बॉस की कामुकता वासना का शिकार बनी-2

अब तक आपने पढ़ा.. मेरी बेटी मेघा पर मेरे बॉस रहेजा की कामवासना भरी नजरें टिक गई थीं.. और रहेजा मुझे प्रोमोशन का लालच देकर और एक लाख रूपए देने का कह कर मेरी बेटी मेघा को मेरे सामने ही भंभोड़ने लगा था। अब आगे..

रहेजा तो जैसे इसी फिराक में था, उसने अपना गोरा लंड जो मुझसे काफ़ी मोटा और लंबा था, उसकी बुर में घुसेड़ने लगा।

मेघा बिलबिला उठी.. वह पूरी पागल हो गई ‘उईईइ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… सर आपका बहुत.. टटटाइट है..’ मेघा यह कहकर अंगड़ाई लेने लगी। वह सही कह रही थी, रहेजा का लंड मेरे लंड से मोटा और लम्बा था, इतनी छोटी बुर में उसको ले पाना आसान काम नहीं था।

‘आआहह्ह… पापा बहुत दर्द हो रहा है..’ उसने आखें भीच लीं। ‘बस बस.. मेरी ब्रेव गर्ल थोड़ा सा और..’ कार की पिछली सीट पर मैं उसके सर को अपनी गोद में रखे उसका हाथ पकड़े हुए था और अपने दूसरे हाथ से उसके गाल को सहला रहा था।

रहेजा ने उसकी पतली सी कमर को पकड़कर अपनी तरफ खींचा, रहेजा का लंड पूरा का पूरा उसकी बुर में घुस गया था, वह दर्द से छटपटा रही थी, उसका सर मेरी गोद में था, मैं उसके गालों को तो कभी उसकी चूचियों को सहला रहा था।

‘आआह्ह्ह्ह… सर निकालो इसको… मैं मर जाऊँगी..’ ‘कुछ नहीं होगा डार्लिंग.. बस बस.. थोड़ा सा और खा लो।’

रहेजा का मोटा लंड मेरी बेटी की बुर में पेवस्त हो रहा था, वह दर्द से छटपटा रही थी, मैं उसकी बुर को खोलते हुए सहला रहा था।

‘आआअह्हह.. पापा देखो आखिर ले लिया पूरा..’ मेघा सिसकारियां लेते हुए मुस्कुरा रही थी। उसकी आखों में आंसू थे लेकिन चेहरे पर वासना भरी मुस्कान थी।

आज मेरी मासूम बेटी की बुर में किसी गैर मर्द का लंड देखकर मेरी फैन्टेसी पूरी हो रही थी। मैं काफ़ी खुश था और अब साइड में बैठ कर लंड हिला रहा था।

मेघा बोली- अया.. उह.. हुन्न्ं.. क्या बात है पापा आज आपका लंड भी बहुत मोटा और बड़ा लग रहा है.. वह एक हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी थी।

‘मेरे बर्दाश्त के बाहर हो रहा है.. ऐसा लग रहा है जैसे आज फिर से अपने हॉस्टल टाइम के दोस्तों के साथ रंडी को चोद रहा हूँ। मैं फिर उसके पास जाकर बोला- डार्लिंग आज बहुत ज़्यादा एग्ज़ाइट्मेंट में हूँ ना.. इसलिए लंड बड़ा और मोटा हो गया है।

‘मेघा डार्लिंग क्यों तुम्हें दर्द हो रहा है तो निकाल दूँ क्या?’ रहेजा ने उसको चिढ़ाने के लिए ऐसा जानबूझ कर बोला। वो तुरंत बोली- नहीं नहीं.. सर दर्द से ज़्यादा मज़ा.. आ रहा है.. प्लीज़ चोदिए ना.. आज मेरी बुर को फाड़ दीजिए.. इस उम्र में भी आपका लंड आज लोहे की रॉड की तरह कड़ा है.. ऐसा लग रहा है.. जैसे मेरी बुर को फाड़ ही डालेगा।

यह सब सुनकर रहेजा और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया और उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी। स्पीड बढ़ने से मेघा की आवाज और भी तेज हो गई, पूरी कार उसकी मस्त कामुक आवाजों से ‘अया..अया..’ गूँज रहा था।

‘आह्हह्हह.. साले हरामी.. बच्ची को चोद दिया तूने.. अआह्ह.. मासूम बच्ची की जान निकाल दी तूने कमीने.. आह्ह्ह.. असस्स.. आआहह्ह..’

मेघा काफ़ी ज़्यादा मज़े ले रही थी और बोले जा रही थी- हाँ डार्लिंग.. ऐसे हीं.. हाँ.. इस.. सस्स.. आ.. आ बहुत दिनों के बाद इतना मज़ा आ रहा है, लग रहा है जैसे जन्नत में हूँ।

मेघा की बातें सुनकर रहेजा सर हँस रहे थे, मेरी बेटी की नन्ही सी चिकनी बुर पूरी तरह से पानी छोड़ रही थी.. जिससे उसकी कमर के नीचे रखे कुशन भी गीला हो गया था।

वो बोली- प्लीज़ सर अब डॉगी स्टाइल में चोदिए ना?

रहेजा ने अपना लंड बाहर निकाला तो मेघा नंग-धड़ंग कार से बाहर आकर डॉगी स्टाइल में झुक गई। इस वक्त उसके बदन पर सिर्फ जूते और बालों में दो रिबन ही मात्र थे। रहेजा ने कार से बड़ा सा कुशन मैट निकाला और मेरी बेटी मेघा को कंधे पर उठाकर हाईवे के साइड झाड़ियों में चला गया। मैं और ड्राईवर प्रसाद उसके पीछे-पीछे थे।

‘चल माय सेक्स डॉल.. अपने पापा की परी.. फटाफट झुक कर कुतिया बन जा।’ उसने मेघा को मैट पर कुतिया बना दिया। एक बार फिर से उसकी मेघा की चूत में पीछे से अपना तना हुआ लंड डाल कर धकापेल चोदने लगा।

मैंने देखा कि रहेजा सर के लंड में कुछ खून लगा था.. मैं समझ गया कि ज़्यादा मोटा और लंबा लंड होने के कारण से बुर से खून निकल आया है.. कुछ खून सीट पर भी गिरा था।

रहेजा ने फिर से लंड मेघा की बुर में पेल दिया.. वो चिहुंक उठी, पर रहेजा पूरा ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा।

पूरा एरिया सन्नाटे में ‘फ़च.. फ़छ..’ और ‘अया.. अयाया.. अयां से गूँज रहा था।

मेघा की छोटी-छोटी चूचियां पूरी तरह से हिल रही थीं। मैं अपनी बेटी को इतने मदमस्त तरीके से चुदते देख कर साइड में खड़ा होकर मुठ मारने लगा।

फिर रहेजा ने एक पेड़ की आड़ लेकर मेघा को अपने ऊपर ही लिटा कर चोदना चालू किया और अपनी स्पीड की रफ्तार से बढ़ा दी। मेघा तो ‘उई..माँ.. एयाया.. अयाया मार दीजिएगा क्या.. या..एयाया..’ करने लगी और बोली- आह्ह.. और ज़ोर से.. मैं झड़ने वाली हूँ।

रहेजा पूरी स्पीड में चोदने लगा, मेघा बहुत एग्ज़ाइट्मेंट और एक जंगली जानवर की तरह झड़ने लगी। उसने रहेजा को कस कर पकड़ लिया और अपने नाख़ून पूरे ज़ोर से उसकी पीठ में गड़ा दिए।

मेघा का स्खलन इतनी तीव्र और जंगली, भयानक था कि मैंने आज तक नहीं देखा था। उसने इतने ज़ोर से रहेजा सर को नाख़ून ग़ड़ाए कि रहेजा की पीठ से खून निकलने लगा।

वो लगभग एक मिनट तक झड़ती रही, वो रहेजा सर को छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी। इतना भयंकर स्खलन तो उसे पहली बार मेरे साथ के दिन भी नहीं हुआ था।

झड़ने के बाद वो पूरी तरह निढाल हो गई और बोली- क्या बात है मेरी जान.. इतना मज़ा आज तक नहीं आया था.. आह्ह.. आज बहुत ही ज़्यादा मज़ा आया।

थोड़ी देर में शांत होने के बाद रहेजा सर फिर से उसको चोदने लगा.. क्यूंकि उसका अभी माल नहीं निकला था।

मेघा बोली- जान मैं अब मुँह में ले लूँ आपका? मैंने फिर उसके पास जाकर कहा- नहीं अभी नहीं..

संजय उसको धमाधम चोदने लगा और मेघा के झड़ने के कुछ मिनट बाद वो भी झड़ने को होने लगा। मेघा जान गई थी कि लंड से स्पर्म गिरने वाला है।

एकाएक वो पता नहीं क्या सोचकर, जिसकी मुझे भी उम्मीद नहीं थी, बोली- डार्लिंग आज मुझे सबसे ज़्यादा मज़ा आया है.. इसलिए आज मैं आपका वीर्य अपने मुँह में लेना चाहती हूँ।

यह सुनकर मुझे अपने बॉस से जलन भी होने लगी.. क्योंकि आज तक मेघा मेरा वीर्य मुँह में लेने में बहुत नखरे करती थी। वो कहती थी कि बहुत गंद करता है, उल्टी हो जाएगी।

सर ने अपना लंड चूत से निकाल कर मेघा के मुँह में डाल दिया। मेघा बोली- सर आपका लौड़ा अभी भी बहुत ज़्यादा मोटा और कड़क है। वो बेतहाशा लंड को चूसने लगी..

‘आआह्ह्ह्ह…चूस और चूस रंडी…, पूरा अन्दर लेकर चूस..’ मेघा पूरी तन्मयता से लंड को चचोर रही थी.. जिससे रहेजा बेकाबू हो गया और लंड का रस उसके मुँह में ही छोड़ने लगा।

मेघा खुशी-खुशी स्वेच्छा से उसके लंड के रस को.. जैसे कि कोई अमृत हो, मुँह में ले रही थी।

इस पूरे एपिसोड में लगभग डेढ़ घंटा लग गया था। मेरे बॉस रहेजा ने मेरी बेटी मेघा को हाईवे पर रंडी की तरह चोदा.. फिर उसने कपड़े पहने। सुबह के दो ढाई बजने वाले थे..

इसके बाद रहेजा ने हमको एक लाख कैश दिए और हम दोनों को घर तक ड्राप किया। उसने मेरी बेटी का कांटेक्ट नंबर ले लिया था और जल्द ही मुलाक़ात के लिए बोला था।

मेरी बेटी की हालत ख़राब थी। उसके कपड़े जगह जगह से फट गए थे.. वह लड़खड़ा कर चल रही थी। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

हमारी बिल्डिंग का वाचमैन हमको घूर-घूर कर देख रहा था। मैं मेघा को गोद में उठाकर कमरे में लेकर गया। कमरे में पहुँच कर मैंने दो पैग बनाये.. एक उसको पिलाया और एक खुद पिया और फिर हम दोनों बाप-बेटी एक-दूसरे से चिपट कर सो गए।

सोमवार की सुबह मैं अपने बॉस के केबिन में था। मेरे सामने मेरे नाम से एक लैटर था.. जिसको मैंने पढ़ा। मुझे कंपनी का GM बनाया गया था।

मैंने रहेजा सर से हाथ मिलाते हुए ‘थैंक्स..’ बोला और निकल गया। [email protected]