कॉलेज टूर में लंड चुसाई का मजा- 1

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कॉलेज सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि एजुकेशन ट्रिप में हम एक इंस्टिट्यूट में गए. घूमते हुए हम दोस्त एक बंद पड़ी लैब में चले गए, वहां हमने चुदाई का नजारा देखा.

हैलो फ्रेंड्स, मैं आर्यन एक बार फिर से आपके सामने एक मस्त कॉलेज सेक्स स्टोरी लेकर हाजिर हूँ. आप लोगों ने मेरी सेक्स कहानी सुधा के साथ वो रात और होस्टल गर्ल की चुदाई पढ़कर मुझे आपके हजारों की तादाद में मेल किए और सेक्स कहानी की तारीफ की, उसके लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद और आभार.

आज की सेक्स कहानी को मेरे एक पाठक ने भेजी है, जो मैं लिख रहा हूँ. आप सभी उसी की जुबानी इस सेक्स कहानी का मजा लीजिए.

दोस्तो, मैं तन्मय … आप सभी को आज मैं अपने साथ हुई एक सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहा हूं. मैं अन्तर्वासना की कहानियां काफी समय से पढ़ता आ रहा हूं और मुझे अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ना बहुत पसंद भी है.

लगभग दो साल पहले की बात है. ये बात मुझे अच्छे से इसलिए याद है क्योंकि मेरे साथ ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था.

बात उन दिनों की है, जब मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ टूर पर गया था. हम सभी कॉलेज में एक साथ पढ़ने वाले दोस्त थे और दो महीनों में ही अच्छे दोस्त बन गए थे. हम सभी कॉलेज में हमेशा साथ में ही रहते थे.

कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपसे अपने दोस्तों का परिचय करा देता हूँ.

हम सब कॉलेज में ही मिले थे. हमारे ग्रुप में कुछ सीनियर्स भी थे, जिनका फायदा हम सभी जूनियर्स को मिलता था. हम जूनियर्स कॉलेज में कहीं भी आते जाते थे तो सीनियर दोस्तों की वजह से हमारी हॉस्टल में कोई रैगिंग नहीं करता था. बस थोड़ा परेशान तो करते थे, पर हॉस्टल में हम भी उनके साथ मस्ती करते थे … तो सब चलता रहता था.

उस समय की बात है जब हमारे कॉलेज का टूर जा रहा था. ये टूर लगभग तीन हफ्तों का था, जिसमें टीचर्स, स्टूडेंट को कुछ हिस्टोरिकल प्लेस दिखाने और साइंस से सम्बन्धित कुछ सिखाने के लिए ले जाते थे.

कॉलेज में ज्यादातर फस्ट ईयर के स्टूडेंट जा रहे थे पर सीनियर स्टूडेंट भी थे. टूर में जाना किसी के लिए बाध्यता नहीं थी. जो जाना चाहता था, जा सकता था. जो नहीं जाना चाहता नहीं जा सकता था.

काफी सीनियर्स शायद अपनी पढ़ाई के चलते नहीं जा रहे थे.

हमारे ग्रुप में टूर की बात चली तो काफी बातचीत के बाद हम लोगों ने भी फैसला किया कि हम भी टूर पर जाएंगे. हालांकि सीनियर्स ने अपनी रजामंदी नहीं दी थी क्योंकि इस टूर पर जाने के सभी को पैसे देने थे. फिर वो सब पहले भी कई बार जा चुके थे. बाकी सब राजी हो गए थे.

हॉस्टल से तो सभी स्टूडेंट्स जा रहे थे क्योंकि हॉस्टल वालों को कम रूपए देने पड़ रहे थे.

अब मैं आपको अपने उन दोस्तों के बारे में बता देता हूं, जो लोग टूर पर जा रहे थे. हमारे ग्रुप से जाने वाले स्टूडेंट्स में टोटल सात लोग थे. हमारे ग्रुप में हम चार लड़के और तीन लड़कियां थीं. एक लड़का और एक लड़की मुझसे सीनियर थे.

जो दो सीनियर्स थे उनका नाम अमन और रिशा था. बाकी हम पांच जूनियर थे, जिनमें हम तीन लड़के थे और दो लड़कियां थीं. मैं किसी का रियल नाम नहीं बता सकता, इसलिए काल्पनिक नाम लिख रहा हूं. मेरे अलावा दो जूनियर लड़कों के नाम विवेक और नवीन थे और लड़कियों के नाम लवली व निगार.

लवली मेरी सैटिंग थी और वो इस टूर में मुझसे चुदने को रेडी थी. जबकि निगार का टांका नवीन से भिड़ा था. मगर वो चुदी हुई माल थी इसलिए वो विवेक से भी चुदने को रेडी थी.

फिर जल्दी ही वो दिन भी आ गया, जिस दिन का हम इंतज़ार कर रहे थे. हम सबको शाम को ही हॉस्टल से निकलना था क्योंकि हम सबको सुबह जल्दी से जल्दी बस के पास एक गेस्ट रूम में पहुंचना था.

कॉलेज उस गेस्ट हाउस से दूर था मगर सुबह सुबह जाने का कोई साधन नहीं मिलने वाला था इसलिए ये तय किया गया था कि हम सभी हॉस्टल के छात्र उस गेस्ट हाउस में पहुंच कर सुबह तक उधर ही रुकेंगे.

हम सभी को पहले दिल्ली से लखनऊ जाना था. दो दिन लखनऊ में रुकना था. इसके बाद हम अलग अलग जगहों पर जाने वाले थे और बाकी के समय हम वहीं अलग अलग जगह रुकने वाले थे.

लखनऊ से आगे हम लोग ट्रेन से जाने वाले थे, जिसके लिए हमारा रिजर्वेशन हो गया था. वापसी में लखनऊ से दिल्ली के लिए फिर से बस थी.

टूर पर जाने के लिए शाम को ही हम सब टाइम से गेस्ट हाउस पहुंच गए.

सुबह हुई तो दो बसें लग गई थीं. स्टूडेंट्स ज्यादा होने की वजह से दो बस बुक की गई थीं. वो दोनों बस दिखने में अच्छी थीं, हमें लग रहा था कि उसमें शायद एसी भी होगा.

सभी टीचर्स छात्रों को बसों में बिठाने में व्यस्त थे क्योंकि बस में जितनी सीट थीं, उतने ही छात्र बैठे जा सकते थे. इसलिए सभी स्टूडेंट्स को बसों में गिन कर बैठा रहे थे.

जिन लोगों के कॉलेज या स्कूल से टूर जाता होगा, उन्हें ये सब पता होगा.

फाइनली हमारा नंबर आया तो हम बहुत खुश हुए. हम सभी दोस्तों को साथ में ही बैठना मिल रहा था. हमें एक ही बस में बैठने के लिए सीट मिल गई थी. हमारी ज्यादा ख़ुशी की एक वजह यह भी थी कि हमें पहली बार एसी बस में बैठना मिला था.

हम सब दोस्त और टीचर्स बस में आ चुके थे और हम लखनऊ के लिए निकल चुके थे.

मैं सीधे कहानी के उस भाग पर आ रहा हूँ, जिसका आपको इंतज़ार है. चुदाने का और चोदने का कार्यक्रम पढ़ना ही आपकी मुख्य रूचि है. जिसके लिए लंड हमेशा खड़े रहते हैं और लड़कियों की चूत में हमेशा पानी बहता रहता है.

हम लखनऊ पहुंच गए और हमारी बस पहले जिधर गई, वो खास जगह नहीं लग रही थी. वो कोई बड़ा सा इंस्टिट्यूट था. ये हमारे कॉलेज से बड़ा ही था. हमारे साथ सर और मैम दोनों ही थे.

मैम ने बताया कि वो किसी साइंस से जुड़ी जगह थी, जहां साइंस से जुड़ी कई चीजों के बारे में हमें सिखाया जाएगा.

दो ढाई घंटे तो इसी चूतियाई में ही निकल गए. हालांकि वो जगह काफी अच्छी थी, पर उसके बारे में बताने में कोई ख़ास मजा नहीं है.

हम सब मैं, नवीन और विवेक साथ में घूम रहे थे. लड़कियों ने अपना अलग ग्रुप बना रखा था.

हमने सोचा कि चलो पूरा कॉलेज घूम कर आते हैं. किसी खाली जगह पर जाकर सिगरेट पीने का मौक़ा भी तलाश रहे थे. इस समय किसी को कहीं आने जाने की कोई रोक-टोक नहीं थी.

उस कॉलेज की दो बिल्डिंग्स में जाना मना था क्योंकि वहां क्लास चल रही थी. हम सब इधर उधर घूमने लगे, कॉलेज बड़ा था, तो एक बार को तो समझ ही नहीं आया कि हम कहां पर आ गए थे.

फिर हम तीनों सिगरेट पीने की चुल्ल के चलते थर्ड फ्लोर पर आ गए थे. उधर साला चलना बहुत ज्यादा पड़ रहा था … तब भी देखने में काफी मन लग रहा था.

कॉलेज के तीसरे फ्लोर में बहुत कम क्लास ही खुली थीं, लैब तो सब बंद ही थीं. तभी हमें एक लैब का दरवाजा खुला मिल गया, तो मैंने सोचा कि चलो अन्दर चल कर बैठेंगे और उधर ही सिगरेट का मजा लेंगे.

हम सब सबसे नजर बचाते हुए उस लैब के अन्दर घुस गए ताकि किसी को पता ना लग जाए कि हम अन्दर हैं.

उस लैब में काफी सारा सामान रखा हुआ था और वो लैब काफी गंदी भी थी. शायद वहां कोई आता नहीं होगा, इसलिए सफाई नहीं करते होंगे. वो लैब बहुत बड़ी थी. लैब के बीच में एक ही दरवाजा था, जो आने-जाने के लिए था और दोनों तरफ बहुत सारी खिड़कियां थीं.

हम लोग अभी अपनी सिगरेट पीने का कार्यक्रम शुरू ही करने वाले थे कि तभी हमें लगा कि शायद आगे कोने की तरफ कोई है.

हमने एक दूसरे कि तरफ देखा और चुपके से आगे को आ गए.

मैंने देखा कि एक लड़का और लड़की चूमाचाटी कर रहे थे. वो दोनों उसी कॉलेज के लग रहे थे. वो दोनों एक दूसरे से ऐसे चिपके हुए थे जैसे किसी ने गौंद से चिपका दिया हो.

मैंने विवेक और नवीन की तरफ देखा तो उन दोनों ने होंठों पर उंगली रख कर लाइव ब्लूफिल्म देखने का इशारा कर दिया.

हम तीनों चुदाई देखने लगे.

थोड़ी देर बाद उस लड़के ने अपना हाथ उस लड़की की कमर पर डाला और जोर से अपनी ओर खींच लिया. वो लड़की उससे एकदम चिपक गई थी कि उसके बूब्स लड़के की छाती से बिल्कुल दबे जा रहे थे.

लड़के ने अपना दूसरा हाथ लड़की के पीछे से ले जाकर उसकी स्कर्ट के अन्दर डाला और उसकी चड्डी उतार दी. फिर वो लड़का पीछे से ही चूत में उंगली डाल कर आगे पीछे करने लगा. वो लड़की पहले ही बहुत गर्म थी.

फिर उस लड़के ने लड़की को किस करते करते दीवार से टिका दिया. उस लड़की ने इस हरकत का कोई विरोध नहीं किया.

इस समय वो भी काफी रोमांटिक मूड में थी. उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी.

वो लड़का उस लड़की के बूब्स को देखकर पगला सा गया और उसके मम्मे मसलने लगा.

ये सब देख कर मैं और मेरे दोस्त बहुत ज्यादा मदहोश हो गए थे. वो लड़का अपनी जुगाड़ को जोरों से किस करने लगा. लड़की भी उसका साथ दे रही थी, इस समय वो भी काफी गर्म होने लगी थी.

वो दोनों धीरे धीरे आवाजें निकालने लगे.

लड़की- आहह उम्म्ह … अहह … हय … याह … ओह माई गॉड उह आहह कमीने राहुल और ज़ोर से अहहह काटो मेरे बूब्स को काटो प्लीज.

मतलब उस लौंडे का नाम राहुल था.

राहुल ने लड़की की शर्ट के ऊपर का एक बटन और खोल दिया और उसकी ब्रा से उसके दोनों मम्मों को निकाल कर चूसने लगा. दूध चुसवाने से लड़की और जोश में आती जा रही थी.

राहुल उस लड़की का नाम लेने लगा- आह हुर्रेम … तेरे दूध बड़े रसीले हैं.

मतलब हुर्रेम राहुल से चुद रही थी.

हुर्रेम भी राहुल को अपने दूध पिलाते हुए मजा लेने लगी.

बहुत देर ये सब चलने के बाद वो लड़की हुर्रेम नीचे बैठ गई. सामने मेज होने की वजह से अब वे दोनों हमको सिर्फ कमर तक ही दिख पा रहे थे.

हम उस लड़की हुर्रेम को तो नहीं देख पा रहे थे, पर इतना तो समझ ही गए थे कि वो हुर्रेम राहुल का लंड निकाल कर चूस रही है. वो लड़का राहुल अपना मुँह ऊपर दीवार की तरफ मुँह करके लंड खोल कर खड़ा था. उसके चेहरे पर खुशी के भाव साफ दिख रहे थे.

कुछ देर बाद वो लड़का राहुल उस लड़की हुर्रेम का मुँह पकड़ कर उसका मुँह चोदने लगा.

थोड़ी देर बाद उसने हुर्रेम को खड़ा किया और उसे टेबल पर टिका कर कुतिया की पोजीशन में कर दिया. फिर पीछे से अपना लंड चुत में डाल दिया और हुर्रेम की चुदाई करने लगा.

इस वक्त हम उन दोनों को साफ साफ देख पा रहे थे. राहुल का लंड काफी गोरा था. उसके लंड का साइज तो नहीं बता सकते, पर उसके लंड को बड़ा कहा जा सकता था.

उसने अपना पूरा लंड हुर्रेम की चूत में एक बार में ही डाल दिया. उस लड़की हुर्रेम ने भी उसका लंड आराम से ले लिया था. अब वो दोनों चुदाई में मस्त हो चुके थे. राहुल अपनी पूरी ताकत से हुर्रेम की चुत चोद रहा था. हुर्रेम भी राहुल के लंड से चुदकर बहुत खुश लग रही थी.

तभी नवीन ने मेरे कान में बोला- मेरा मन कर रहा है कि अभी जाकर मैं दोनों को पकड़ लूं और उस लड़की को मैं भी चोद लूं.

मैंने बोला- नहीं नवीन रहने दो, क्यों यूं दोनों की चुदाई खराब करें, हमारे नसीब में होगी, तो हमें भी हमारी चूतें रात तक मिल ही जाएंगी.

अब तक वो दोनों ने चुदाई का पोज चेंज कर चुके थे. इस समय राहुल उस लड़की की एक टांग उठाए हुए था और दूसरे हाथ से लड़की को सहारा दे रहा था. उसका लंड चूत में अन्दर बाहर हो रहा था.

हम तीनों भी जोश में आ चुके थे. तभी विवेक ने धीरे धीरे आगे बढ़ना शुरू कर दिया था क्योंकि वो थोड़ा सा पास से चुदाई देखना चाहता था.

विवेक अब लगभग उन दोनों के पास पहुंच गया था, पर वो दोनों उसे देख नहीं पा रहे थे. क्योंकि वो दोनों खिड़की की तरफ मुँह करके खड़े थे और उन दोनों का पूरा ध्यान चुदाई पर था.

विवेक ने हमें इशारा करके अपने पास आने को कहा, पर मैंने मना कर दिया क्योंकि मुझे लग रहा था कि अगर हम वहां गए, तो उन्हें पता चल जाएगा और हमारा मजा खराब हो जाएगा.

मगर विवेक जिद करने लगा और हमें बुला रहा था. तो मैं चला गया.

वहां जाकर हमारी आंखें फटी की फटी रह गईं. दोस्तो वहां पर दो नहीं, चार लोग चुदाई कर रहे थे.

ये देख कर हमें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था. बाकी के दो जमीन पर लेट कर चुदाई कर रहे थे. जमीन पर लेट कर चुदाई करने वाले लड़के ने अपना ब्लेजर जमीन पर बिछाया हुआ था और उसके साथ की लड़की उसके लंड पर बैठ कर उछल रही थी.

उनकी चुदाई की आवाजों से मालूम हुआ कि लड़की का नाम जोया था और लड़के का नाम हरीश था.

ये नजारा भी पहले वाले नजारे से भी मस्त था. वो लड़का हरीश जमीन पर लेट कर जोया को चोद रहा था और लड़की हरीश के ऊपर लेटी हुई चुत चुदवा रही थी. जोया की चूत इतनी चिकनी और गोरी थी कि उसकी चूत देख कर ही मेरा लंड जैसे फटने को हो रहा था.

इस ग्रुप सेक्स को देख कर मेरे लंड का और मेरे दोनों दोस्तों के लंड का क्या हुआ. क्या वो दोनों लड़कियों ने हम तीनों को चुदाई का सुख दिया. वो सब मैं आपको अपनी इस कॉलेज सेक्स स्टोरी के अगले भाग में लिखूंगा.

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कॉलेज सेक्स स्टोरी का अगला भाग: कॉलेज टूर में लंड चुसाई का मजा- 2

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