सोनम गुप्ता बेवफा नहीं है, सोनम ने सरप्राइज दिया

दोस्तो, आप सभी कैसे हो.. मैं उम्मीद करता हूँ कि सभी लोग मस्त होंगे। मैं आपका सभी का दोस्त विक्रांत विकी फिर से आपके सामने एक और मस्त चुदाई की कहानी ले कर हाजिर हूँ। अपनी नई कहानी शुरू करने से पहले मैं आप सभी का तहे-दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ.. जिन्होंने मेरी लिखी कहानियों को सराहा है।

मेरी इस कहानी में मेरी सहायक एक ऐसी लड़की है.. जिससे मैंने पहले बहुत चैट की और फिर बाद में इतनी हॉट और मस्त चुदाई की कि आज भी जब याद करता हूँ तो बस यही दिल करता है कि काश फिर से वैसी ही चुदाई हो सके।

मेरी यह कहानी तब की है.. जब मैं बैंगलोर में नौकरी करता था। मेरी इस कहानी की नायिका का नाम सोनम गुप्ता (बदला हुआ नाम) है जिससे मेरी मुलाकात फेसबुक पर हुई थी।

हुआ यूँ कि सोनम विक्रांत नाम के किसी पुराने दोस्त को सर्च कर रही थी और इसी सर्च में उसने मुझे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी। पहले तो मैंने उसको नहीं एक्सेप्ट किया लेकिन कुछ दिनों के बाद उसका मैसज आया कि मुझे आपसे बात करनी है। फिर मैंने उसकी रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट किया और मैसेज के जरिए सोनम से बात शुरू हो गई।

बात करने के दौरान उसने बताया कि वो अपने किसी पुराने दोस्त को सर्च कर रही थी और तभी उसको मेरी प्रोफाइल दिखी तो मुझको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी।

इस तरह से मेरा उससे बात करने का टाइम बढ़ता गया.. जो कुछ ही महीनों में 2-3 घंटों तक हो गया। अब तो ऐसा हो गया था कि जब तक हम दोनों एक-दूसरे से बात नहीं कर लेते.. तब तक ऐसा लगता रहता था कि आज कुछ कमी सी रह गई है।

बात करने के दौरान उसने बताया कि वो छत्तीसगढ़ की रहने वाली है और हासन (कर्नाटक) के प्रतिष्ठित कॉलेज से नर्सिंग का कोर्स कर रही है।

मैंने बाकी की जानकारी निकाली तो पता चला कि वो आने वाले 2 महीनों के बाद अपनी परीक्षा देने हासन आने वाली है। हम दोनों ने उसी समय एक-दूसरे से मिलने की योजना बनाई।

इंतज़ार करते हुए वो दिन भी आ गया.. जब सोनम को हासन के लिए आना था। वो छत्तीसगढ़ से बैंगलोर पहुँची और मुझे फ़ोन किया और अपनी लोकेशन बताई लेकिन मैं उस समय बैंगलोर में नहीं था.. ऑफिस के काम से शिमोगा गया हुआ था।

हम दोनों ने फ़ोन से ये तय किया कि वो बस पकड़ कर बैंगलोर से हासन पहुँचे और मैं शिमोगा से हासन आ जाऊँगा जहाँ पर हम दोनों ने मिलने की योजना बनाई।

मैं अपने निर्धारित समय से हासन बस स्टॉप पर पहुँच कर उसका इंतज़ार करने लगा। लगभग 2 घंटे के इंतज़ार के बाद सोनम की बस वहाँ पहुँची। बस स्टॉप पे मिलते ही हम दोनों ने एक-दूसरे को गले से लगाया और उसको साथ में लेकर मैं एक होटल में चला गया।

होटल के कमरे में पहुँचते ही सोनम पागलों की तरह मुझसे लिपट गई और जोर-जोर से किस करने लगी। मैंने कहा- थोड़ा इंतज़ार तो करो। वह बोली- अब जब तुम मेरे सामने हो.. तो इंतज़ार कर पाना बहुत कठिन है।

मैंने भी उसकी चाहत को समझा और उसका पूरा साथ देने लगा। वो लाल रंग का सूट पहन कर आई थी.. जिसमें वो बहुत ही क़यामत लग रही थी। यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

एक-दूसरे को किस करते-करते कब हमारे कपड़े निकल गए.. कुछ पता ही नहीं चला। उसने अन्दर काली रंग की जालीदार ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी.. जिसमें से उसके मम्मे और उसकी चूत बहुत ही कातिलाना लग रही थी।

वो नजारा देख मेरे से बिल्कुल भी अपने आप पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा था, मैं उसके मम्मों और चूत पर लगभग टूट पड़ा, सोनम पागलों की तरह से जोर-जोर से ‘आह.. आह..’ करके सिसकारियां भरने लगी।

मैंने उसकी चूत को चूस-चूस कर उसकी चूत में आग लगा दी। सोनम बोल रही थी- प्लीज विक्रांत अब मत तड़फाओ, अब जल्दी से मेरी चुदाई करके मेरी प्यास को बुझा दो।

मैं उसको और तड़फ़ाना चाह रहा था.. लेकिन उसकी हालत देख कर मैंने अपने लंड को उसकी चूत में 2-3 झटकों में घुसा दिया और उसकी तेज रफ़्तार से चुदाई करने लगा। दस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों का पानी निकल गया और हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर ही लेटे रहे।

इस चुदाई के बाद सोनम बहुत खुश लग रही थी। मेरे पूछने पर उसने बताया कि घर से हासन तक के सफर में वो सिर्फ यही सोचती हुई आई थी कि जाते ही मुझ पर टूट पड़ेगी और जब उसने ऐसा किया तो मेरे द्वारा दिए गए साथ को पाकर बहुत ख़ुशी महसूस कर रही थी।

थोड़ी देर करने के बाद हम दोनों बाथरूम में एक साथ नहाने गए.. लेकिन वहाँ पर उसने सेक्स के लिए मना कर दिया और बोली- तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है। मैं उसकी तरफ हैरानी से देखने लगा।

सोनम ने नहाने के बाद मुझे कहा- तुम कमरे से बाहर जाओ और जब मैं बुलाऊँ तभी अन्दर आना।

थोड़ी देर के बाद उसने मुझे बुलाया। अन्दर जा कर देखा तो वो लाल रंग की साड़ी में दुल्हन की तरह सज कर बैठी हुई थी। उसको इस तरह से सजे हुए देख कर मुझको उस पर बहुत प्यार आ रहा था।

मैंने उसको अपनी बांहों में उठाया और अपनी गोद में ले कर सोफे के ऊपर बैठ गया। काफी देर तक हम दोनों बातें करते रहे और बीच-बीच में एक-दूसरे को किस भी करते रहे।

फिर मैंने उसको बिस्तर पर ले जा कर लिटा दिया और धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने लगा। उस समय उसका शर्माना मुझे बहुत ही ज्यादा उत्तेजित कर रहा था।

उसके कपड़े उतारते समय.. मैंने देखा कि उसने अन्दर से बाहर तक सिर्फ लाल रंग के ही कपड़े पहने हुए थे।

हम दोनों एक-दूसरे को पूरा ऊपर से नीचे तक किस रहे थे और बीच-बीच में एक-दूसरे को काट भी रहे थे।

जब हम दोनों बहुत उत्तेजित हो गए.. तब मैंने उसको घोड़ी की तरह उल्टा किया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल कर चुदाई करने लगा। सोनम भी इस तरह की चुदाई का पूरा मजा ले रही और अपनी कमर को आगे-पीछे करके साथ देने की कोशिश कर रही थी।

चुदाई करते हुए जब मेरा पानी निकलने वाला हुआ.. तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और सोनम को सीधा करके उसके मम्मों पर अपने पानी को निकाल दिया।

इन दो चुदाईयों के बाद सोनम बहुत संतुष्ट लग रही थी।

अपनी चुदाई पूरी करके हम दोनों ने खाना मंगाया और एक-दूसरे को अपने हाथों से खिलाया। खाने के बाद थोड़ा आराम किया और फिर से मिलने का वादा करके मैं सोनम को उसके हॉस्टल में छोड़ कर वापस शिमोगा चला गया।

आपको कहानी कैसी लगी, अपनी पसंद और नापसंद को मुझे मेल के जरिए बता सकते हैं। [email protected]