जीजा साली की चुदाई की कहानी

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मेरी एक मस्त सी साली है, उस पर मेरी नजर मेरी शादी से ही थी। तो मैंने अपनी साली की चुदाई कैसे की, इस जीजा साली की चुदाई की कहानी में पढ़ें. मेरा नाम दीपक है और मैं गाज़ियाबाद से हूँ। मेरी उम्र 26 साल है, मैं दिखने में नॉर्मल ही हूँ। मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं।

हुआ यूँ कि शादी के बाद पहली बार में ससुराल गया, जहाँ मेरी मस्त सी साली है। उस पर मेरी नजर मेरी शादी से ही थी। अब पहले मैं उसके बारे में आपको बता दूँ, ताकि आप भी उसके हुस्न को कल्पना में लेकर अपना लंड हिला सकें। उसका नाम अन्नू है, उम्र 20 साल.. और 30 साइज की चुची हैं। अन्नू बहुत सुंदर दिखने वाली बिल्कुल कयामत माल है।

जब मैं अपनी ससुराल पहुँचा तो मेरी साली ने मेरा स्वागत करते हुए बिठाया और झुक कर मुझे कोल्ड ड्रिंक दी। मेरी कामुक निगाहें उसकी मदमस्त चुची पर ही जमी रहीं।

शायद उसे भी ये बात पता चल गई थी, लेकिन उसने मुझसे कुछ कहा नहीं, वो अन्दर चली गई। फिर दिन भर कुछ नहीं हुआ, बस थोड़ा बहुत हंसी-मजाक चलता रहा। जब रात हुई तो मैं, मेरी बीवी और मेरी साली एक ही बिस्तर पर लेट गए।

हम बातें कर रहे थे.. लेकिन मुझे बहुत जोश चढ़ रहा था। कुछ टाइम बाद मेरी साली और मेरी बीवी सो गईं, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। साली के साथ कुछ करता तो कहीं वो हल्ला ना कर दे, इसलिए मुझे डर लग रहा था।

मैं अपनी बीवी के चुचे दबाने लगा और थोड़ी ही देर में बीवी को भी जोश चढ़ गया। हम दोनों ने धीरे-धीरे चुदाई चालू कर दी, लेकिन मुझे लगा कि मेरी साली भी जाग रही है, पर मैंने कुछ बोला नहीं और अपना काम करता रहा।

जब हमारी चुदाई खत्म हुई तो मेरी बीवी तो उधर मुँह करके सो और मैं भी सोने लगा। तभी मैंने देखा मेरी साली उठी और टॉयलेट चली गई और कुछ देर बाद आ गई। शायद उसने हमारी चुदाई देख ली थी या आवाजें सुनी थीं, तो कुछ तो जरूर हुआ होगा। पर अपने को क्या.. साली की चुदाई का मेरा काम तो आसान हो गया था।

दो दिन तो रोज ऐसे ही चलता रहा और तीसरे दिन शाम को 5 बजे के आस-पास, मेरी वाइफ अपनी पुरानी सहेली से मिलने उसके घर गई हुई थी.. मेरी सास कुछ सब्ज़ी आदि लाने गई थीं और मेरे ससुरजी अभी ऑफिस से नहीं लौटे थे, वो 6 बजे के बाद ही आते थे।

घर में मैं और मेरी साली ही बचे थे। हम लोग कमरे में बस बातें कर रहे थे और लेट कर फोटो देख रहे थे। फोटो दिखाते-दिखाते मेरा एक हाथ उसकी चुची से टच हो गया लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। अब बार-बार मेरा हाथ उसकी चुचियों पर टच होने लगा। उसने तब भी कुछ नहीं कहा और वो ऐसे शो कर रही थी, जैसे कुछ हुआ ही नहीं।

इससे मेरी हिम्मत बढ़ने लगी और मुझे बहुत जोश आ गया। मैंने एकदम से उसकी चुचियां पकड़ लीं और जोर से दबा दीं। वो चिल्ला पड़ी और मुझसे छूट कर पीछे को हट कर बहुत गुस्सा करने लगी। पहले तो मैं थोड़ा डर गया, फिर मैंने हिम्मत करके उससे कहा- तुम बहुत सुंदर हो अन्नू, मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ। वो कुछ नहीं बोली और गुस्से में वहाँ से चली गई।

अब मेरी गांड फट रही थी कि कहीं इसने मेरी बीवी को बता दिया तो क्या होगा, मेरी तो सारी इज़्ज़त खराब हो जाएगी। जब मेरी बीवी आई तो वो उससे बात करने लगी। धीरे-धीरे मुझे लगा अब तो में गया, लेकिन बाद में पता लगा कि मेरी बीवी उसे अपनी फ्रेंड के बारे में कुछ बता रही थी, जहाँ वो गई थी।

अब पूरा दिन बीत गया था और सब पहले जैसा था। मेरी साली भी भी पहले की तरह बात करने लगी थी।

पर कभी-कभी मैं उसे कातिलाना नजरों से देखता रहता था। हाँ और वो भी मेरी नजरों को देख कर मुझ पर हंस देती थी।

शायद अब वो मुझसे सैट होने लगी थी। अगले दिन मुझे फिर से मौका मिल ही गया। घर पर बस वो और में ही थे। कूलर चल रहा था और मैंने मौका पाते ही उसे पकड़ लिया। पहले तो वो विरोध करने लगी, लेकिन आज उसके विरोध में गुस्सा ज्यादा नहीं था।

मैं उसे किस करने लगा, जबरदस्ती उसकी चुची दबाने लगा। अन्नू की चुची बहुत टाइट थीं, क्या मस्त मजा आ रहा था, मेरा लंड तो बिल्कुल टाइट हो गया, मुझे लगा कि मेरा पानी अभी ही निकल जाएगा।

लेकिन अभी भी अन्नू का थोड़ा विरोध बाकी था और वो कह रही थी- दीदी है ना ये सब करने के लिए.. तो मेरे साथ ऐसे क्यों कर रहे हो! इस पर मैंने कहा- तुम्हारी बात ही कुछ और है, तुम बहुत सुंदर हो, तुम्हारी चुची का मैं दीवाना हो गया हूँ। अन्नू- मेरी इनमें क्या अलग है? सबकी एक जैसी ही होती हैं! मैं- अरे पगली, तुम नहीं समझोगी कि तुम्हारे पास क्या माल है.. तुम्हें भगवान ने बड़ी ही फुर्सत में बनाया है।

अब मैं उसके टॉप के अन्दर हाथ डाल कर उसकी चुची दबा रहा था और किस करना भी चालू था। अब वो भी मेरा साथ दे रही थी।

मैंने उसका टॉप उतार दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसकी आधी दिखती चुची पीने लगा। मैं एकदम पागल हो गया था इतनी बुरी तरह तो मैंने अपनी बीवी को भी नहीं रगड़ा था। उसे भी मजा आ रहा था और वो चुप होकर मज़े ले रही थी।

मैंने उसकी ब्रा उतार दी, क्या बिल्कुल तनी हुई चुची थी, साली की चुची इतनी सधी हुई थी कि उसको ब्रा की जरूरत ही नहीं थी। उसकी चुची की सख्ती को मैं आप सबको लिख ही सकता हूँ, दिखा सकता तो जरूर दिखाता।

अब मैं उसकी एक चुची को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरी चुची को तेज़ी से दबा रहा था। उसे शायद दर्द हो रहा था और वो हल्के से चिल्लाने लगी- मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज आराम से करो।

लेकिन मैं जानवरों की तरह उस पर टूट पड़ा था। अब मैंने उसकी पजामी खोल दी और पेंटी में हाथ दे दिया। वो बहुत कोशिश कर रही थी कि मैं हाथ बाहर निकाल लूँ, पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने उसकी पेंटी भी खींच कर उतार दी।

अय हय.. क्या गुलाबी और मक्खन मलाई चूत थी उसकी.. ऐसी चूत तो मैंने कभी देखी ही न थी।

मैंने उससे बिस्तर पर खींचा और उसकी चुची पीने लगा, वो भी मेरा साथ दे रही थी और पूरा मजा ले रही थी। यह जीजा साली की चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और लंड निकाल कर उसको हाथ में दे दिया। पहले तो वो लंड पकड़ने में ना-नुकुर कर रही थी, लेकिन बाद में उसने लंड पकड़ लिया और अपना मुँह दूसरी साइड घुमा लिया।

दोस्तो, यह तय बात होती है कि जब एक बार किसी लौंडिया ने लंड पकड़ लिया तो वो उसको देखे बिना नहीं रह सकती।

यही हुआ, अगले ही पल उसने लंड को देखा और आँखें फैलाते हुए बोली- इतना बड़ा..! मैंने कहा- हाँ तेरे लिए ख़ास बड़ा किया है। वो कह रही थी- मुझे कुछ नहीं करना प्लीज.. मुझे छोड़ दो!

मैंने उससे समझाया कि तेरी दीदी भी तो यही लंड लेती है और खूब मजा करती है, तो तू क्यों नहीं ले सकती। बस साली के साथ चिकनी चुपड़ी बातें करते हुए मैं उसकी चूत तक पहुँच गया। मुझे चूत चाटना बहुत पसंद है, यदि समय होता तो उसकी मक्खन चूत को जरूर चूसता.. लेकिन आज टाइम ज्यादा नहीं था। अगर कोई आ जाता तो खड़े लंड पर धोखा हो जाता।

मैंने जल्दी से उसकी चूत पर लंड सैट किया.. और उसे कस कर पकड़ लिया। वो आँखें बंद करके काफ़ी डरी हुई लेटी थी। मैंने चूत की फांकों में लंड के सुपारे को फंसाते हुए एक जोरदार धक्का लगा दिया। मेरा आधा लंड साली की चूत में घुस गया। वो दर्द से चिल्ला पड़ी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और उसकी चूत में से खून ही खून निकलने लगा।

पर मैं कहाँ रुकने वाला था, मैंने एक और धक्का लगा दिया। वो बेचारी अभी पहले दर्द से मुक्त नहीं हुई थी और मैंने दूसरे धक्के का भी दर्द दे दिया। अब मेरा 6 इंच का लंड उसकी चूत में पूरी तरह से समा चुका था। वो जल बिन मछली की तरह तड़फ रही थी। मैं कुछ देर रूका रहा।

कुछ देर बाद वो रो भी रही थी और अपनी चूत को धीरे-धीरे हिला भी रही थी। तभी पता नहीं उसको क्या हुआ, वो जोर-जोर से चूत को ऊपर-नीचे करने लगी। शायद उसका दर्द खत्म हो गया था, लेकिन उसकी आँखें अभी भी बंद थीं.. और वो पूरा मजा ले रही थी।

अब मैंने भी धीरे-धीरे धक्के देने स्टार्ट किए और उसकी गरम चूत में लंड को अन्दर-बाहर करने लगा। वो भी हर मेरे धक्कों का जवाब दे रही थी।

मेरी साली कोई दस मिनट की चुदाई में झड़ गई और उसकी चूत के गर्म पानी से मैं भी झड़ने वाला हो गया था। मैंने लंड बाहर निकाला और उसके पेट पर झड़ गया।

अब हम लोग 2 मिनट वैसे ही लेटे रहे और फिर उसने उठा कर अपना खून पौंछा और चादर हटा कर बाथरूम में डाल आई।

फिर वो मुझसे आकर गले से लग गई और बोली- बहुत मजा आया.. आई लव यू। मैंने भी उसे ‘लव यू टू..’ बोला।

अब जब भी समय और मौका मिलता है तो हम दोनों खुल कर चुदाई करते हैं। वो मेरे लंड की दीवानी हो चुकी है।

यह मेरी साली की चुदाई की कहानी मेरा सबसे मस्त अनुभव भी था। प्लीज मुझे मेल करें कि कहानी आपको कैसी लगी।

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