कुंवारी पड़ोसन लड़की की बुर की चुदाई की सेक्सी स्टोरी

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हॉय दोस्तो, मेरा नाम गौरव (बदला हुआ नाम) है, मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर फैजाबाद का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 20 वर्ष की है, मैं पिछले काफी समय से अन्तर्वासना पर रोज नई कहानी पढता हूँ. मेरे एक दोस्त ने मुझे काफी पहले ही मुट्ठ मारना सिखा दिया था तो मैं रोज नहाते समय मुट्ठ मारता था. मेरा घर बहुत बड़ा लेकिन बहुत पुराना है तो बाथरूम के दरवाजे में एक छेद था जो थोड़ा बड़ा था. शाहीन रोज मुझे उस छेद से देखती थी और मुझे पता भी नहीं चलता था.

शाहीन हमारे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की है मेरी हमउम्र… उनके परिवार के साथ हमारे परिवार के काफी मधुर सम्बन्ध हैं तो शाहीन गाहे बगाहे हमारे घर में आती जाती रहती है परिवार के एक सदस्य की भान्ति..

एक दिन मैं रोज की तरह नहा रहा था उस दिन भी शाहीन देख रही थी, मैंने देखा और डर गया… पहली बार था ना! पर उसने किसी को नहीं बताया.

अगले दिन देखा शाहीन नहीं थी, मैं बाथरूम में मुट्ठ मार ही रहा था कि वो आ गई, तब मैं भी बेशरम की तरह मुट्ठ मार रहा था. तभी मुझे हरामीपन सूझा, मैंने बड़ी फुर्ती से बाथरूम का दरवाजा खोल दिया, शाहीन एकदम हड़बड़ा गई, मैं नंगा खड़ा था, मैं कुछ नहीं बोला और मैंने नहाना शुरू किया. वो वहां से गई नहीं, मुझे लगातार देख रही थी, और फिर जब मैं नहा के लंड पौंछ रहा था तो उसके मुंह में पानी आ रहा था.

फिर शाम हुई, उसने मेरी मम्मी से कहा- आज घर में कोई नहीं है, सब हज पर गए हुए हैं तो गौरव को घर भेज दीजिएगा, मुझे अकेले डर लगता है. मम्मी ने मुझे बोला, मैं उसके घर चला गया और हंसी मजाक होने लगी.

मेरी एक आदत गंदी है कि मैं किसी के पास बैठता हूँ तो छेड़ने के लिए कभी कमर में उंगली कभी चोटी खींचना, कभी चुकोटी काट लेना, कभी कान खींच लेना… ये किया करता हूँ. उस दिन भी ऐसा ही हुआ, मेरे बगल में शाहीन बैठ गई तो मैं उसकी चोटी खींचने लगा, फिर उसने मेरे बाल खींचे. फिर मैंने उसके गाल खींचे फिर उसने मेरे दोनों गाल… फिर मैंने उसकी कमर में गुदगुदी कर दी तो उसने मुझे कई जगह गुदगुदी की.

फिर मुझे दर्द होने लगा तो मैं उस पर झपट पड़ा, मेरे हाथ उसकी चुची पर पड़ गए, वो अपनी बांहों से अपनी चुची छुपा कर भाग ने लगी तो मैंने उसके चूतड़ पर दांत से काट लिया और गांड की दरार में उंगली कर दी. उसने मुझे एक थप्पड़ मारा, बिस्तर पर पटक दिया और मेरे दोनों हाथों को जकड़ कर उसने मेरे होंठों का कस के चूसना शुरू कर दिया. मेरा लंड खड़ा हो चुका था और वो मेरे ऊपर बैठी थी.

मैंने उसे धक्का दिया, वो नीचे आ गई, मैं उसके ऊपर और मैंने उसके होंठों को बहुत बेदर्दी से किस किया तो उसने मुझे कस के पकड़ कर अपनी बांहों में ले लिया. मुझे एक अजीब सी गुदगुदी हुई फिर मैंने उसके कपड़ों के ऊपर से उसकी दोनों चुची दबाने लगा बेददी से! उसने कहा- आराम से! लेकिन मुझे तो दर्द देने में मजा आ रहा था तो मैंने जारी रखा.

उसने कहा- नहीं मानोगे ना? तो उसने मुझे धक्का किया और मैं नीचे आ गया, उसने तुरन्त मेरा लंड पकड़ लिया और जोर से दबाना शुरू किया, मुझे दर्द हो रहा था लेकिन मजा भी आ रहा था.

फिर उसने मेरी नेकर को खोला और मेरा लंड चूसने लगी. मुझे डर लग रहा था कहीं वो दांत से ना काट ले! लेकिन मेरा सोचना था कि उसने कच्च से दांत काटा और मेरा लंड दर्द होने लगा! मगर उसके बाद भी वो चूसती रही, मुझे मजा आने लगा, मैंने कहा- यह बेईमानी है, मैं भी चूसूंगा.

फिर उसने मुझे भी चूसने दिया, जब मैंने उसकी सलवार उतारी तो देखा कितनी सुन्दर… मैंने पहली बार बुर देखी थी. एक आम इंसान के होंठ चहरे पर होते हैं लेकिन उसके चेहरे के साथ वहां नीचे भी होंठ थे. उसके नीचे के होंठों में अजीब सी गर्मी और अजीब सी महक थी. मैंने उसके नीचे के होंठों का चूसना शुरू किया.

उसने मुझे दांत काटा था, मुझे भी काटना था लेकिन उसके वहाँ तो वैसा कुछ था ही नहीं तो मैंने अपना पूरा मुंह खोला और पूरी बुर को मुंह में भर कर उसी पर दांत काट लिया. उसने मुझे एक लात मारी और फिर मैं उसे चूसने लगा. वो भी मेरा लंड लगातार चूस रही थी तो मैं झरने वाला था लेकिन मैंने नहीं बताया, मैं अकड़ा और उसके मुंह में सब कर दिया. यह हिंदी सेक्सी स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

फिर उसके झरने की बारी थी अब वो कांप रही थी और उम्म्ह… अहह… हय… याह… कर रही थी, तभी वो जोर से कांपी और उसका पानी छुट गया. मैं तब भी उसकी बुर चाट रहा था, आधा चाटा, आधा बहाया.

फिर मैं उसकी बगल में लेटा रहा. कुछ देर बाद उसने लंड पकड़ा तो मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैं शाहीन के ऊपर आया, उसकी टांगें फैलाई और उसकी चूत पर लंड रखा, एक जोरदार झटका दिया लेकिन मेरा लंड फिसल गया. फिर दुबारा यही… 3 बार ऐसा हुआ… चौथी बार लंड को उसने सैट किया, मैंने एक बार और जोर का झटका मारा और लंड थोड़ा सा अन्दर गया… दोनों की चीखें एक साथ निकली ‘आआअहह..’ मैंने पूछ- क्या किया तूने? उसने कहा- तू क्यों चिल्लाया? मेरा तो पहली बार है थोड़ा दर्द तो होगा ना! ‘और मेरा चमड़ा छिल गया…’

मेरा लंड खुल गया था, टोपी बाहर… फिर लंड सेट किया, फिर एक धक्का… दर्द कम हुआ और फिर धीरे-2 मैं हिल रहा था, उसे मजा आ रहा था, मेरा लंड जरा सा अन्दर था, मुझे कन्ट्रोल नहीं हुआ मैंने एक और झटका मारा, फिर वो चिल्लाई, उसके आँसू निकलने लगे. मैंने एक और झटका मारा लंड पूरा उसके अन्दर… वो रो रही थी- निकालो निकालो! शाहीन दर्द के मारे अपनी अम्मी अब्बू को याद कर रही थी. लेकिन मैंने लंड नहीं निकाला.

फिर 5 मिनट बाद मजा आना शुरू हुआ, जोर का झटका ‘हाय जोर से लगा…’ और कमरा पूरा ‘आह आह आह आह आह उई आह उई आह उई…’ हो रहा था, मुझे हरामीपन सूझ रहा था, मैं चोदते चोदते उसकी कमर में गुदगुदी कर रहा था और चुची चूस रहा था, दांत से काट रहा था, वो आह उई आह उई आह उई करती रही और कह रही थी- चोदो चोदो और चोदो!

फिर मैंने चोदते चोदते उसकी गांड भी में उंगली डाल दी, वो दर्द के मारे उछल पड़ी. कुछ देर में वो झर गई, फिर 20 से 25 झटकों के बाद मैं भी झर गया.

रात भर में हमने तीन बार चुदाई की. सुबह देखा तो चादर खून से सनी थी और वो चल नहीं पा रही थी।

फिर अक्सर ही चुदाई होने लगी.

एक बार उसके चाचा की लड़की ने देख लिया तो…

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