैया से पूछा की उसे जब तक नौकरी नहीं मिलती वो हमारे साथ ही रह ले तो वो मान गए। मेरा दोस्त और मै हॉस्टल में रूम पार्टनर थे। इस लिए हमलोग हर चीज़ खुल के बात कर लेते थे कुछ भी छुपाते नहीं थे। मेरे भैया का बिज़नेस था और भाभी नौकरी करती थी।

भैया बिज़नेस के कारण काफी देर से घर आते थे और भाभी ५ बजे तक आ जाती थी। मै तो शिफ्ट में ड्यूटी के कारण कभी ६ से 3 बजे तक तो कभी 3 से १२ और कभी १२ बजे से ७ बजे तक बहार रहता। घर में भाभी और मनीष कई बार अकेले रहते थे।

भाभी मेरी ५’३” हाइट की थी और जयादा पतली नहीं थी पर मोटी नहीं थी। गोरी थी। हलाकि मैंने उन्हें बिना कपड़ो के देखा नहीं था पर उनके बूब्स बड़े लगते थे। करीब १५ दिन के बाद एक दिन मनीष ने मेरे से पूछा राज तुझे कभी भाभी को चोदने का मन नहीं करता तो मैंने उसे डाटा क्या बात कर रहा है चुप कर तब उसने कहा यार मुझे तो उन्हें चोदने का बहुत मन कर रहा है देखता नहीं उनके बूब्स और चूतड़ कितने मस्त लगते है।

तब मैंने कहा अबे साले तेरे साथ मुझे भी घर से निकल दिया जायेगा कुछ ऐसी वैसी हरकत मत कर देना। तब उसने कहा अगर तू कहे तो मै उन्हें पटा लू तब तुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होगा। मैंने कह दिया तो पटा ले अगर पटती है तो पर ध्यान रखना साले अगर अगर कुछ बुरा हुआ तो में तुझे छोडूंगा नहीं।

तब उसने कहा मत छोड़ना अगर पट गई तो तुझे भी दिलवा दूंगा। उस दिन हमारी बात ख़तम हो गई और हम लोग सोने लगे। अब मै मनीष की बाते सोचने लगा तो सही में मेरी भाभी मॉल लगने लगी उनके बूब्स चूतड़ सब मस्त लगने लगे मेरा लंड आज पहले बार भाभी के नाम पर खड़ा हुआ था काफी देर के बाद मुझे नीद आ गई सुबह देखा तो मेरा मॉल निकल गया था।

अब तो भाभी जब सामने आती तो चोदने का मन करता था पर मै कुछ कर नहीं सकता था। उधर मनीष अब भाभी के साथ किचेन में काम करता बाजार चला जाता घर के बहुत सारे कामो में भाभी का हेल्प करने लगा। कुछ दिन बाद मैंने पूछा क्या हुआ कुछ काम बना तो बोला बन रहा है जब हम किचेन में काम करते है तो कई बार उनके बूब्स और चूतड़ों को अनजान मानकर छू देता हु तो कभी कुछ बोला नहीं अब आगे देखो क्या होता है।

तब मैंने कहा की अरे यार जब तो उनके साथ होता है तो अपना फोन मेरे फोन से कनेक्ट कर दे मै भी तो सुनु क्या बात करता है। तब उसने कहा कर दूंगा पर तू गुसा मत करना मैंने कहा ठीक है। दो दिन बाद एक दिन शाम ६ बजे उसका फोन आया मैंने उठाया तो उधर से कोई आवाज नहीं आई मै समझ गया और उधर की बाते सुनाने लगा।

मनीष :- भाभी आज बहुत थकी हुई लग रही है

भाभी :- है आज ऑफिस में काम बहुत था और सर भी दर्द कर रहा है।

मनीष :- आप चाहे तो मै आपका सर मालिश कर दू।

भाभी:- नहीं नहीं तुम क्यों परेशान होंगे ठीक हो जायेगा।

मनीष:- अरे भाभी आप तो हद करती है कैसी परेशानी आप कपडे बदल केर आईये मै सर मालिश कर देता हु।

भाभी- अच्छा बाबा आती हु।

फ़ोन काट गया मै सोचने लगा मनीष क्या कर रहा होगा ये सोच केर मेरा लंड खड़ा हो गया। अब मेरा काम में मन नहीं लग रहा था। तभी फिर फ़ोन बजा मै सुनने लगा।

मनीष- भाभी बेड पर लेट जाइये तो अच्छे से मालिश हो जाये गी।

भाभी- नहीं अभी चेयर पर ही कर दो।

मनीष – अच्छा थोड़ी देर कोई बात नहीं हुई फिर

मनीष – भाभी अच्छा लग रहा है।

भाभी- हा बहुत अच्छा लग रहा है।

थोड़ी देर के बाद मनीष ने पूछा भाभी कंधे भी मालिश कर दू तो भाभी ने कहा हा कर दो। मनीष- भाभी नाइटी थोड़ा लूज़ कर देंगी तो कंधे पर भी आयल लगा दू।

भाभी- अच्छा थोड़ी देर के बाद

मनीष- भाभी थोड़ा आगे झुकिए फिर थोड़ी देर के बाद

भाभी- अब रहने दो हो गया।

मनीष – अरे भाभी थोड़ा और करवा लीजिये अच्छा नहीं लग रहा है क्या।

भाभी- नहीं अच्छा तो लग रहा है पर अब रहने दो।

मनीष- अच्छा पर अगर आप लेट केर मालिश करवाती तो और अच्छा लगता।

भाभी – बाद में कर लेंगे आज बस रहने दो। रात में जब मै आया तो भैया भाभी सो चुके थे।

मैंने मनीष से पूछा आज क्या हुआ तब मनीष ने कहा अरे यार आज तो मजा आगया मालिश करते समय मेरा लंड पूरा खड़ा था और कईबार भाभी के कंधे से टकराया भी लेकिन भाभी ने कुछ नहीं कहा। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।

जब मैंने नाइटी लूज़ करके थोड़ा निचे खिसकाया था तो भाभी के लगभग आधे बूब्स दिख रहे थे क्या बूब्स है यार गोरे गोरे भाभी चेयर पर बैठी थे और मै उनके पीछे खड़ा मालिश कर रहा था। उस समय भाभी की आंखे बंद थी।

कई बार मैंने अपना हाथ आगे की तरफ खिसका के उनके बूब्स के ऊपर वाले हिस्से में मालिश की। मालिस करते करते जब मैंने अपना हाथ और निचे ले गया तब भाभी ने कहा आज बस रहने दो। फिर बेड पर मालिस करने केलिए बोला बाद में मतलब उन्हें भी मजा आरहा था। अब तू देख जल्दी ही चोदूंगा उन्हें। मेरा तो लंड खड़ा हो गया था मैंने कहा यार मै तुझे चोदते हुए देखना चाहता हु।

मनिश ने बोला ठीक है जब प्लान बनेगा तो तुझे बता दूंगा तू आ जाना जल्दी। दूसरे दिन जब मै आया तो मनीष ने बताया की आज मैंने भाभी को नंगा देखा मानिने कहा कैसे तो बोला मैंने भाभी के बैडरूम की खिड़की का दरवाजा थोड़ा एडजस्ट करदिया जो बालकनी में खुलता है और अब बंद करने के बाद भी बालकनी से बैडरूम में देख सकता हु।

आज मैंने देखा वो नहाने के बाद जब बेड रूम में कपडे चेंज करहि थी तो पूरी नंगी थी। क्या गोरा बदन है उनका क्या बूब्स है जब बूब्स तौलिये से पोछ रही थी मन कर रहा था मै जाकर चूसने लगु। जब वो एक टांग बेड पर रख के अपनी चुत पोछ रही थी तो मत पूछ मेरा क्या हाल था जब वो चुत फैला कर पोछ रही थी तो लग रहा था जैसे चुदना चाह रही है क्यों की उन्होंने अपने उंगली अंदर कर रही थी।

फिर मैने बाथरूम में जाके हाथ से अपना मॉल गिराया। उसके बाद भैया आगये। वो जब सोने गए तो मै फिर देखने लगा तो भाभी भैया के बगल में सो रही थी और कुछ बाते भी कर रही थी। भैया उनके बूब्स दबा रहे थे और किश कर रहे थे।

थोड़ी देर के बाद लाइट बंद हो गई और मै आ गया। दूसरे दिन मै ७ बजे आगया तो पता चला मनीष आज किसी इंटरव्यू केलिए भिवाड़ी गया था तो देर होने के कारण वही रुक गया है। भाभी नहाने चली गई और नहाने के बाद बैडरूम में कपडे चेंगे करने लगी तो मै भी खिड़की से देखने लगा सच में ऐसा लग रहा था की अभी जाकर चोदने लगु क्या चूत थी थोड़े से बाल भी थे वहा वो आयल लगा रही थी। फिर भैया आ गए और हम लोग खाना खाने के बाद सोने चले गए।

आज भैया ने बताया की कल से वो ५ दिन के लिए मुंबई जा रहे के बिज़नेस केलिए। फिर मै खिड़की पर जा केर देखने लगा भैया भाभी को किश कर रहे थे और बूब्स दबा रहे थे थोड़ी देर के बाद भाभी ने अपने कपडे उतार कर नंगी हो गई और भैया को बूब्स चूसने को कहने लगी भैया चूसने लगे फिर उन्होंने भी अपने कपडे उतार दिए..

लेकिन उनका लंड पूरा खड़ा नहीं था भाभी उसे सहला रही थी पर वो पूरा टाइट नहीं हो रहा था फिर भैया ने भाभी की चुत में ऊँगली दाल दी और ऊँगली से चोदने लगे फिर भाभी की चुत से ढेर सारा पानी निकला और भाभी शांत हो गई। अब भैया अपने लंड को भाभी की चुत पर रगड़ने लगे फिर उनका मॉल निकल गया।

मुझे लगा की भाभी की चुदाई रोज ऊँगली से ही होती है शायद। फिर लाइट बंद हो गया। मैंने मनीष को फ़ोन करके बताया की आज क्या हुआ तो वो बहुत खुस हुआ की भैया ५दिन नहीं रहेंगे तो चोदने का मौका मिल जाये गा। उसने बोला की तू रात की ड्यूटी ले ले लेकिन जाना नहीं जब मै फोन करू तो आजाना और खिड़की से देखना कैसे मै भाभी को चोदता हु।

मैंने भी २~३ दिन की छुट्टी लेली लेकिन भाभी को बताया की रात की ड्यूटी है। अगले दिन भैया मुंबई चले गए। मनीष शाम तक आ गया। भाभी को बता ने लगा की हो सकता है १०~१५ दिन के बाद नौकरी मिल जाये। भाभी ने कहा बधाई हो आज तो पार्टी होनी चाहिए। मनीष ने कहा ठीक है।

भाभी ने खाना बाहर से मंगवाया। खाना खाने के बाद | मै ड्यूटी चला गया एक घंटे के बाद लगभग ११ बजे मै वापस आगया। मै अपनी चाभी से दरवाजा खोलकर अंदर आगया। अंदर देखा मनीष भाभी के कमरे में था और दरवाजा भिड़ा हुआ था। मै सीधे खिड़की के पास आगया और अंदर देखने लगा।

भाभी लेट केर कोई मैगजीन पड़ रही थी और मनीष पास में बैठा कुछ बाते कर रहा था लेकिन मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। वो भाभी के कंधे को सहला रहा था जैसे मालिश कर रहा हो लेकिन भाभी थोड़ी देर में उसके हाथ को हटा दे रही थी और कुछ कह भी रही थी शायद कह रही थी नहीं रहने दो मालिश की जरुरत नहीं है।

थोड़ी देर के बाद मनीष उठा और गुड नाईट करके अपने कमरे में आगया फिर भाभी ने अपना कमरा बंद कर लिया। हम लोग खिड़की के पास आगये तो देखा की भाभी अपने कपडे चेंज करने जारही थी पहले कुर्ता उतारा फिर सलवार उतारा अब्द अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी तोड़ी देर तह ऐसी ही टहलती रही फिर बाथरूम में चली गई थोड़ी देर के बाद फ्लश की आवाज आई और फिर भाभी ब्रश करती हुई बाहर आई।

लेकिन केवल ब्रा पहने हुई थी पैंटी नहीं। ब्रश करते हुए कुछ सोच रही थी बिच में अपनी चुत को फैला कर कुछ चेक कर रहीथी। मनीष बोला देख उनकी चूt गीली लग रही है इसका मतलब गर्म हो रही है। भाभी बराबर अपनी चुत को सहला रही थी फिर बाथरूम में जाकर ब्रश करने लगी उसके बाद शायद नहाने लगी क्यों की शावर की आवाज आरही थी।

करीब २० मिंट के बाद बाथरूम से बाहर आयी ओ मई गॉड वो पूरी नंगी थी गोरे गोरे बूब्स बड़े बड़े चूतड़ थोए थोड़े बालो के साथ छोटी सी चुत क्या नजारा था। हम दोनों के लंड पूरी तरह से खड़े थे मनीष कह रहा था मन कर रहा है अभी जाकर साली को चोद दू लेकिन थोड़ा वेट करता हु शायद पट जाए।

मैंने बोला तू तो चोद लेगा लेकिन मै क्या करूँगा मुझे तो हाथ से ही काम चलना है। भाभी पूरा बदन पोछ कर नाइटी पहन लिया लेकिन ब्रा और पैंटी नहीं पहनी। फिर लेट केर मैगजीन पड़ने लगी। थोड़ी देर के बाद लाइट बंद कर दिया। हमभी कमरे में आगये और लाइट बंद कर दिया और सोने लगे। करीब १ घंटे के बाद भाभी के कमरे की लाइट फिर जली मै दौड़ कर खिड़की के पास आ गया देखा की भाभी बेड बैठ कर कुछ सोच रही है।

मनीष सो गया था। मैंने टाइम देखा तो २.३० बज रहा था। भाभी उठी और कमरे से बाहर गई फिर मुझे दरवाजा खटखटाने की आवाज आई। भाभी मनीष के कमरे का दरवाजा खटखटा रहीथी। मनीष उठा मुझे देखा की मै कमरे से बाहर बालकनी में हु तो वो दरवाजा खोलने चला गया\ दरवाजा खोल के पूछा क्या हुआ भाभी इतनी रात को क्या सोइ नहीं।

भाभी बोली मुझे डर लग रहा है थोड़ी देर तुम्हारे साथ बैठना चाहती। मुझे लगा आज ही मनीष की मुराद पूरी हो जाएगी शायद और शायद यही मनीष भी सोच रहा था तभी उसने बोला भाभी आपके ही कमरे में ही बैठते है चलिए उसे पता था की यदि इस कमरे में कुछ हुआ तो मै कुछ भी देख नहीं पाउँगा।

मनीष भाभी के साथ उनके कमरे में चला गया और मै खिड़की पर चला गया। कमरे में जाते जाते मनीष मुझे कॉल करदिया जिससे मै बाते सुन सकू। मनीष और भाभी बेड पर बैठ कर बाते कर रहेथे मनीष भाभी का सर सहला रहा था।

मनीष- भाभी भैया की याद आ रही है क्या।

भाभी – हा आ रही है पर क्या करू ४ दिन तो काटने है। तुम कल क्या कर रहे हो।

मनीष- मै तो कल घर पर ही हू क्या कोई काम है।

भाभी- नहीं, कल मै ओफ्फिच जाउंगी तो २ बजे मेरे ऑफिस आजाना पिक्चर देखने चलेंगे। मनीष- अच्छा कौन सी पिक्चर देखनी है।

मनीष बाते करते करते भाभी के कंधे भी सहला रहता। भाभी बोली कोई भी देख लेंगे। मनीष कंधे सहलाते सहलाते गर्दन सहला रहा था और उंगलिया बूब्स की तरफ सरका रहा था। भाभी आंखे बंद करके बात करते जा रही थी।

थोड़ी देर बाद मैंने देखा मनीष का हाथ लगभग पूरा भाभी की नाइटी के अंदर था और शायद बूब्स से थोड़ा ही दूर था और भाभी की सांसे थोड़ी तेज हो रही थी। फिर मुझे लगा शायद आज ही मनीष की मुराद पूरी हो जाएगी लेकिन तभी भाभी उठ गई और बोली मनीष अब सोते है कल ऑफिस भी जाना है अब तुम जाओ तब मनीष ने पूछा यही सो जाऊ।

भाभी बोली सो जाओ और लाइट बंद कर दो। मनीष ने लाइट बंद कर दी। अब मुझे पूरा विस्वास हो गया मनीष आज ही चोदेगा। तभी अँधेरे में ही भाभी की आवाज आई मनीष ये क्या कर रहे हो तब मनीष ने कहा सॉरी गलती से हाथ वहा पहुंच गया था।

थोड़ी देर बाद मनीष अपने कमरे में आ गया मैंने पूछा क्या हुआ तो बाला कल रात को भाभी को चोदूंगा। मैंने पूछा अभी क्या हुआ तो बोला अभी वो तैयार नहीं है। लाइट बंद करने के बाद उनका हाथ अपने लंड पर रख दिया था थोड़ी देर रक्खी रही फिर हटा लिया फिर मैंने नाइटी ऊपर कर दी तो कुछ नहीं बोली उनकी टांगो को थोड़ा फैला दिया और जब चुत पर हाथ रख दिया तो बोली क्या कर रहे हो और फिर नाइटी निचे कर ली। फिर मैंने कोई कोशिश नहीं।

लेकिन अब कल रात को नहीं छोडूंगा जम के चोदूंगा साली को। सुबह १२ बजे मेरी आंख खुली तो भाभी जा चुकी थी और मनीष जाने के लिए तैयार हो रहा था। मैंने बोला फोन ऑन रखना मनीष ने कहा ओके। हम लोगो ने लंच किया और २ बजे मनीष चला गया। मै फिर सो गया क्यों की रात को जागना था। मेरी नीद खुली ६ बजे तो देखा मांश के ६ मिस्ड कॉल थे मैंने तुरंत कॉल किया मनीष ने ऑन कर दिया।

भाभी की आवाज आयी तुम्हारा मन पिक्चर में नहीं लग रहा है। मनीष क्यों क्या हुआ। भाभी तुम मुझे डिस्टर्ब कर रहे हो। मनीष- जब कोई खूबसूरत महिला साथ हो पिक्चर में मन कैसे लगेगा। भाभी अच्छा अच्छा चलो बाते मत बनाओ। पिक्चर देखो। थोड़ी देर शांत रहा।

भाभी- क्या कर रहे हो मनीष हाथ हटाओ।

मनीष- अच्छा हटाता हू। अहह आप बहुत भारी है मेरा हाथ डाब गया।

भाभी- और रखो हाथ नीचे। फिर फ़ोन काट गया।

आधे घंटे के बाद मैंने भाभी को फोन किया की कहाँ है तो बोली ऑफिस में लेट हो गया है मै १० बजे तक आउंगी और आप खाना खाके ऑफिस चले जाना। फिर मैंने बिला मनीष भी नहीं आया अभी तक तो बोली मनीष बोल रहाथा की उसे किसी के साथ घूमने जाना है देर से आएगा। अब मै दरवाजे में लॉक लगा खाना खा के मनीष के कमरे में चला गया।

१० बजे के करीब दरवाजा खुलने की आवाज आयी। पहले भाभी अंदर आई फिर मनीष। भाभी अपने कमरे में चली गयी और मनीष अपने कमरे में आगया। मैंने पूछा क्या हू वो बोला अब बस देखता जा। फिर उसने अपने बैग से एक दवा निकाल कर खाली मैंने पूछा ये क्या है तो बोला सेक्स पावर की दवा है आज पूरी रात चोदूंगा।

फिर वो नहाने चला गया। मैंने भाभी के कमरे में देखा तो भाभी भी शायद नहा ही रही थी शावर की आवाज आ रही थी। मनीष तो जल्दी बाहर आ गया पर भाभी अभी नहा ही रही थी। करीब ४० मिनट के बाद भाभी बाहर आयी पूरी नंगी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।

लेकिन आज उनका पूरा बदन चमक रहा था आज चुत पे बाल भी नहीं थे। वो भी पूरी तरह से चोदने के लिए तैयार थी। ब्रा पैंटी और २ पीस नाइटी पहनी। और तैयार हो गई। और बेड पर लेट गई। तभी मनीष कमरे में आया बोला क्या हुआ भाभी थक गई क्या। भाभी बोली हा बहुत थक गई हू और सर भी दुःख रहा है।

मनीष बोला आईये मालिश कर दू तो भाभी बोली करदो। मनीष तेल लेकर आ गया और सर पे मालिश करने लगा। भाभी बोली आज बहुत मस्ती सूझ रही थी। मनीष बोला आप बहुत सेक्सी लग रही थी।

तभी मुझे टॉयलेट आ गया। जब मै टॉयलेट करके आया तो देखा भाभी पेट के बल लेटी है और मनीष सर की तरफ से उनकी पीठ की मालिश कर रहा था। ऐसा करने में उसका लंड निश्चित रूप से भाभी के सर से टकरा रहा होगा। फिर उसने पीठ पर से ब्रा की स्ट्रिप खोल दी और मालिश करने लगा। मालिश करते समय मनीष की ४ उंगलिया भाभी के बूब्स को साइड से सहला रहे थे पर भाभी आंख बंद करके लेटी थी।

धीरे धीरे मनीष अपने हाथ पीठ से होते हुए नीचे बूब्स की मालिश करने लगा। भाभी एक बार आंख खोल कर देखि और मुस्कुरा कर आंखे बंद कर ली। अब भाभी पूरी तरह तैयार थी। मनीष ने अब भाभी को पीठ के बल लिटा दिया और नाइटी शर्ट के सेरे बटन खोल दिए और ब्रा हटा दिया।

भाभी की बूब्स एकदम टाइट थे मनीष उन्हें सहला रहा था और अब झुक कर भाभी को चूमने लग। मनीष बूब्स को मसल रहा था और भाभी के ओठ चूस रहा था। थोड़ी देर के बाद मनीष भाभी के बूब्स को चूस रहा था। भाभी मस्ती से अपने ओठ काट रही थी। अब मनीष भाभी के पाजामे का नाडा खोल दिया और उसे उतार दिया।

भाभी क्या गजब लग रही थी तने हुए बूब्स पिंक पैंटी गोरा बदन सच मनीष की लॉटरी लग गई थी। मनीष अब बूब्स के बाद नाभि से होते हुए पैंटी पर आगया और ऊपर से ही चुत को जीभ से चाटने लगा। भाभी की टांगे अब फ़ैल ले थी चुत पूरी खुल गई थी पर अभी पैंटी से कवर थी। चाटते चाटते मनीष ने पैंटी भी उतार दी वो क्या चुत था प्यार के रस से भरा हुआ एक मदहोस प्याला लग रहा था जो अपने शराबी का इंतजार कर रहा था।

मनीष अब चुत पूरी तरह से चूस रहा था दोनों हाथो से फैला कर अपनी जीभ को अंदर तक पंहुचा रहा था। भाभी की हालत उस समय एक प्यासे हाथी की तरह जो किसी तरह नदी तक पहुंचना चाह रहा था। इस बीच मनीष ने भी आने सारे कपडे उतार दिए उसका लंड लगभग ७~८ इंच का लग रहा था।

भाभी के टांगो को पूरी तरह फैला कर लंड को चुत के मुँह पर रख के भाभी से बोला आज से तुम मेरी भाभी नहीं मेरी बीबी हो। मेरी जान ये लो मेरा लंड का स्वाद चखो और ढाका मार के पूरा लंड अंदर कर दिया भाभी की चीख निकाल गई। लेकिन मनीष पूरी ताकत से धक्के मार रहा था।

भाभी कह रही थी मनीष मै अब तुम्हारी हू इसे पूरी तरह से चोदो। बहुत अजा आ रहा है। तुम्हारा लंड मेरी बच्चेदानी तक पहुंच रहा है। और अपनी चूतड़ उठा के चुद रही थी। अच्चानक भाभी का शरीर टाइट होके ढीला हो गया।

अब वो झड़ गई थी लेकिन मनीष अभी चोदे ही जा रहा था। थोड़ी देर के बाद भाभी ने बोलै मैं टॉयलेट जाना चाहती हो तब मनीष न अपना लंड चुत से बहार निकाला। क्या लंड था एकदम कड़ा चुत के रस से भीगा हुआ। भाभी बेड से उतरी तो लड़खड़ा रही थी मनीष बोला क्या हुआ रानी ठीक हो। अभी तो पूरी रात बाकि है।

भाभी ने बोला कुछ नहीं इतना बड़ा लंड पहली बार लिया है तो थोड़ा दर्द तो होगा पर तुम चिंता मत करो पूरा साथ दूंगी। वो टॉयलेट चली गई। इधर मनीष भाभी की पैंटी से लैंड साफ कर रहा था। भाभी बहार आई और बोली क्या कर रहे हो मेरी पैंटी से।

मनीष- इसे बता रहा हु की अब तेरी जरुरत काम पड़ेगी क्यों की भाभी अब पैंटी कम पहनेगी।

भाभी हॅसने लगी और मनीष के लैंड को सहलाते हुए बोली है जिससे इसे कम म्हणत करनी पड़े। अब भाभी मनीष के ऊपर चढ़ गई और किश करते हुए लैंड को अपने चूत में डालने लगी।

अचानक मनीष ने नीचे से धक्का मार दिया पूरा लन्ड एक बार में चूत में घुस गया भाभी मनीष के ऊपर ही गिर गई बोली आजके बाद नहीं चोदना है क्या इतना बेदर्द मत बनो।

लेकिन मनीष चोदे ही जा रहा था। और भाभी भी उछलने लगी जिससे फच फच की आवाज आ रही थी। मनीष ने दोनों हाथो से भाभी की गांड फैला रखी थी जिससे चूत पूरी फ़ैल गई थी और भाभी को पूरा मजा आ रहा था।

कुछ देर के बाद भाभी ने मनीष को जोर से पकड़ लिया और झटके लेने लगी मैं समझ गया भाभी झड गई लेकिन मनीष चोदता रहा और पलट कर भाभी पे चढ़ गया। टांगो को कंधे पैर रख कर धक्के मारने लगा।

थोड़ी देर के बाद तेजी से धक्के मारते हुए पूरा लैंड अंदर करके बॉडी टाइट करने लगा। अब मनीष अपना मॉल भाभी के चुत में निकल रहा था। दोनों की बॉडी हल्का हल्का झटके ले रही थी। दोनों की आंखे बंद थी। चुत और लन्ड अपना काम कर रहे थे। कुछ सेकंड के बाद मनीष भाभी के ऊपर ही लेट गया और चूमने लगा।

अच्छा लगा मनीष ने पूछा, बहुत अच्छा लगा भाभी ने कहा लेकिन तुमने जबरजस्त चोदा है मुझे। मनीष का लन्ड अब बाहर निकल रहा था साथ में सफ़ेद सफ़ेद गाढ़ा गाढ़ा मॉल भी टपक रहा था। और मनीष बगल में लेट गया झड़ने के बाद भी उसका लन्ड अभी पूरा लूज़ नहीं हुआ था। वो उठ के भाभी की चुत को फैला फैला कर मॉल निकलते हुए देख रहा था।

क्या देख रहे हो भाभी ने पूछा, देख रहा हु तुम्हार चुत कितने आराम से मेरे मॉल की बाहर फेक रही है इसको डालने में कितनी मेहनत करनी पड़ी।

भाभी हसने लगी और बोली मेरी चुत बहुत छोटी है अभी। अच्छा अभी बड़ा करता हु इसे और मनीष फिर से लन्ड डालने की कोशिश करने लगा। भाभी ने हाथ जोड़ते हुए कहा बस अब आज मत चोदो थक गई हूँ कल ऑफिस भी जाना है और उठ कर टॉयलेट चली गई। ब। हर आयी तो नाइटी पहनी हुई थी और मनीष ने भी कपडे पहन लिए।

फिर भाभी ने कहा मनीष किसी को बताना नहीं। मनीष ने हा कहते हुए कमरे से बाहर आ गया भाभी ने लाइट बंद करदी। मैं कमरे में आया तो मनीष बीएड पैर लेता हुआ था। मुझे देखकर पूछा कैसा लगा, चोद लिया न तेरी भाभी को देखा कमाल।

मैं क्या कहता फिर बोलै साले मजे तो तू ले रहा था मैं तो हाथ से ही काम चला रहा था। तो वो बोला देख कुछ दिन बाद तू भी कोशिश करना पक्का तुझ से भी चुदवाएगी। इस एपिसोड के बाद तो मनीष भाभी को कई बार चोदा और उनकी मदद से फिछले ४ सालो में उसने भाभी की दोस्त और मेरी बीबी को भी चोदा वो कहानी बाद में बताऊंगा। कृपया मुझे ईमेल जरुर लिखें मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.

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