बलम छोटा लंड मोटा-2

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बलम छोटा लंड मोटा-1

अगले ही दिन दोपहर को हम दोनों खाना खाने के बाद मेरे ही बेडरूम में लेटे टीवी देख रहे थे। मैंने सिर्फ एक टी शर्ट और काप्री पहनी थी। जान बूझ कर मैंने नीचे से ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी। लेटे लेटे पहले तो इधर उधर की बातें चलती रही। मगर अब दोनों की जवान उम्र है तो बात घूम फिर कर फिर सेक्स पर आ गई। मैं उसे अपने हनीमून के किस्से सुनाने लगी।

काफी देर बाद वो बोला- भाभी लगता है अपने प्रेम के किस्से सुनाते सुनाते आपका मन भी करने लगा है? मैंने अंजान बनते हुये पूछा- किस बात को? वो बोला- सेक्स करने को! मैंने नाटक से करते हुये कहा- नहीं तो… तुझे किसने कहा? वो बोला- आपके निप्पल्स ने!

मैंने उसकी आँखों में देख कर पूछा- तुझे कैसे पता? वो बोला- मैंने पढ़ा था, जब औरत का मन सेक्स करने के लिए उतावला होता है तो एक तो उसके बूब्स के निप्पल्स कड़े हो जाते हैं और… वो चुप हो गया।

मैंने पूछा- और? ‘और…’ वो बोला- दूसरा उसके नीचे वहाँ, पे पानी आने लगता है, देखो आपके भी पानी का निशान पड़ गया। मैंने अपनी दोनों टाँगें चौड़ी कर के देखा, बिलकुल मेरी चूत के नीचे पानी का निशान पड़ गया था।

मैंने उसकी ओर देख कर पूछा- अब क्या करूँ? वो बोला- अब क्या करना है, रात तक का इंतज़ार करो, भैया आएंगे, वही करेंगे। मैंने फिर कहा- और अगर मैं अभी सब कुछ करना चाहूँ तो…?

उसने पहले मेरी तरफ देखा और नीचे नज़र झुका कर बोला- मैं आपके किसी काम आ सकूँ तो? मतलब वो मेरी प्यास बुझा सकता था, मगर दिक्कत ये थी, दोनों में से पहल कौन करे… मैं उसको देख रही थी, वो मुझको!

फिर वो उठा और उठ कर मेरे ऊपर को आया, मैं यंत्रवत सी खुद ही लेट गई तो वो मेरे ऊपर ही आ लेटा। उसके लेटते ही मैंने उसको अपने सीने से लगा लिया। बस इतना ही बहुत था उसके लिए, उसने भी मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और मेरे होंठों को चूम लिया।

मैंने उसे स्माइल दी, तो उसने मेरे दोनों होंठ अपने होंठों में पकड़ लिए और चूसने लगा, जैसे इन में से कोई रस निकलेगा। ‘ओह भाभी, आप नहीं जानती आपने मेरी कितनी बड़ी इच्छा पूरी कर दी है। कब से मैं इस दिन, इस वक़्त के लिए तरस रहा था।’ कहते कहते उसने अपनी टी शर्ट उतार दी, और साथ ही मेरी भी। दूध जैसे गोरी, गोल गोल भरी हुई चुची देख कर उसकी आँखें फटी रह गई- ओह भाभी, आपके चूचे कितने प्यारे हैं। कह कर उसने मेरे दोनों बूब्स अपने दोनों हाथ में पकड़ कर दबाये और दोनों निप्पल को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसने लगा।

मैंने कहा- देवरजी, अब सब आपके लिए ही है, जितना दिल करत है, पियो। उसने खूब चूसे मेरे बूब्स, खूब दबाये, उसकी खुशी देख कर मुझे भी मन ही मन खुशी हो रही थी।

फिर वो उठा, और उसने अपनी पेंट और चड्डी दोनों एक साथ उतार दी। जब वो नंगा हुआ तो मैं तो उसे देख कर हैरान ही रह गई। बेशक उसका लंड 5 इंच का ही था, मगर मोटा बहुत था, मेरे पति के लंड से दुगना मोटा। मैंने उसे देख कर पूछा- तुषार ये तो बहुत मोटा है? वो बोला- बस भाभी शुरू से ऐसा ही है। मैंने कहा- अगर अब ये इतना मोटा है, जब तू पूरा जवान होगा, 24-25 साल का, ये और लंबा होगा, तो और भी मोटा हो जाएगा, तू तो अपनी बीवी को मार ही डालेगा। वो बोला- मुझे बीवी की ज़रूरत नहीं है भाभी, मुझे सिर्फ आपसे प्यार है, अगर आप इसे ले लो, मैं और किसी को यह नहीं दूँगा।

अब जब सारा कुछ खुल ही चुका था, तो न लेने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था। उसने आगे बढ़ कर मेरी काप्री के दोनों तरफ इलास्टिक में अपनी उँगलियाँ फंसाई और सरर से नीचे खींच कर मुझे भी नंगी कर दिया।

मुझे नंगी करने के बाद कुछ सेकंड वो मुझे सिर्फ देखता रहा। मैंने पूछा- क्या देख रहे हो, पहली बार नंगी औरत देखी है क्या? वो बोला- नहीं भाभी, नंगी तो मैं आपको अक्सर ही देखता हूँ, पर तब आप किसी और के लिए नंगी होती हो, आज आप मेरे लिए नंगी हुई हो, इसलिए अपनी मोहब्बत को नंगी देख रहा हूँ। मैंने पूछा- तूने मुझे नंगी कहाँ देख लिया बे? वो बोला- वो सब बाद में बताऊँगा, अभी जो का करना है, वो करें!

कह कर उसने मेरी दोनों टाँगे चौड़ी की और बीच में अपना मुँह लगा दिया। अपनी चूत तो मैंने पहले भी बहुत बार चटवाई थी, मेरे पति भी बहुत चाटते हैं, मगर अपनी शादी के बाद, पहली बार किसी गैर मर्द से अपनी चूत चटवा रही थी, इसीलिए मुझे बहुत रोमांच सा महसूस हो रहा था।

1-2 मिनट चाटने के बाद तुषार घूमा और उसने अपना लंड मेरे मुँह के पास कर दिया, मतलब मुझे उसका लंड चूसना था। मैंने उसे हाथ में पकड़ा, मोटा गर्म और भारी लंड… मैंने उसकी चमड़ी हटा कर उसका टोपा बाहर निकाला, लाल गुलाबी टोपा, हल्की सी गंध, जो हर लंड से आती है।

मुझे यह गंध अच्छी लगती है, मैंने पहले उसके टोपे को चूमा और फिर अपने गुलाबी होंठ खोल कर उसका मोटा सारा टोपा अपने मुँह में ले लिया, मुझे लगा जैसे उसके लंड के लिए मेरा मुँह भी छोटा पड़ रहा है। मगर मुझे अच्छा लगा और मैं उसका लंड चूसने लगी।

वो मेरी चूत से अपना मुँह हटा कर बोला- शाबाश मेरी जान, चूस इसे! और उसने मुझे ऊपर कर दिया और खुद नीचे लेट गया। अब उसका लंड मेरे सामने खड़ा था, मैंने उसका टोपा मुँह में लिया। वो बोला- सीमा, अपनी चूत को मेरे मुँह पर रगड़ो, मैं चाहता हूँ, तुम्हारी चूत के पानी से मेरा सारा मुँह भीग जाए!

मैं अपनी चूत को उसके होठों, नाक और ठोड़ी पर रगड़ने लगी, वो खुद भी अपना मुँह घुमा घुमा कर अपना सारा चेहरा मेरी चूत से रगड़ता रहा, मुझे लग रहा था, जैसे वो चाहता हो कि उसका पूरा सर ही मेरी चूत में समा जाए। मैंने कहा- तुषार, अपनी जीभ जितनी अंदर तक हो सकता है मेरी चूत में डाल कर चाटो, मेरी गांड भी चाटो! सच में वो मेरी चूत गांड सब चाट गया। मैंने भी पूरे मन से उसका लंड उसके टट्टे, सब चूसे।

जब चूसा चुसाई हो गई, वो बोला- अब चोद के देखूँ तुझे? मैंने कहा- इसमें पूछना क्या, आ जाओ।

उसने मुझे बेड के बीच में लेटाया और मेरे ऊपर आ गया, मैंने खुद उसका लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रखा- ज़रा धीरे से, तुम्हारा बहुत मोटा है। वो बोला- क्या भैया से ज़्यादा मोटा है? मैंने कहा- उनका तो इसका आधा भी नहीं है. अब ये देख कर मुझे उनका लंड किसी बच्चे की लुल्ली जैसा लगेगा।

उसने ज़ोर लगाया और उसके लंड का टोपा मेरी चूत में घुस गया… उम्म्ह… अहह… हय… याह… पूरा टाईट.. मैंने महसूस किया, जितनी मेरी चूत खुल सकती थी, उतनी खुल चुकी थी, अगर थोड़ा भी उसका लंड और मोटा होता, तो आज मेरी चूत का मुँह फट जाता और मुझे दोबारा खून निकल आता।

हल्के दर्द के निशान मेरे चेहरे पर उभरे, वो बोला- क्या दर्द हो रहा है? मैंने कहा- नहीं दर्द तो नहीं पर बहुत टाईट अंदर गया है इसलिए थोड़ी मुश्किल लग रही है। वो बोला- अभी दो मिनट में रवां हो जाएगी! भाभी की चुदाई की यह हिंदी कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

कह कर वो आराम आराम से मेरे अंदर बाहर करने लगा और हर बार अपना लंड मेरे और अंदर तक ठेलता। पूरा लंड जब मेरी चूत में उतार गया उस वक़्त मुझे ऐसा लगा, जैसे किसी ने अपनी पूरी बाजू ही मेरी चूत में घुसेड़ दी हो, अंदर से बाहर तक पूरी तरह से टाईट।

मैंने तुषार को कस कर अपने सीने से लगा लिया- मजा आ गया, यार, आज लगा है जैसे किसी मर्द का लंड अंदर गया हो! मेरी बात ने उसमें जोश जगा दिया और वो ज़ोर ज़ोर से मुझे चोदने लगा।

बेशक इससे मुझे तकलीफ हो रही थी, मगर उसके चेहरे पे तो जैसे कोई बहुत बड़ी जंग जीतने जैसे खुशी थी। मैं नीचे लेटी सिर्फ उसको ही निहारे जा रही थी, और वो आँखें बंद किए न जाने किस दुनिया में खोया मुझे ठोक रहा था। बमुश्किल 5-6 मिनट ही वो मुझे चोद पाया, बस इतने में ही उसका माल झड़ गया, कुछ मेरे अंदर, कुछ बाहर।

मेरा नहीं हुआ था, मगर मोटे टाईट लंड ने मेरी वैसे ही तसल्ली करवा दी थी।

मुझे चोदने के बाद वो मेरी बगल में लेट गया। उसका लंड अभी भी पूरी तरह से ढीला नहीं पड़ा था, वो बोला- भाभी मेरा लंड चाट कर साफ कर दोगी? मुझे वीर्य पीने या चाटने में कोई दिक्कत नहीं थी, मैं उसका लंड चाटने लगी और वो मुझे देखते हुये बोला- आज से 6 महीने पहले जब आप शादी करके इस घर में आई थी, मुझे आपसे तभी प्यार हो गया था, तब मेरे दिल में ख्याल आया था कि एक दिन अगर आपको ज़रूर चोदूँगा, और देखो आज मेरी वो इच्छा पूरी हो गई।

मैंने कहा- तू कह रहा था कि तूने मुझे पहले भी नंगी देखा है, पहले कहाँ से नंगी देखा तुमने? वो बोला- पहले कपड़े पहन कर बाहर चलो, फिर दिखाता हूँ।

थोड़ी देर बाद हम दोनों कपड़े वगैरह पहन कर अपने कमरे के बाहर गए, बाहर की एक खिड़की जो तुषार के कमरे की तरफ खुलती थी, उसमें शीशे के पास थोड़ी सी जगह थी, जिसमें से अंदर का सारा दृश्य दिखता था। वो बोला- आपकी शादी के चौथे दिन ही मैंने आपका सारा क्रिया कलाप देख लिया था और उसके बाद अक्सर देखता था और मुट्ठ मारता था। कभी कभी तो दिन में जब आप अकेली लेटी या बैठी होती थी, तब भी आपको चोरी चोरी देखता था। जब दोस्ती हो गई और आप मेरे साथ खुल गई तो फिर सामने से ही देखने लगा। मैंने कहा- तू तो बड़ा बदमाश निकला, अपनी भाभी को चोरी चोरी नंगी देखता था।

मेरी बात में गुस्सा या नाराजगी कम शरारत ज़्यादा थी। तो वो मेरे हाथ पकड़ कर ले गया, फिर बाथरूम में भी उसने ऐसा ही एक सुराख दिखाया- ये मैंने खुद बनाया था, तुम्हें टट्टी करते, मूतते, व्हिस्पर बदलते बहुत बार देखा है। इतना तो भैया ने नहीं देखा होगा, जितना मैंने तुम्हें नंगी देखा है।

हम फिर वापिस अपने बेडरूम में आ गए। दोनों साथ साथ बेड पे बैठे थे, तभी तुषार बोला- सीमा, एक बात पूछूँ? मैंने कहा- पूछो। वो बोला- क्या ऐसा हो सकता है कि पहला बच्चा तुम मेरा पैदा करो? मैं बड़ी हैरान हुई- देखो, मैं वादा तो नहीं करती पर अभी मेरा बच्चा पैदा करने का कोई मूड नहीं है, जब होगा तुम्हें बता दूँगी, तुम भी ज़ोर लगाना, तुम्हारा भाई भी ज़ोर लगाएगा, जिस बीज फल गया, उसी का बच्चा पैदा कर दूँगी।

वो मेरी बात सुन कर खुश हो गया- मेरी प्यारी भाभी, तो चलो एक बार और हो जाए! अब मुझे इतनी टाईट चुदाई से भला क्या ऐतराज हो सकता है।

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